नई दिल्ली : कोरोना काल में दिल्ली में प्रवासियों का मुद्दा काफी गर्म रहा था. साल 2012 के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली की आबादी करीब एक करोड़ 90 लाख है. ऐसा माना जाता है कि हर साल दिल्ली में करीब 5 लाख लोग आ जाते हैं. जिसकी वजह से यहां बनने वाली योजनाएं और आधारभूत ढांचा यहां की आबादी के लिए कम पड़ जाती है.
बता दें कि देशभर में दस साल पर जनगणना कराई जाती है. साल 2020 में अप्रैल से सितम्बर महीने के बीच देश की 16वीं जनगणना का पहला चरण होना था, जो कोरोना की वजह से नहीं हो सका. इसे कब शुरू किया जाएगा, फिलहाल सरकार ने इसकी घोषणा नहीं की है, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 16वीं जनगणना पिछले 15 जनगणना से कई मामलों में अलग होगी.
16 भारतीय भाषाओं में होगी प्रश्नावली
देश में अगले दस सालों में बनने वाली योजनाओं के नीति निर्धारण के लिए जो जनगणना होनी है, वो पहली बार डिजिटल होगी. इसमें देशभर से करीब 30 लाख कर्मचारी और अधिकारी हिस्सा लेंगे, जो एक विशेष मोबाइल एप के जरिए जानकारी एकत्रित करेंगे. इसके लिए इन्हें विशेष तौर पर प्रशिक्षित भी किया जाएगा.
बता दें कि इस जनगणना में लोगों से 33 सवाल किए जाएंगे, जो देश की 16 भाषाओं में होगी. इससे लोगों को प्रश्न समझने और सही जवाब देने में सहूलियत होगी.
यह भी पढ़ें- अपनों के विरोध पर सोनिया ने अध्यक्ष पद छोड़ने की जताई इच्छा
शौचालय से लेकर टीवी तक की होगी डिटेल जानकारी
इस जनगणना में लोगों से उनके मकान, मकान की छत, दीवार, शौचालय और उसका प्रकार की डिटेल जानकारी ली जाएगी. मसलन मकान कितना बड़ा है, उसका स्वामित्व किसके पास है, उसका उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है, मकान की छत और दीवार किस चीज की बनी हुई है और शौचालय का प्रकार कैसा है, इसके अलावा लोगों से पिने का पानी के स्रोत, पानी की निकासी, रोशनी के लिए ऊर्जा के स्रोत, रसोई में इस्तेमाल होने वाले ईंधन, घर में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल और टीवी की संख्या और प्रकार संबंधी भी सवाल पूछे जाएंगे. सरकार इन जानकारियों का इस्तेमाल आने वाले वर्षों में बनने वाली योजनाओं के नीति निर्धारण में करेगी.
अंग्रेजों ने की थी जनगणना की शुरुआत
देश में जनगणना की शुरुआत वर्ष 1872 में हुई थी, तब ब्रिटिश वायसराय लार्ड मेयो के अधीन पहली बार जनगणना हुई थी, लेकिन 1881 में पहली बार देश में सम्पूर्ण जनगणना संभव हो पाई थी. वर्ष 1901 के बाद से इसे हर दस साल के बाद कराया जाने लगा था. देश में आखिरी बार वर्ष 2011 में जनगणना कराई गई थी, जो देश की 15वीं जनगणना थी.