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'छात्र आंदोलनों से निबटने के तरीकों पर पुनर्विचार करे दिल्ली पुलिस'

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Published : Jan 13, 2020, 10:13 PM IST

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मंत्रालय की स्थायी समिति की सोमवार को बैठक हुई. समिति के समक्ष गृह मंत्रालय के आला अधिकारी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और अन्य अधिकारी उपस्थित हुए. इन अधिकारियों के सामने दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया गया और यह सुझाव दिया गया कि छात्र आंदोलनों से निबटने के तरीकों पर दिल्ली पुलिस को पुनर्विचार करना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

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आनंद शर्मा

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया में हुईं हिंसक घटनाओं पर सोमवार को गृह मंत्रालय की स्थायी समिति की बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक बैठक में विश्वविद्यालय परिसर के आस-पास पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई, छात्रों पर हुए एक्शन एवं धारा 144 जैसे मामलों पर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष गृह मंत्रालय के आला अधिकारी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और अन्य अधिकारी उपस्थित हुए. इन अधिकारियों के सामने दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया गया और यह सुझाव दिया गया कि छात्र आंदोलनों से निबटने के तरीकों पर दिल्ली पुलिस को पुनर्विचार करना चाहिए. हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में किसी भी विश्वविद्यालय का नाम नहीं लिया गया.

सूत्रों ने बताया कि संसदीय दल की इस बैठक में पुलिस से इसकी भी जानकारी मांगी गई कि इन विश्वविद्यालयों में हुई हिंसक घटनाओं के बाद क्या-क्या कदम उठाए गए.

बैठक के दौरान एक विपक्षी दल के नेता ने रोष जाहिर करते हुए यह भी सवाल किया कि जेएनयू परिसर में हुए हंगामे के दौरान पुलिस बाहर ही क्यों मौजूद रही और अंदर जाकर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

ये भी पढ़ें- विपक्षी दलों की बैठक से छह पार्टियां नदारद, सोनिया बोलीं- मोदी व शाह ने लोगों को किया गुमराह

बता दें कि इस बैठक में दिल्ली पुलिस कमिश्नर, हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव, उत्तर प्रदेश सरकार के आला अधिकारी एवं राजस्थान पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे. इन अधिकारियों ने गृह मंत्रालय की संसदीय समिति के समक्ष दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते अपराध पर की जा रही कार्रवाई एवं तैयारियों पर जानकारी दी. इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला मौजूद नहीं रहे.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया में हुईं हिंसक घटनाओं पर सोमवार को गृह मंत्रालय की स्थायी समिति की बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक बैठक में विश्वविद्यालय परिसर के आस-पास पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई, छात्रों पर हुए एक्शन एवं धारा 144 जैसे मामलों पर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष गृह मंत्रालय के आला अधिकारी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और अन्य अधिकारी उपस्थित हुए. इन अधिकारियों के सामने दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया गया और यह सुझाव दिया गया कि छात्र आंदोलनों से निबटने के तरीकों पर दिल्ली पुलिस को पुनर्विचार करना चाहिए. हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में किसी भी विश्वविद्यालय का नाम नहीं लिया गया.

सूत्रों ने बताया कि संसदीय दल की इस बैठक में पुलिस से इसकी भी जानकारी मांगी गई कि इन विश्वविद्यालयों में हुई हिंसक घटनाओं के बाद क्या-क्या कदम उठाए गए.

बैठक के दौरान एक विपक्षी दल के नेता ने रोष जाहिर करते हुए यह भी सवाल किया कि जेएनयू परिसर में हुए हंगामे के दौरान पुलिस बाहर ही क्यों मौजूद रही और अंदर जाकर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

ये भी पढ़ें- विपक्षी दलों की बैठक से छह पार्टियां नदारद, सोनिया बोलीं- मोदी व शाह ने लोगों को किया गुमराह

बता दें कि इस बैठक में दिल्ली पुलिस कमिश्नर, हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव, उत्तर प्रदेश सरकार के आला अधिकारी एवं राजस्थान पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे. इन अधिकारियों ने गृह मंत्रालय की संसदीय समिति के समक्ष दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते अपराध पर की जा रही कार्रवाई एवं तैयारियों पर जानकारी दी. इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला मौजूद नहीं रहे.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसक घटनाओं पर आज गृह मंत्रालय की स्थायी समिति की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में विश्वविद्यालय परिसर के आसपास पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई, छात्रों पर हुए एक्शन एवं धारा 144 जैसे मामलों पर विपक्षी नेताओं द्वारा मुद्दा उठाया गया।


Body:कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष गृह मंत्रालय के आला अधिकारी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक और अन्य अधिकारी मौजूद हुए जिन्होंने दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया गया और यह सुझाव दिया गया कि छात्र आंदोलनों से निपटने के तरीकों पर दिल्ली पुलिस को पुनर्विचार करना चाहिए। हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में किसी भी विश्वविद्यालय का नाम नहीं लिया गया।

सूत्रों ने बताया कि संसदीय दल की इस बैठक में पुलिस पर इन विश्वविद्यालयों में हुई हिंसक घटनाओं के बाद क्या-क्या कदम उठाए गए इसकी भी जानकारी मांगी गई। इस दौरान एक विपक्षी दल के नेता ने रोष जाहिर करते हुए यह भी सवाल किया कि जेएनयू विश्वविद्यालय के परिसर में हुए हंगामे के दौरान पुलिस बाहर ही क्यों मौजूद रही और अंदर जाकर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।



Conclusion:बता दें कि इस बैठक में दिल्ली पुलिस कमिश्नर, हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव, उत्तर प्रदेश सरकार के आला अधिकारी एवं राजस्थान पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे। इन अधिकारियों ने गृह मंत्रालय की संसदीय समिति के समक्ष दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते अपराध पर की जा रही कार्रवाई एवं तैयारियों पर जानकारी दी। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला मौजूद नहीं रहे।
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