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आयुष मंत्रालय 12500 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की देखभाल करेगा

नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय देश भर में 12,500 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का ध्यान रखेगा. आयुष राज्य मंत्री श्रीपद यशो नाइक ने कहा कि पीएम मोदी ने आयुष मंत्रालय को सभी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का 10% संभालने का काम सौंपा था. यह घोषणा उसी का परिणाम है.

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Published : Feb 6, 2019, 10:11 PM IST

बुधवार को आयुष मंत्रालय की नई पहलों के बारे में बात करते हुए आयुष राज्य मंत्री श्रीपद यशो नाइक ने कहा कि 'निवारक स्वास्थ्य देखभाल और स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिम्मेदारी मंत्रालय का प्रथम कार्य होगा. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से कमजोर वर्ग के लिए सबसे अच्छी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का वितरण सरकार की प्राथमिकता है.'

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नीति अयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि 'इस वक्त हमारे उपर अहम जिम्मेदारियां है और हमें साबित करना होगा कि हम उम्मीदों पर खरे उतर सकते हैं.'

आयुष की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि केवल योग्य लोगों को अभ्यास करने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भ्रमित करने वाले विज्ञापनों से छुटकारा पाने की भी जरूरत है. यदि आयुर्वेद उपचार विफल हो जाता है, तो इसके पीछे आयुर्वेद जिम्मेदार नहीं है बल्कि वह अभ्यासकर्ता है.

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नीति अयोग के सदस्य वीके कौल ने कहा कि स्कूलों में 10% छात्र मोटापे से पीड़ित हैं और शहरों में यह 20% है. उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक मुद्दे, पूर्व मधुमेह, आत्महत्या की प्रवृत्ति भी युवा आबादी की प्रमुख समस्याएं हैं.

आयुष में छात्रों की अधिक रुचि पर जोर देने की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि भारत के भविष्य को सेहतमंद रखना जरुरी, जिसके लिए यह सुनिश्चित होना चाहिए कि 37 वर्ष की आयु तक किसी भी युवा को दिल का दौरा न पड़े. उन्होंने स्कूलों को आयुष किट देने पर भी जोर दिया.

संसाधनों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कौल ने कहा कि आयुष में संसाधनों की कमी है और राज्य सरकारों को फण्ड और सभी पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए.

देखें वीडियो.
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गौरतलब है कि आयुष के तहत विभिन्न योजनाओं पर चर्चा करने के लिए सम्मेलन का चौथा संस्करण था. सम्मेलन के मुख्य अतिथि नीति अयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार थे. इसके अलावा यह सम्मेलन श्रीपाद यशो नाइक की अध्यक्षता में हुआ.

बुधवार को आयुष मंत्रालय की नई पहलों के बारे में बात करते हुए आयुष राज्य मंत्री श्रीपद यशो नाइक ने कहा कि 'निवारक स्वास्थ्य देखभाल और स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम की जिम्मेदारी मंत्रालय का प्रथम कार्य होगा. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से कमजोर वर्ग के लिए सबसे अच्छी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का वितरण सरकार की प्राथमिकता है.'

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नीति अयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि 'इस वक्त हमारे उपर अहम जिम्मेदारियां है और हमें साबित करना होगा कि हम उम्मीदों पर खरे उतर सकते हैं.'

आयुष की आवश्यकता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि केवल योग्य लोगों को अभ्यास करने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि भ्रमित करने वाले विज्ञापनों से छुटकारा पाने की भी जरूरत है. यदि आयुर्वेद उपचार विफल हो जाता है, तो इसके पीछे आयुर्वेद जिम्मेदार नहीं है बल्कि वह अभ्यासकर्ता है.

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नीति अयोग के सदस्य वीके कौल ने कहा कि स्कूलों में 10% छात्र मोटापे से पीड़ित हैं और शहरों में यह 20% है. उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक मुद्दे, पूर्व मधुमेह, आत्महत्या की प्रवृत्ति भी युवा आबादी की प्रमुख समस्याएं हैं.

आयुष में छात्रों की अधिक रुचि पर जोर देने की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि भारत के भविष्य को सेहतमंद रखना जरुरी, जिसके लिए यह सुनिश्चित होना चाहिए कि 37 वर्ष की आयु तक किसी भी युवा को दिल का दौरा न पड़े. उन्होंने स्कूलों को आयुष किट देने पर भी जोर दिया.

संसाधनों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कौल ने कहा कि आयुष में संसाधनों की कमी है और राज्य सरकारों को फण्ड और सभी पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए.

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गौरतलब है कि आयुष के तहत विभिन्न योजनाओं पर चर्चा करने के लिए सम्मेलन का चौथा संस्करण था. सम्मेलन के मुख्य अतिथि नीति अयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार थे. इसके अलावा यह सम्मेलन श्रीपाद यशो नाइक की अध्यक्षता में हुआ.

Intro:Ministry of Ayush announced today that 12,500 Health and wellness centres will be taken care by it across the country in consultation with all the states and union territories. Minister of State for Ayush, Shripad Yesso Naik said that PM Modi had entrusted Ministry of Ayush of handling 10% of all the health and wellness centres and this announcement is in response to that.


Body:Talking about the new initiatives of Ministry of Ayush, Naik said that preventive and primitive health care and school health program will be the focus of the ministry. Delivery of the best affordable health care facilities particularly to the vulnerable section is the priority for the government, he added.

Rajeev Kumar, Vice Chairman of Niti Ayog said that "the ball is in our court and we have to prove that we can meet expectations ". Talking about the need for Ayush, he said that only genuinely qualified should be allowed to practice. He also said that misleading advertisements needs to get rid off . If the ayurveda treatment fails then it is not because of the ayurveda but the practioner.

VK Kaul, a Niti Ayog member, said that schools have 10% of students suffering from obesity and in cities it is 20%. Psychological issues, pre diabetic, suicidal tendencies are also major problems in young population, he added. Stressing on the need of engaging students in Ayush, he said we need India's future to be healthy and not getting heart attack at the age of 37. He also stressed schools to have a Ayush kit.

Focussing on the requirements of resources, Kaul said that research in Ayush suffers from lack of resources and the state governments should provide funds and all the adequate resources.




Conclusion:Minister of State for Ayush, Shripad Yesso Naik, chaired a conference for state Ayush/Health ministers. This was the fourth edition of the conference to discuss various schemes under Ayush and the action plan for it. Rajeev Kumar, Vice Chairman of Niti Ayog was the chief guest for the conference.
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