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कोरोना से उत्पन्न समस्याओं को कम करने में ग्रामीण विकास मंत्रालय की पहल - ministry of rural development initiatives

कोरोना वायरस महामारी की वजह से किए गए लॉकडाउन की वजह से मेहनतकश मजदूर वर्ग और अन्य श्रमिकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है. इन विकट परिस्थितियों में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कोरोना से उत्पन्न समस्याओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
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Published : Sep 16, 2020, 1:55 PM IST

हैदराबादः कोरोना वायरस महामारी के दौर में संकट से जूझने में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी काफी मदद की. विभिन्न योजनाओं की मदद से देश के गरीब तबके को मदद पहुंचाई. कोरोना काल में लोग कई तरह के संकटों से जूझ रहे हैं. हालांकि सरकार की योजनाएं गरीबों को संकट से उबरने में काफी मददगार साबित हो रही है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना

26 मार्च 2020 को सरकार ने गरीबों के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की. जहां तक ​​ग्रामीण विकास मंत्रालय का सवाल है पैकेज के तहत दो घटक हैं-

(1) राष्ट्रीय वृद्धावस्था सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) की योजनाओं के तहत बुजुर्गों, विधवा और विकलांग / दिव्यांगजन लाभार्थियों को 500 रुपये की दो किस्तों में 1000 रु. का अनुदान प्रदान करना. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 282 लाख लाभार्थियों के लिए एनएसएपी प्रभाग ने अप्रैल 2020 में 2814.50 करोड़ का अनुदान राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को पहली किश्त के रूप में दिया. मई 2020 में दूसरी किश्त का भी अनुदान दिया गया.

(2) पांच सौ रुपये का नकद हस्तांतरण 20.61 करोड़ पीएमजेडीवाई महिलाओं के खाते में हर तीन महीने तक किया गया. कुल 30,944.61 करोड़ रुपये स्थानांतरित किये गए.

आत्मनिर्भर भारत अभियान

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान अपने पांचवें संबोधन में कोरोनोवायरस संकट को कम करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की. पैकेज की घोषणा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके.

मनरेगा का बजट बढ़ाया

सरकार ने मनरेगा के लिए आवंटित राशि में वृद्धि की. कोविड-19 संकट से उबरने के लिए मनरेगा का बजट 40,000 करोड़ रु. बढ़ाया गया. मनरेगा के तहत मजदूरी दर में भी वृद्धि की गई. वर्ष 2020-2021 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत श्रमिकों के लिए मजदूरी दर 182 रु. से बढ़ाकर 202 रु. किया गया.

गरीब कल्याण रोजगार अभियान

इसके अलावा गरीब कल्याण रोजगार अभियान 20 जून 2020 को लॉन्च किया गया, छह चयनित राज्यों के 116 जिलों के ग्रामीण नागरिकों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 13 सितंबर 2020 तक 23,767.32 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

हैदराबादः कोरोना वायरस महामारी के दौर में संकट से जूझने में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी काफी मदद की. विभिन्न योजनाओं की मदद से देश के गरीब तबके को मदद पहुंचाई. कोरोना काल में लोग कई तरह के संकटों से जूझ रहे हैं. हालांकि सरकार की योजनाएं गरीबों को संकट से उबरने में काफी मददगार साबित हो रही है.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना

26 मार्च 2020 को सरकार ने गरीबों के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की. जहां तक ​​ग्रामीण विकास मंत्रालय का सवाल है पैकेज के तहत दो घटक हैं-

(1) राष्ट्रीय वृद्धावस्था सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) की योजनाओं के तहत बुजुर्गों, विधवा और विकलांग / दिव्यांगजन लाभार्थियों को 500 रुपये की दो किस्तों में 1000 रु. का अनुदान प्रदान करना. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 282 लाख लाभार्थियों के लिए एनएसएपी प्रभाग ने अप्रैल 2020 में 2814.50 करोड़ का अनुदान राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को पहली किश्त के रूप में दिया. मई 2020 में दूसरी किश्त का भी अनुदान दिया गया.

(2) पांच सौ रुपये का नकद हस्तांतरण 20.61 करोड़ पीएमजेडीवाई महिलाओं के खाते में हर तीन महीने तक किया गया. कुल 30,944.61 करोड़ रुपये स्थानांतरित किये गए.

आत्मनिर्भर भारत अभियान

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान अपने पांचवें संबोधन में कोरोनोवायरस संकट को कम करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की. पैकेज की घोषणा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके.

मनरेगा का बजट बढ़ाया

सरकार ने मनरेगा के लिए आवंटित राशि में वृद्धि की. कोविड-19 संकट से उबरने के लिए मनरेगा का बजट 40,000 करोड़ रु. बढ़ाया गया. मनरेगा के तहत मजदूरी दर में भी वृद्धि की गई. वर्ष 2020-2021 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत श्रमिकों के लिए मजदूरी दर 182 रु. से बढ़ाकर 202 रु. किया गया.

गरीब कल्याण रोजगार अभियान

इसके अलावा गरीब कल्याण रोजगार अभियान 20 जून 2020 को लॉन्च किया गया, छह चयनित राज्यों के 116 जिलों के ग्रामीण नागरिकों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए 13 सितंबर 2020 तक 23,767.32 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

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