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मोदी ने भारत-जापान संबंधों को रेखांकित करने के लिए गांधीजी के तीन बुद्धिमान बंदरों का उल्लेख किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-जापान संबंधों को रेखांकित करने के लिए गांधी जी के तीन बुद्धिमान बंदरों का उल्लेख किया. जानें क्या बोले मोदी......

पीएम मोदी (सौ. नरेंद्र मोदी ट्विटर)
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Published : Jun 28, 2019, 8:19 AM IST

Updated : Jun 28, 2019, 11:26 AM IST

कोबे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत और जापान के बीच मजबूत संबंध को रेखांकित करने के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं से जुड़े तीन बुद्धिमान बंदरों का उल्लेख किया.

मोदी ने यहां उत्साह से भरे भारतीय समुदाय से कहा, 'जब हम विश्व के साथ भारत के संबंधों की बात करते हैं तो उसमें जापान का अहम स्थान है.'

वह शुक्रवार से ओसाका में होने वाले जी 20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान आये हुए हैं.

पढ़ें: G-20 Summit: ट्रंप,मोदी और शिंजो आबे के बीच त्रिपक्षीय मुलाकात

उन्होंने कहा, 'जापान के साथ हमारा संबंध सदियों पुराना है. हम एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते हैं. यह बापू (महात्मा गांधी) की वजह से है ... हम सभी ने उनकी यह कहावत सुनी है -- बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत कहो। लेकिन यह सभी को मालूम है कि उन्होंने अपना संदेश फैलाने के लिए जिन तीन बंदरों की बात की, उसका मूल 17 वीं सदी के जापान में है.'

ये तीन बंदर हैं : मिजारू जो आंखे ढके हुए और बुरा नहीं देखता, किकाजारू जिसने कान बंद किए हुए हैं और जो बुरा नहीं सुनता और तीसरा इवाजारू जिसने अपना मुंह बंद किया है और जो बुरा नहीं बोलता.

मोदी ने कहा, 'हमारी भाषा में भी कुछ ऐसे बिंदु हैं जो हमें आपस में जोड़ते हैं.'

कुछ उदाहरण सामने रखते हुए उन्होंने कहा, 'भारत में जिसे हम ध्यान कहते हैं, उसे जापान में 'जेन' कहा जाता है. जिसे हम भारत में 'सेवा' कहते हैं, उसे जापान में भी 'सेवा' कहा जाता है.'

कोबे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत और जापान के बीच मजबूत संबंध को रेखांकित करने के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं से जुड़े तीन बुद्धिमान बंदरों का उल्लेख किया.

मोदी ने यहां उत्साह से भरे भारतीय समुदाय से कहा, 'जब हम विश्व के साथ भारत के संबंधों की बात करते हैं तो उसमें जापान का अहम स्थान है.'

वह शुक्रवार से ओसाका में होने वाले जी 20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान आये हुए हैं.

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उन्होंने कहा, 'जापान के साथ हमारा संबंध सदियों पुराना है. हम एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करते हैं. यह बापू (महात्मा गांधी) की वजह से है ... हम सभी ने उनकी यह कहावत सुनी है -- बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत कहो। लेकिन यह सभी को मालूम है कि उन्होंने अपना संदेश फैलाने के लिए जिन तीन बंदरों की बात की, उसका मूल 17 वीं सदी के जापान में है.'

ये तीन बंदर हैं : मिजारू जो आंखे ढके हुए और बुरा नहीं देखता, किकाजारू जिसने कान बंद किए हुए हैं और जो बुरा नहीं सुनता और तीसरा इवाजारू जिसने अपना मुंह बंद किया है और जो बुरा नहीं बोलता.

मोदी ने कहा, 'हमारी भाषा में भी कुछ ऐसे बिंदु हैं जो हमें आपस में जोड़ते हैं.'

कुछ उदाहरण सामने रखते हुए उन्होंने कहा, 'भारत में जिसे हम ध्यान कहते हैं, उसे जापान में 'जेन' कहा जाता है. जिसे हम भारत में 'सेवा' कहते हैं, उसे जापान में भी 'सेवा' कहा जाता है.'

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Last Updated : Jun 28, 2019, 11:26 AM IST
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