पटना : महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का लंबी बीमारी के बाद पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में गुरुवार को निधन हो गया. बिहार के भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव निवासी 74 वर्षीय सिंह लंबे समय से सिजोफ्रेनिया रोग से पीड़ित थे और पीएमसीएच में उनका इलाज चल रहा था.
सिंह ने बर्कले के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय से वर्ष 1969 में गणित में पीएचडी की थी. उन्होंने 'साइकिल वेक्टर स्पेस थ्योरी' पर शोध किया था. वह वाशिंगटन में गणित के प्रोफेसर थे. लेकिन वर्ष 1972 में भारत लौट आये थे.
उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर और भारतीय सांख्यकीय संस्थान, कलकत्ता में अध्यापन का कार्य किया. वे बिहार के मधेपुरा जिला स्थित भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे थे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिंह के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की. शोक संदेश में उन्होंने कहा कि दिवंगत सिंह ने पूरे विश्व में भारत एवं बिहार का नाम रौशन किया है. उन्होंने कहा कि सिंह का निधन बिहार एवं देश के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने दिवंगत आत्मा की चिर-शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की.
सिंह के भाई अयोध्या प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि उनके भाई के पार्थिव शरीर को पटना स्थित उनके आवास ले जाने के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई जिसके कारण शव को काफी देर तक स्ट्रेचर पर रखना पड़ा.
इस आरोप के बारे में पीएमसीएच के अधीक्षक राजीव रंजन प्रसाद ने दावा किया कि उन्हें जैसे ही सूचना मिली तुरंत एंबुलेंस उपलब्ध करवाई गई.
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प्रदेश में शोक की लहर
महान गणितज्ञ के निधन से बिहार सहित पूरे देश में शोक की लहर है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने शोक जताया है. उन्होंने कहा है कि वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन से प्रदेश और देश को अपूरणीय क्षति हुई है.