वॉशिंगटन : मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) प्रौद्योगिकी की समीक्षा में बताया गया है कि ग्रेस विंडहाइम ने एक दिन के अंदर स्टेप बाई स्टेप एक यूट्यूब ट्यूटोरियल बनया है, जिससे लोग अनुसरण कर सकें. आप सोचते हैं कि डीपफेक और ओवरलेइंग ऑडियो बनना उतना जटिल नहीं है. यह एक वीडियो में कहा गया है, जो 4 अगस्त को प्रकाशित हुआ था, जब से यह वीडियो लॉन्च हुआ तब से 360,000 से अधिक बार देखा जा चुका है.
विंडहाइम ऑनलाइन क्रियेटर्स के एक नए समूह का हिस्सा है, जो तकनीक के रूप से डीपफेक टूल के साथ आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. यह प्रौद्योगिकी तेजी से सुलभ हो रही है और इंटरनेट के चलन में भिन्न है.
यह आश्चर्य की बात नहीं है. क्योंकि डीपफेक टूल का प्रयोग कर सके वीडियो का आर्कषक बना दिया जाता है, जिससे लोग से इसे देखते हैं. लेकिन कई बार इसका दुरुपयोग भी किया जाता है, जो दिक्कतें खड़ी कर सकता है.
डीपफेक टूल का उपयोग गैरकानूनी रूप से किया जाता है. इस टूल के माध्यम से महिलाओं के चेहरे बदलकर उन्हें परेशान किया जाता है. डीपफेक से स्कालर्स भी परेशान रहते हैं.
विंडहाइम कहते हैं कि डीपफेक का इस्तेमाल मनोरंजन और मीम के लिए करने और अनुचित उपयोग करने में फर्क करता है. विंडहाइम कहते हैं कि आप इस विशेष डीपफेक को कैसे बनाते हैं. लेकिन स्क्रिप्ट के बारे में डरावनी बात यह है कि इसे किसी भी प्रकार के डीपफेक बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है. आप जैसा डीपफेक बनाना चाहे वह बना सकते हैं.
विंडहाइम एक सामग्री निर्माता के रूप में करते हैं. नौकरी के अलावा विंडहाइम एक YouTube चैनल चलाता है.
अगस्त की शुरुआत में गूगल पर विंडहाइम खूब सर्च किया गया था.
विशेष रूप से डीपफेक एल्गोरिथ्म जो लोग उपयोग कर रहे थे, 2019 शोध पत्र से आया, जो कि सबसे बड़े वार्षिक एआई अनुसंधान सम्मेलन न्यूरिप्स में प्रस्तुत किया गया था.
विंडहाइम ने एक YouTube ट्यूटोरियल में ओपन-सोर्स एल्गोरिथ्म पाया और इसे क्लाउड में कोड चलाने के लिए नि: शुल्क सेवा देने वाले Google Colab नोटबुक में पोर्ट किया.
विंडहाइम ने कुछ कोशिशों के बाद कॉलेज में कोडिंग कक्षा में उसने जो कौशल हासिल किए हैं. उसके आधार पर उसे वीडियो बनाने के लिए स्क्रिप्ट मिली. फिर उसने कपिंग के टूल के साथ गाने को सिंक किया, जिससे मीम का एक नया संस्करण तैयार हुआ.
चूंकि उसने कपविंग के YouTube चैनल पर अपना ट्यूटोरियल पोस्ट किया था. इसलिए कई अन्य YouTubers ने भी इसी कॉपी-एंड-पेस्ट किए गए एल्गोरिदम का उपयोग करके ट्यूटोरियल बनाया है. उनमें से कई अपने दर्शकों को सिखा रहे हैं कि किसी भी तरह के डीपफेक और मीमे कैसे बनाएं. यहां तक कि ट्यूटोरियल लोगों को यह भी बताता है कि उन्हें मोबाइल पर मीम कैसे बनाना है.
ये मीम अब सोशल मीडिया पर हर जगह दिखाई दे रहे हैं. ट्विटर, इंस्टाग्राम और विशेष रूप से टिक्कॉक के वीडियो में. ये लोगों को आकर्षत करते हैं. #deepfake पहले ही 120 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है. @lemonjezus। @ helltaker03
एक ओर, कृत्रिम बुद्धि हमारे जीवन के कई क्षेत्रों के लिए कई लाभ प्रदान कर सकती है. दूसरी ओर, यह डीपफेक जैसी पूरी तरह से नई, खतरनाक चीजें पैदा कर सकता है. इन सभी को एआई साइबर अपराध से लड़ने के लिए नए तरीकों की आवश्यकता है.