नई दिल्ली : गृह मंत्रायल ने नक्सली हिंसा संबंधी आंकड़े जारी किए हैं. मंत्रालय ने कहा कि देश में नक्सली हिंसा में निरतंर कमी आई है. मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं. मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि 2017 में 263 नागरिकों और सुरक्षाबलों की मौत हुई. वहीं 2018 में 240 मौतें, 2019 में 202 मौतें हुईं. इस साल अगस्त तक 102 मौतें हुईं हैं.
छत्तीसगढ़ में इस साल 15 अगस्त तक नक्सली हिंसा से संबंधित हिंसा में नागरिकों और सुरक्षा बलों की अधिकतम हताहत दर्ज की गई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि झारखंड में 22 नागरिक और सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई. वहीं इस अवधि के दौरान महाराष्ट्र में सात नागरिक और सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई है.
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने उग्रवादियों से लड़ने के लिए फंड आवंटन किया है. गृह मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि उग्रवादियों से लड़ने के लिए सुरक्षा संबंधी व्यय योजना, विशेष बुनियादी ढांचा योजना और विशेष केंद्रीय सहायता के तहत राज्यों को जारी किए गए फंड में मामूली वृद्धि हुई है.
उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को गृह मंत्रालय द्वारा जारी फंड की वर्षवार तुलना से पता चलता है कि झारखंड को 2019-20 में सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत अधिकतम 123.52 करोड़ रुपये मिले, इसके बाद छत्तीसगढ़ को 120.81 करोड़ रुपये मिले.
2018-19 में दोनों राज्यों को एक ही योजना के तहत 64.54 करोड़ रुपये और 54.53 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.
राज्यों को विशेष अवसंरचना योजना के तहत फंड आवंटन में भी 2019-20 में 102.67 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. केंद्र ने 2017-18 में इसी योजना के तहत राज्यों को 50 करोड़ रुपये जारी किए.
झारखंड को भी 2019-20 में उग्रवादियों से लड़ने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के तहत 433.28 करोड़ रुपये की अधिकतम राशि प्राप्त हुई, इसके बाद छत्तीसगढ़ में 366.64 रुपये मिले. वहीं बिहार को इसी अवधि में 133.32 करोड़ रुपये मिले.
गृह मंत्रालय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (Central Armed Police Forces) बटालियनों की तैनाती, हेलीकॉप्टरों और यूएवी के प्रावधान और इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) आदि की मंजूरी के माध्यम से बड़े पैमाने पर राज्य सरकारों का समर्थन कर रही है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रमुख बुनियादी ढांचा योजनाओं के अलावा, सड़कों के निर्माण, मोबाइल टॉवरों की स्थापना, कौशल विकास, बैंकों और डाकघरों के नेटवर्क में सुधार, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं के लिए कई विकासात्मक पहल लागू की गई है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सात राज्यों आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के उग्रवाद प्रभावित जिलों में 250 फोर्टीफाइड पुलिस स्टेशनों के निर्माण के लिए एक विशेष बुनियादी ढांचा योजना को भी मंजूरी दी है.
नेटवर्क और कनेक्टिविटी में सुधार के लिए सरकार ने पहले ही 10 उग्रवाद प्रभावित राज्यों के 96 जिलों में मोबाइल टॉवर लगाने के लिए 7330 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में 4072 स्थानों की पहचान की गई है.