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तुर्की और मलेशिया का कश्मीर पर अलग रूख, विदेश मंत्रालय ने दोनों को दिया जवाब

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने तुर्की और मलेशिया द्वारा कश्मीर के मुद्दे को यूएनजीए में उठाने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी टिप्पणी से बचना चाहिए. और क्या कुछ कहा कुमार ने, जानें विस्तार से.

Raveesh Kumar MEA
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Published : Oct 4, 2019, 4:35 PM IST

Updated : Oct 4, 2019, 9:57 PM IST

नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्की और मलेशिया द्वारा कश्मीर को लेकर की गई टिप्पणी को पक्षपाती करार दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ब्रीफिंग में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद द्वारा कश्मीर पर दिए गए बयानों की कड़ी निंदा की. कुमार ने कहा कि यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.

कुमार ने कहा, 'हम तुर्की सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इस मुद्दे पर कोई और बयान देने से पहले जमीनी हकीकत को ठीक प्रकार से समझ ले. यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.'

तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था जम्मू एवं कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के बावजूद आठ लाख लोग कैद में हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जम्मू एवं कश्मीर ने अन्य सभी रियासतों की तरह भारत के साथ विलय का फैसला किया. पाकिस्तान ने हमला किया और राज्य के एक हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया. मलेशिया की सरकार को दोनों देशों के बीच के दोस्ताना संबंधों को ध्यान में रखना चाहिए और ऐसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का बयान

पाक पीएम इमरान खान द्वारा लोगों से LoC की तरफ बढ़ने के आह्वान पर कुमार ने कहा कि उन्होंने यूएनजीए में भी भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बयान दिया था.

पढ़ें-UNGA बैठक : PM नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया

उन्होंने आगे कहा कि शायद वे यह नहीं जानते कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर कैसे काम किया जाता है. सबसे गंभीर बात यह है कि इमरान ने भारत के खिलाफ जिहाद का खुला आह्वान किया जो कि सामान्य नहीं है.

पढ़ें-जनकल्याण से जगकल्याण में भारत का विश्वास : मोदी

बता दें मलेशिया ने 30 सितंबर को यूएनजीए में कश्मीर मुद्दे को उठाया था. मलेशिया ने आरोप लगाया था कि भारत ने जम्मू कश्मीर पर कब्जा कर लिया है. इससे पहले बीते सप्ताह तुर्की और चीन ने भी यूएनजीए में कश्मीर मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश की थी.

नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्की और मलेशिया द्वारा कश्मीर को लेकर की गई टिप्पणी को पक्षपाती करार दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ब्रीफिंग में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद द्वारा कश्मीर पर दिए गए बयानों की कड़ी निंदा की. कुमार ने कहा कि यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.

कुमार ने कहा, 'हम तुर्की सरकार से आग्रह करते हैं कि वह इस मुद्दे पर कोई और बयान देने से पहले जमीनी हकीकत को ठीक प्रकार से समझ ले. यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.'

तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था जम्मू एवं कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के बावजूद आठ लाख लोग कैद में हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जम्मू एवं कश्मीर ने अन्य सभी रियासतों की तरह भारत के साथ विलय का फैसला किया. पाकिस्तान ने हमला किया और राज्य के एक हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया. मलेशिया की सरकार को दोनों देशों के बीच के दोस्ताना संबंधों को ध्यान में रखना चाहिए और ऐसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का बयान

पाक पीएम इमरान खान द्वारा लोगों से LoC की तरफ बढ़ने के आह्वान पर कुमार ने कहा कि उन्होंने यूएनजीए में भी भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बयान दिया था.

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उन्होंने आगे कहा कि शायद वे यह नहीं जानते कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर कैसे काम किया जाता है. सबसे गंभीर बात यह है कि इमरान ने भारत के खिलाफ जिहाद का खुला आह्वान किया जो कि सामान्य नहीं है.

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बता दें मलेशिया ने 30 सितंबर को यूएनजीए में कश्मीर मुद्दे को उठाया था. मलेशिया ने आरोप लगाया था कि भारत ने जम्मू कश्मीर पर कब्जा कर लिया है. इससे पहले बीते सप्ताह तुर्की और चीन ने भी यूएनजीए में कश्मीर मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश की थी.

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Raveesh Kumar MEA on Turkey raising Kashmir issue at UNGA: We call upon the Turkey govt to get a proper understanding of the situation on the ground before they make any further statements on this issue. It is a matter which is completely internal to India.


Conclusion:
Last Updated : Oct 4, 2019, 9:57 PM IST
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