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दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग तैयार, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री ने इस मेगा परियोजना को जल्द पूरा करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है, जो न केवल सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार पैदा करने के अलावा लाहौल-स्पीति जिले में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा.

सितंबर के अंत तक करेंगे अटल सुरंग का उद्घाटन
सितंबर के अंत तक करेंगे अटल सुरंग का उद्घाटन
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Published : Aug 29, 2020, 9:39 PM IST

मनाली : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शनिवार को अटल सुरंग का दौरा किया. इस सुरंग को पहले रोहतांग सुरंग के तौर पर जाना जाता था, जिसका निर्माण 3,500 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 10,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया है. ठाकुर ने कहा कि सुरंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने करेंगे.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों के साथ सुरंग के प्रगति कार्य की समीक्षा की. उन्होंने बीआरओ अधिकारियों को सुरंग को अंतिम रूप देने में तेजी लाने का निर्देश दिया, ताकि इसे सितंबर के अंत तक प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन के लिए तैयार किया जा सके.

उन्होंने कहा कि सुरंग सैन्य दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस मेगा परियोजना को जल्द पूरा करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है, जो न केवल सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार पैदा करने के अलावा लाहौल-स्पीति जिले में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा.

उन्होंने कहा कि इस सुरंग के निर्माण से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अटल सुरंग लाहौल के निवासियों के लिए एक वरदान होगी, जो भारी बर्फबारी के कारण लगभग छह महीने तक देश के बाकी हिस्सों से कटे रहते हैं.

महत्वाकांक्षी अटल सुरंग, लेह और लद्दाख के आगे के क्षेत्रों को सभी मौसम की कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लेह-लद्दाख तक सभी मौसम कनेक्टिविटी के लिए, 475 किलोमीटर मनाली-लेह मार्ग पर अतिरिक्त सुरंगों का निर्माण करना होगा, ताकि भारी बर्फबारी के कारण उच्च मार्ग आवागमन को बाधित न करें.

ठाकुर ने कहा कि सुरंग की कई विशेषताएं हैं. यहां आपातकालीन स्थिति में बचने के लिए भी एक सुरंग बनाई गई है, जिसे मुख्य सुरंग के नीचे बनाया गया है. यह किसी भी अप्रिय घटना के मामले में एक आपातकालीन निकास प्रदान करेगा. शुरुआत में यह सुरंग मूल रूप से 8.8 किमी लंबी थी, लेकिन काम पूरा होने के बाद ली गई जीपीएस रीडिंग में पता चला है कि सुरंग की कुल लंबाई नौ किलोमीटर है.

यह 10,000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी सुरंग होगी. बीआरओ के मुख्य अभियंता, ब्रिगेडियर के. पी. पुरषोत्तमन ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि इस परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सुरंग में प्रत्येक 150 मीटर पर टेलीफोन सुविधा, प्रत्येक 60 मीटर पर अग्नि रोधी उपकरण, प्रत्येक 500 मीटर पर आपातकालीन निकास, प्रत्येक 2.2 किमी पर गुफानुमा मोड़, हर एक किमी पर हवा की गुणवत्ता बताने वाले मॉनिटर और 250 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरा की सुविधा होगी.

यह भी पढ़ें - अनलॉक-4 के लिए जारी किए दिशानिर्देश, स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद

मनाली : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शनिवार को अटल सुरंग का दौरा किया. इस सुरंग को पहले रोहतांग सुरंग के तौर पर जाना जाता था, जिसका निर्माण 3,500 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 10,000 फीट की ऊंचाई पर किया गया है. ठाकुर ने कहा कि सुरंग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने करेंगे.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों के साथ सुरंग के प्रगति कार्य की समीक्षा की. उन्होंने बीआरओ अधिकारियों को सुरंग को अंतिम रूप देने में तेजी लाने का निर्देश दिया, ताकि इसे सितंबर के अंत तक प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन के लिए तैयार किया जा सके.

उन्होंने कहा कि सुरंग सैन्य दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस मेगा परियोजना को जल्द पूरा करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है, जो न केवल सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार पैदा करने के अलावा लाहौल-स्पीति जिले में पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा.

उन्होंने कहा कि इस सुरंग के निर्माण से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. उन्होंने कहा कि अटल सुरंग लाहौल के निवासियों के लिए एक वरदान होगी, जो भारी बर्फबारी के कारण लगभग छह महीने तक देश के बाकी हिस्सों से कटे रहते हैं.

महत्वाकांक्षी अटल सुरंग, लेह और लद्दाख के आगे के क्षेत्रों को सभी मौसम की कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लेह-लद्दाख तक सभी मौसम कनेक्टिविटी के लिए, 475 किलोमीटर मनाली-लेह मार्ग पर अतिरिक्त सुरंगों का निर्माण करना होगा, ताकि भारी बर्फबारी के कारण उच्च मार्ग आवागमन को बाधित न करें.

ठाकुर ने कहा कि सुरंग की कई विशेषताएं हैं. यहां आपातकालीन स्थिति में बचने के लिए भी एक सुरंग बनाई गई है, जिसे मुख्य सुरंग के नीचे बनाया गया है. यह किसी भी अप्रिय घटना के मामले में एक आपातकालीन निकास प्रदान करेगा. शुरुआत में यह सुरंग मूल रूप से 8.8 किमी लंबी थी, लेकिन काम पूरा होने के बाद ली गई जीपीएस रीडिंग में पता चला है कि सुरंग की कुल लंबाई नौ किलोमीटर है.

यह 10,000 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे लंबी सुरंग होगी. बीआरओ के मुख्य अभियंता, ब्रिगेडियर के. पी. पुरषोत्तमन ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि इस परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सुरंग में प्रत्येक 150 मीटर पर टेलीफोन सुविधा, प्रत्येक 60 मीटर पर अग्नि रोधी उपकरण, प्रत्येक 500 मीटर पर आपातकालीन निकास, प्रत्येक 2.2 किमी पर गुफानुमा मोड़, हर एक किमी पर हवा की गुणवत्ता बताने वाले मॉनिटर और 250 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरा की सुविधा होगी.

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