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तेलंगाना : कलेक्टर की पहल से आया आयुर्वेदिक मास्क, बार-बार बदलने से मिलेगी मुक्ति

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Published : May 1, 2020, 1:15 PM IST

तेलंगाना के नारायणपेट जिले में आयुर्वेदिक औषधी से मास्क तैयार किया है. जिला कलेक्टर हरिचंदन ने लोगों की सुरक्षा के लिए यह तरीका ईजाद किया है. यह विशेष मास्क लोगों की लड़ाई कोरोना के खिलाफ मजबूत करेगा. आयुर्वेदिक मास्क संजीव धारा का मिश्रण है. इसे तुलसी, कपूर, लवंग, पुदिना और वमु (जिसमें सभी औषधि हैं और स्वस्थ खाद्य पदार्थ हैं) से तैयार किया जाता है. जानें विस्तार से...

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आयुर्वेदीक मास्क

हैदराबाद : हमारे मोबाइल मे डाटा नहीं है तो कोई बड़ी परेशानी नही है. अगर फोन भी नहीं है तो चलेगा, लेकिन कोरोना के इस संकट काल में चेहरे पर मास्क होना अनिवार्य है. अब 'मास्क पहनें और जोखिम से बचें' नया मंत्र है और कोरोना वायरस से बचने का तरीका भी है.

दरअसल तेलंगाना के नारायणपेट जिले में आयुर्वेदिक औषधियों से मास्क तैयार किया गया है. नारायणपेट जिला के कलेक्टर हरिचंदन ने लोगों की सुरक्षा के लिए नया तरीका ईजाद किया है, जोकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह विशेष मास्क लोगों को मजबूत कर रहा है.

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आयुर्वेदीक मास्क

क्या हैं नए आयुर्वेद मास्क में

अब तक लोग काम पर घरों से बाहर जाते समय अपने फोन, बैग और अन्य आवश्यक वस्तुओं की जांच करते थे. अब यह कोरोना संकट का समय है. लोग वायरस फैलने से डरते हैं और वे अब कार्यालयों या व्यवसायों या किसी भी काम के लिए अपने घरों से बाहर निकलते समय मास्क लगाना सुनिश्चित कर रहे हैं. इसी प्रकार पर्याप्त संख्या में मास्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

हालांकि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दुकानों से खरीदे गए सामान्य मास्क का दूसरी बार उपयोग नहीं किया जा सकता है. साथ ही लोगों को सलाह दी जाती है कि वे केवल आठ घंटे ही पहने और बाद में नहीं. दूसरी तरफ कुछ लोग घर पर बने कपड़े का मास्क इस्तेमाल कर रहे हैं. वे सफाई करने के बाद फिर से उसी का उपयोग करते हैं. इसको देखते हुए नारायणपेट जिले में, जो कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है. यहां पर अलग प्रकार का मास्क ईजाद किया है. दिलचस्प बात यह है कि आयुर्वेदिक सामग्री के साथ बनाया गया है. जिले की जिला ग्रामीण विकास संगठन की महिला समूहों की सदस्य इसके निर्माण में सहयोग कर रही हैं. आयुर्वेदीक मास्क संजीव धारा का मिश्रण है. इसे तुलसी, कपूर, लवंग, पुदिना और वमु (जिसमें सभी औषधीय हैं और स्वस्थ खाद्य पदार्थ हैं) से तैयार किया जा रहा है. ये विशेष मास्क संजीव धारा के औषधीय मिश्रण के पेस्ट के साथ बड़े करीने से और सावधानी से लेप लगाया जाता है. आयुर्वेद विशेषज्ञ नारायण का कहना है कि मास्क का उपयोग सात दिनों तक लगातार बिना किसी रुकावट के किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि सफाई के बाद मास्क को संजीव धारा से शुद्ध करने के बाद फिर सात दिनों के लिए उपयोग किया जा सकता है. आपको बता दें कि नारायणपेट को हथकरघा उद्योग के लिए जाना जाता है. अधिकारी इन नए मास्क को तैयार करने के लिए बुनकरों से कपड़ा सामग्री खरीद रहे हैं और महिला समूह के श्रमिकों को दे रहे हैं. नारायण मास्क के लिए औषधीय मिश्रण की आपूर्ति करते हैं. वे संजीव धारा को फिर से मास्क उपयोग करने के लिए इस्तेमाल करते है.

कलेक्टर के निर्देशों के अनुसार अधिकारी प्रत्येक मास्क को केवल तीन रुपये में खरीदते हैं और सार्वजनिक उपयोग के लिए खुले बाजार में आपूर्ति करते हैं. आयुर्वेदिक मास्क अब धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है. अधिकारियों का कहना है कि अगर जनता की ओर से मांग बढ़ती है तो वे ऐसे और मास्क तैयार करेंगे. इस प्रकार कलेक्टर ने जिले में फैले कोरोना वायरस के लिए आयुर्वेदिक मास्क का सहारा लिया है.

