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मोदी ने निवेश और रोजगार बढ़ाने दो मंत्रिमंडल समितियां गठित कीं

बेरोजगार और अर्थव्यवस्था पर केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए दो मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया है. दोनों समितियां पीएम मोदी की अध्यक्षता में काम करेंगी. पढ़ें पूरी खबर....

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Published : Jun 5, 2019, 8:38 PM IST

Updated : Jun 5, 2019, 9:35 PM IST

मोदी कैबिनेट की बैठक. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेश बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के दो महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने के लिए दो मंत्रिमंडल समितियां बनाई. सरकार के सूत्रों ने बताया कि निवेश एवं वृद्धि तथा रोजगार एवं कौशल विकास पर बनी दोनों समितियों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे.

अर्थव्यवस्था में आ रही गिरावट से चिंतित पीएम मोदी ने निवेश और विकास पर पहली पांच सदस्यीय कैबिनेट कमिटी का गछन किया है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और पीयूष गोयल हैं.

अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार चौथी तिमाही में महज 5.8 फीसदी रहेगी, जिसके कारण समूची अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी. वहीं, विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया था कि देश का सकल घरेलू उत्पाद वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 6.8 फीसदी रहा, जोकि पिछले साल के 7.2 फीसदी की तुलना में कम है.

सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल समिति बनाने का प्रावधान है लेकिन प्रधानमंत्री ने पिछले कार्यकाल के दौरान ऐसी कोई समिति नहीं बनाई थी.

बेरोजगारी पर समिति
इसके साथ ही बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए रोजगार एवं कौशल विकास पर दूसरी कैबिनेट कमिटी बनाई गई है. इसमें 10 सदस्य हैं. इस कमिटी में अमित शाह, पीयूष गोयल और सीतारमण के अलावा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, श्रम राज्य मंत्री संतोष गंगवार और शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं.

पढ़ें-बेरोजगारी दर 45 साल में सर्वाधिक, सरकारी आंकड़ों में हुई पुष्टि

45 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी
बता दें, सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट में बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में 6.1 फीसदी रही जोकि पिछले 45 साल का ऊंचा स्तर है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्र में रोजगार की चाहत रखने वाले 7.8 फीसदी युवा बेरोजगार हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा 5.3 फीसदी है.

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने मोदी सरकार को हर साल दो करोड़ नौकरियां पैदा करने के वादे को पूरा ना करने को लेकर निशाना बनाया था. विपक्ष ने धीमी अर्थव्यवस्था का दावा करते हुए भी सरकार पर प्रहार किया था.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेश बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के दो महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने के लिए दो मंत्रिमंडल समितियां बनाई. सरकार के सूत्रों ने बताया कि निवेश एवं वृद्धि तथा रोजगार एवं कौशल विकास पर बनी दोनों समितियों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे.

अर्थव्यवस्था में आ रही गिरावट से चिंतित पीएम मोदी ने निवेश और विकास पर पहली पांच सदस्यीय कैबिनेट कमिटी का गछन किया है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और पीयूष गोयल हैं.

अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार चौथी तिमाही में महज 5.8 फीसदी रहेगी, जिसके कारण समूची अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी. वहीं, विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया था कि देश का सकल घरेलू उत्पाद वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 6.8 फीसदी रहा, जोकि पिछले साल के 7.2 फीसदी की तुलना में कम है.

सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल समिति बनाने का प्रावधान है लेकिन प्रधानमंत्री ने पिछले कार्यकाल के दौरान ऐसी कोई समिति नहीं बनाई थी.

बेरोजगारी पर समिति
इसके साथ ही बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए रोजगार एवं कौशल विकास पर दूसरी कैबिनेट कमिटी बनाई गई है. इसमें 10 सदस्य हैं. इस कमिटी में अमित शाह, पीयूष गोयल और सीतारमण के अलावा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, श्रम राज्य मंत्री संतोष गंगवार और शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं.

पढ़ें-बेरोजगारी दर 45 साल में सर्वाधिक, सरकारी आंकड़ों में हुई पुष्टि

45 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी
बता दें, सांख्यिकी मंत्रालय की रिपोर्ट में बेरोजगारी दर के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 के दौरान एक साल में 6.1 फीसदी रही जोकि पिछले 45 साल का ऊंचा स्तर है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्र में रोजगार की चाहत रखने वाले 7.8 फीसदी युवा बेरोजगार हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह आंकड़ा 5.3 फीसदी है.

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने मोदी सरकार को हर साल दो करोड़ नौकरियां पैदा करने के वादे को पूरा ना करने को लेकर निशाना बनाया था. विपक्ष ने धीमी अर्थव्यवस्था का दावा करते हुए भी सरकार पर प्रहार किया था.

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Last Updated : Jun 5, 2019, 9:35 PM IST
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