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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मारे गए 157 आतंकी : जी किशन रेड्डी

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Published : Dec 3, 2019, 8:07 PM IST

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को लोकसभा में जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से आतंकी घटनाओं में कमी आई है. हालांकि घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं.

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त किये जाने के बाद आतंकवादी हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन सीमा पार से घुसपैठ की संख्या में वृद्धि हुई है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सदन को बताया कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में अब तक 157 आतंकियों को मारा जा चुका है.

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घुसपैठ के बारे में पूछे गए सवालों के लिखित जवाब में रेड्डी ने कहा, '12 अप्रैल, 2019 से 4 अगस्त, 2019 तक घुसपैठ की 106 घटनाएं हुईं. वहीं 5 अगस्त, 2019 से 27 नवंबर, 2019 तक 115 दिन की अवधि के दौरान ऐसी 88 घटनाएं हुई हैं.'

बीजेपी सांसद राकेश सिंह के एक सवाल के जवाब में, मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 से 31 अक्टूबर, 2019 तक 88 दिन की अवधि के दौरान घुसपैठ के 84 प्रयास हुए हैं, वहीं 9 मई से 4 अगस्त 2019 अगस्त तक घुसपैठ की संख्या 53 थी.

रेड्डी ने बताया कि 5 अगस्त, 2019 से 31 अक्टूबर, 2019 तक 88 दिन की अवधि के दौरान अनुमानित घुसपैठ 32 से बढ़कर 59 हो गई है.

उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद के इनपुट और पिछले इतिहास के आधार पर, भारतीय सेना की ओर से सभी सावधानियां और एहतियात बरते जा रहे हैं. इसके तहत सेना घेराव तलाशी अभियान चलाती रहती है, जिससे आतंकियों को बाहर निकाला जा सके.

पढ़ें- अनुच्छेद 370 के बाद भविष्य में जटिल मुद्दा हो सकता है स्टेट वर्सेज यूनियन

इस साल अगस्त में, एनडीए सरकार ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया और राज्य को दो केंद्रशासित क्षेत्रों यानी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. ये दोनों ही केंद्रशासित राज्य आधिकारिक रूप से 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आए.

किशन रेड्डी ने निचले सदन को यह भी बताया कि जम्मू और कश्मीर की मौजूदा योजना के तहत आतंकवादियों से संबंधित हिंसा में मारे गए नागरिकों के परिजनों को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाता है.

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त किये जाने के बाद आतंकवादी हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन सीमा पार से घुसपैठ की संख्या में वृद्धि हुई है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सदन को बताया कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में अब तक 157 आतंकियों को मारा जा चुका है.

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घुसपैठ के बारे में पूछे गए सवालों के लिखित जवाब में रेड्डी ने कहा, '12 अप्रैल, 2019 से 4 अगस्त, 2019 तक घुसपैठ की 106 घटनाएं हुईं. वहीं 5 अगस्त, 2019 से 27 नवंबर, 2019 तक 115 दिन की अवधि के दौरान ऐसी 88 घटनाएं हुई हैं.'

बीजेपी सांसद राकेश सिंह के एक सवाल के जवाब में, मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 से 31 अक्टूबर, 2019 तक 88 दिन की अवधि के दौरान घुसपैठ के 84 प्रयास हुए हैं, वहीं 9 मई से 4 अगस्त 2019 अगस्त तक घुसपैठ की संख्या 53 थी.

रेड्डी ने बताया कि 5 अगस्त, 2019 से 31 अक्टूबर, 2019 तक 88 दिन की अवधि के दौरान अनुमानित घुसपैठ 32 से बढ़कर 59 हो गई है.

उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद के इनपुट और पिछले इतिहास के आधार पर, भारतीय सेना की ओर से सभी सावधानियां और एहतियात बरते जा रहे हैं. इसके तहत सेना घेराव तलाशी अभियान चलाती रहती है, जिससे आतंकियों को बाहर निकाला जा सके.

पढ़ें- अनुच्छेद 370 के बाद भविष्य में जटिल मुद्दा हो सकता है स्टेट वर्सेज यूनियन

इस साल अगस्त में, एनडीए सरकार ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया और राज्य को दो केंद्रशासित क्षेत्रों यानी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. ये दोनों ही केंद्रशासित राज्य आधिकारिक रूप से 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आए.

किशन रेड्डी ने निचले सदन को यह भी बताया कि जम्मू और कश्मीर की मौजूदा योजना के तहत आतंकवादियों से संबंधित हिंसा में मारे गए नागरिकों के परिजनों को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाता है.

Intro:New Delhi: Union Home Ministry on Tuesday informed the Lok Sabha that the incidents of terrorist violence have declined after the abrogation of Article 370 in Jammu and Kashmir, but there has been increase in the number of infiltration from across the border.


G Kishan Reddy informed the parliament that the security forces neutralised 157 terrorists in 2019 so far.

In a written reply to questions regarding terrorist infiltration in Jammu and Kashmir, Minister of State for Home Affairs, G Kishan Reddy said, "During the 115 day period from August 5, 2019 till November 27, 2019, there have been 88 such incidents as compared to 106 such incidents from April 12, 2019 to August 4, 2019."




Body:Responding to a question by BJP MP Rakesh Singh, MoS Home Affairs said that during the 88 day period from August 5, 2019 till October 31, 2019, there have been 84 such attempts as against 53 such attempts from May 9, 2019 till August 4, 2019. Correspondingly, estimated net infiltration has increased from 32 to 59 during above period.


Based on these inputs and past history of cross border terrorism in Jammu and Kashmir, all necessary precautions and preventive steps including Cordon and Search Operations (CASO) are undertaken by the security forces in a proactive manner to flush out terrorists and 158 terrorists have been neutralised during the year 2019 so far, Reddy informed.


Conclusion:In August this year, NDA government had revoked Article 370 from Jammu and Kashmir and bifurcated the state into two territories i.e. Jammu and Kashmir and Ladakh, which officially came into existence from October 31.


While presenting the data on number of terrorist attacks in Jammu and Kashmir, MoS Home Affairs G Kishan Reddy also informed the lower house that an ex-gratia of Rs 1 lakh is paid to the next of kins of civilians killed in militancy related violence under the existing scheme of Jammu and Kashmir.
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