जयपुर : राजस्थान की कानून व्यवस्था पर इन दिनों कई घटनाओं ने सवाल खड़े किए हैं. करौली में एक ओर जहां पुजारी को जिंदा जला देने की घटना सामने आई, तो वहीं अलवर के कोटकासिम में युवक की हत्या और सीकर में 60 साल के बुजुर्ग की पत्थरों से पीट-पीट कर मार देने की घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है.
कानून व्यवस्था के बिगड़े हालात पर भले ही सरकार कार्रवाई कर रही हो, लेकिन सरकार के मंत्री आज कानून व्यवस्था की तुलना पिछली सरकार से करते नजर आते हैं. साथ ही यह भी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि यह छोटी-मोटी घटनाएं हैं जो हो जाती हैं.
'यहां छोटी-मोटी घटनाएं हो जाती है'
दरअसल, मंगलवार को मंत्री बीडी कल्ला से जब प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजस्थान में बीजेपी के राज में कानून व्यवस्था की बदतर स्थिति थी. राजस्थान देश का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य है, जहां छोटी-मोटी घटनाएं हो जाती हैं, लेकिन सरकार इस पर एक्शन लेती है. कल्ला ने कहा कि यूपी और राजस्थान में यह फर्क है कि यूपी में घटनाएं हो जाती हैं तो अपराधियों को संरक्षण मिलता है, जबकि राजस्थान में अपराधियों को जेल की सलाखों में डाला जाता है.
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'सरकार की प्राथमिकता न्याय दिलाने की है'
प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि समाज के अंदर जो असहिष्णुता इन दिनों आई है, यह गंभीर विषय है. इस स्थिति से हर कोई चिंतित है. अगर कानून व्यवस्था खराब होने की घटना होती है तो वह घटना होने के बाद में स्टेट का विषय हो जाती है और सरकार की ओर से स्पष्ट आदेश है कि कोई भी एफआईआर करवाना चाहे तो थाने या एसपी ऑफिस में करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता प्रदेश में न्याय दिलाने की है.