नई दिल्ली : भारती एयरटेल ने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) और विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबी) के जरिये तीन अरब डॉलर (21,000 करोड़ रुपये से अधिक) जुटाए हैं. इसके साथ ही कंपनी की भारी-भरकम कोष जुटाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है.
भारती एयरटेल को सांविधिक बकाये के रूप में अरबों डॉलर चुकाने हैं.
भारती एयरटेल ने बयान में कहा कि दो अरब डॉलर के पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के बाद कंपनी में प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह की हिस्सेदारी 62.70 प्रतिशत से घटकर 58.98 प्रतिशत रह जाएगी.
बयान में कहा गया है कि कंपनी क्यूआईपी निर्गम के तहत पात्र संस्थागत खरीदारों को पांच रुपये अंकित मूल्य के शेयर 445 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर 32,35,95,505 इक्विटी शेयर जारी करेगी. निर्गम मूल्य 452.09 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य से 1.57 प्रतिशत कम है.
कंपनी ने कहा कि इस पेशकश में मार्की वैश्विक और भारतीय निवेशकों ने काफी उत्साह दिखाया.
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यह सौदा एशिया प्रशांत में सबसे बड़ी दोहरी इक्विटी और एफसीसीबी पेशकश है. यह भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी क्यूआईपी पेशकश है. साथ ही यह पिछले 12 साल में किसी भारतीय कंपनी की सबसे बड़ी एफसीसीबी पेशकश है.
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल अक्टूबर में दूरसंचार कंपनियों पर एजीआर देनदारी के संबंध में फैसला दिया था. इस फैसले के अनुरूप भारती एयरटेल पर 35,586 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सांविधिक देनदारी बनती है. इसमें से 21,682 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क और 13,904.01 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम बकाये का है. इसमें टेलीनॉर और टाटा टेलीसर्विसेज का बकाया शामिल नहीं है.
इससे पहले इसी महीने कंपनी के शेयरधारकों ने इक्विटी के रूप में दो अरब डॉलर (14,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने की मंजूरी दी थी. शेयरधारकों ने कंपनी को एक अरब डॉलर (7,000 करोड़ रुपये से अधिक) ऋण के रूप में भी जुटाने की मंजूरी दी थी.
कंपनी ने बुधवार को बयान में कहा कि उसने क्यूआईपी मार्ग से दो अरब डॉलर और एफसीसीबी से एक अरब डॉलर की राशि जुटाई है.