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बेअंत सिंह हत्याकांड : दोषी बलवंत की सजा कम करने से नाराज हुए परिजन

गृह मंत्रालय ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी है. बेअंत सिंह को पंजाब में आतंकवाद को खत्म करने का श्रेय दिया जाता है. इस फैसले से बेअंत सिंह के पोते नाराज हैं, वहीं DSGMC ने फैसले का स्वागत किया है.. जानें पूरा मामला

बलवंत सिंह राजोआना
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Published : Sep 30, 2019, 4:46 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 2:51 PM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने का फैसला किया है. बता दें कि बेअंत सिंह की 31 अगस्त, 1995 को हत्या कर दी गई थी.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (DSGMC) के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने गृह मंत्रालय के इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि यह सिखों के लंबे समय से लंबित अनुरोध था.

बलवंत सिंह राजोआना मामले में मनजिंदर सिरसा की प्रतिक्रिया

बकौल सिरसा, अगर राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदली जा सकती है, तो बेअंत सिंह के मामले में कुछ लोगों के साथ ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता.

गौरतलब है कि दिवंगत बेअंत सिंह को पंजाब में आतंकवाद को खत्म करने का श्रेय दिया जाता है.

पूर्व सीएम बेअंत सिंह को पोते और कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने इस फैसले का विरोध किया है. उन्होंने इसे पंजाब के कुछ मीडिया घरानों के लिए 'काला दिन' करार दिया.

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने का फैसला किया है. बता दें कि बेअंत सिंह की 31 अगस्त, 1995 को हत्या कर दी गई थी.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (DSGMC) के प्रमुख मनजिंदर सिंह सिरसा ने गृह मंत्रालय के इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि यह सिखों के लंबे समय से लंबित अनुरोध था.

बलवंत सिंह राजोआना मामले में मनजिंदर सिरसा की प्रतिक्रिया

बकौल सिरसा, अगर राजीव गांधी की हत्या के दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदली जा सकती है, तो बेअंत सिंह के मामले में कुछ लोगों के साथ ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता.

गौरतलब है कि दिवंगत बेअंत सिंह को पंजाब में आतंकवाद को खत्म करने का श्रेय दिया जाता है.

पूर्व सीएम बेअंत सिंह को पोते और कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने इस फैसले का विरोध किया है. उन्होंने इसे पंजाब के कुछ मीडिया घरानों के लिए 'काला दिन' करार दिया.

Intro:In a politically significant move, Ministry of Home affairs has approved commutation of death sentence of Balwant Singh Rajona for his role in assassination of Punjab CM Beant Singh on 31st August 1995. Rajoana will undergo lifeterm now and this decision has been taken before 550th birth anniversary of Guru Nanak Dev ji.

The death sentence of another convict Jagtar Singh Hwara was reduced to life imprisonment in 2010 after orders of Punjab and Haryana High court.
Rajoana neither defended himself nor filed mercy petition with President.

The Union Government on March 29, 2012, stayed Rajoana’s hanging, which was slated for March 31, 2012, after the SGPC filed a mercy petition.The then Punjab Government and most political parties in the state backed the move. Parkash Singh Badal, who was then CM, and his son and Deputy CM Sukhbir Badal handed over a mercy petition to the President, seeking clemency for Rajoana. The  President referred the matter to the MHA, which stayed Rajoana’s execution. The Home Ministry has also approved the release of eight Sikh detainees charged  under the Terrorist and Disruptive Activities (Prevention) Act  that was in force during 1985-1995. The Punjab Government had suggested nine names.Body: Delhi Sikh Gurdwara committee chief Manjinder Singh Sirsa has welcomed the move and said it was long pending request of Sikhs. If death sentence of assassination culprits of Rajiv Gandhi can be commuted why can't the same is unacceptable to some in Beant Singh's case.
The grandson of former CM Beant Singb and Congress MP Ravneet Bittu had opposed the decision and had termed it as Black day to some media houses in Punjab.Conclusion:On August 31, 1995, at 5.05 pm, three white Ambassador cars arrive at the portico of the Civil Sectt in Chandigarh, ‘human bomb’ constable Dilawar Singh, in police uniform and files in hand, begins walking towards then CM Beant SinghThe CM is accompanied by MLA Baldev Singh Pakakalan and his aides. As NSG commandos jostle to keep bystanders away and CM nears his car, the ‘human bomb’ presses the button at 5.12 pmThere is a deafening explosion; body parts are flung against pillars and walls of the porch. Besides the Chief Minister, 16 others, including three NSG commandos are killed
The decision is significant politically as it comes 2 days after BJP refused to ally with Shiromani Akali Dal in Haryana which is one of oldest alliance parties in Punjab.


Log sheet
Balwant Singh Rajoana ( file pic in Orange turban)
Beant Singh, former CM Punjab White turban
Ravneet Bittu, red turban Punjab Cong MP and grandson of Beant Singh
File pic of assassination site of Beant Singh
Manjinder Singh Sirsa, Delhi Sikh Gurdwara committee chief byte.
Last Updated : Oct 2, 2019, 2:51 PM IST
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