गौरतलब है कि तेलंगाना राज्य की राज्यपाल तमिलाई सुंदराजन और आईटी मंत्री केटी रामाराव ने ट्विटर पर जिला कलेक्टर की सराहना की है.

हैदराबाद : हमारे मोबाइल मे डाटा नहीं है तो कोई बड़ी परेशानी नही है. अगर फोन भी नहीं है तो चलेगा, लेकिन कोरोना के इस संकट काल में चेहरे पर मास्क होना अनिवार्य है. अब 'मास्क पहनें और जोखिम से बचें' नया मंत्र है और कोरोना वायरस से बचने का तरीका भी है.

दरअसल तेलंगाना के नारायणपेट जिले में आयुर्वेदिक औषधियों से मास्क तैयार किया गया है. नारायणपेट जिला के कलेक्टर हरिचंदन ने लोगों की सुरक्षा के लिए नया तरीका ईजाद किया है, जोकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह विशेष मास्क लोगों को मजबूत कर रहा है.

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आयुर्वेदीक मास्क

क्या हैं नए आयुर्वेद मास्क में

अब तक लोग काम पर घरों से बाहर जाते समय अपने फोन, बैग और अन्य आवश्यक वस्तुओं की जांच करते थे. अब यह कोरोना संकट का समय है. लोग वायरस फैलने से डरते हैं और वे अब कार्यालयों या व्यवसायों या किसी भी काम के लिए अपने घरों से बाहर निकलते समय मास्क लगाना सुनिश्चित कर रहे हैं. इसी प्रकार पर्याप्त संख्या में मास्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

हालांकि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दुकानों से खरीदे गए सामान्य मास्क का दूसरी बार उपयोग नहीं किया जा सकता है. साथ ही लोगों को सलाह दी जाती है कि वे केवल आठ घंटे ही पहने और बाद में नहीं. दूसरी तरफ कुछ लोग घर पर बने कपड़े का मास्क इस्तेमाल कर रहे हैं. वे सफाई करने के बाद फिर से उसी का उपयोग करते हैं. इसको देखते हुए नारायणपेट जिले में, जो कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है. यहां पर अलग प्रकार का मास्क ईजाद किया है. दिलचस्प बात यह है कि आयुर्वेदिक सामग्री के साथ बनाया गया है. जिले की जिला ग्रामीण विकास संगठन की महिला समूहों की सदस्य इसके निर्माण में सहयोग कर रही हैं. आयुर्वेदीक मास्क संजीव धारा का मिश्रण है. इसे तुलसी, कपूर, लवंग, पुदिना और वमु (जिसमें सभी औषधीय हैं और स्वस्थ खाद्य पदार्थ हैं) से तैयार किया जा रहा है. ये विशेष मास्क संजीव धारा के औषधीय मिश्रण के पेस्ट के साथ बड़े करीने से और सावधानी से लेप लगाया जाता है. आयुर्वेद विशेषज्ञ नारायण का कहना है कि मास्क का उपयोग सात दिनों तक लगातार बिना किसी रुकावट के किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि सफाई के बाद मास्क को संजीव धारा से शुद्ध करने के बाद फिर सात दिनों के लिए उपयोग किया जा सकता है. आपको बता दें कि नारायणपेट को हथकरघा उद्योग के लिए जाना जाता है. अधिकारी इन नए मास्क को तैयार करने के लिए बुनकरों से कपड़ा सामग्री खरीद रहे हैं और महिला समूह के श्रमिकों को दे रहे हैं. नारायण मास्क के लिए औषधीय मिश्रण की आपूर्ति करते हैं. वे संजीव धारा को फिर से मास्क उपयोग करने के लिए इस्तेमाल करते है.

कलेक्टर के निर्देशों के अनुसार अधिकारी प्रत्येक मास्क को केवल तीन रुपये में खरीदते हैं और सार्वजनिक उपयोग के लिए खुले बाजार में आपूर्ति करते हैं. आयुर्वेदिक मास्क अब धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है. अधिकारियों का कहना है कि अगर जनता की ओर से मांग बढ़ती है तो वे ऐसे और मास्क तैयार करेंगे. इस प्रकार कलेक्टर ने जिले में फैले कोरोना वायरस के लिए आयुर्वेदिक मास्क का सहारा लिया है.

गौरतलब है कि तेलंगाना राज्य की राज्यपाल तमिलाई सुंदराजन और आईटी मंत्री केटी रामाराव ने ट्विटर पर जिला कलेक्टर की सराहना की है.

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