नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि जेलों के अंदर का महौल संतुलित बनाये रखने के लिए कि सभी कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाए.
राज्यों को दिये गये एक हालिया निर्देश में, गृह मंत्रालय ने खुफिया जानकारी के हवाले से मंगलवार को कहा कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के कैदी जेल के अन्य कैदियों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं.
निर्देश में यह भी कहा गया कि पुलिस अधिकारी कैदियों की कट्टरपंथी विचारधारा को खत्म करने के लिए धार्मिक उपदेशकों की मदद लें.
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि जेल में बंद आतंकवादियों के साथ घनिष्ठता के कारण सामान्य कैदी भी जेल से बाहर आने के बाद आतंकवादी बन सकते हैं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2016 में 2052 संदिग्ध आतंकवादी और आतंकवादियों को जेल में कैद किया गया. 2017 में, सुरक्षा एजेंसियों ने 1950 लोगों को आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था.
2018 में 1722 लोग और 2019 में 1310 से अधिक लोगों को भारत में आतंकवादियों से संबंध होने पर गिरफ्तार किया गया.