शिमला : पूरी दुनिया कोरोना वायरस की वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रही है, ताकी कोरोना से छुटकारा मिले और वो अपनी पहले वाली जिंदगी में लौट सकें, लेकिन लाहौल स्पीति के थोरंग गांव में रह रहे एक बुजुर्ग भूषण ठाकुर ने पूरी दुनिया को बताया की कोरोना को बिना वैक्सीन के कैसे हराया जा सकता है. कोरोना से सिर्फ मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग ही बचा सकती है. इसका जीता जागता उदाहरण भूषण ठाकुर हैं.
थोरंग गांव में भूषण ठाकुर को छोड़कर सभी 42 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. चारों तरफ कोरोना से घिरे होने के बाद भी ये जानलेवा वायरस भूषण ठाकुर को छू भी नहीं पाया. भूषण ठाकुर के परिवार के छह लोग भी कोरोना पॉजिटिव हैं, लेकिन भूषण ठाकुर की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इसके पीछे की वजह कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना है. भूषण ठाकुर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं.
भूषण का कहना है कि बेशक पूरे गांव में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, लेकिन कोरोना वायरस को हल्के में नहीं लेना चाहिए. वह घर में अलग कमरे में रहते हैं और दिनभर किसी से मिले बिना खेतों में काम करते हैं. कोरोना रिपोर्ट आने के बाद परिवार से अलग रह रहे हैं और अपना खाना खुद बना रहे हैं.
डॉक्टरों का भी यही तर्क है कि भूषण ठाकुर ने कोरोना की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया. उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होना भी इसका कारण हो सकता है. इसी के चलते उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. फिलहाल डॉक्टरों की टीम गांव में पॉजिटिव पाए गए सभी मरीजों पर नजर बनाए हुए है.
बता दें कि गांव के पांच लोग पहले पॉजिटिव पाए गए थे, इसके बाद बाकी लोगों ने बैठक कर स्वेच्छा से छह दिन पहले टेस्ट करवाने का फैसला लिया था. इसके बाद भूषण ठाकुर को छोड़ पूरा गांव पॉजिटिव पाया गाय था. हालांकि इस गांव में करीब 100 लोग रहते हैं, लेकिन बर्फबारी के चलते इन दिनों कई लोग कुल्लू चले गए हैं.
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बता दें कि एक बार फिर कोरोना ने देशभर में अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. दिल्ली, अहमदाबाद समेत कई शहरों में फिर से लॉकडाउन और कर्फ्यू लगने की चर्चाएं हैं, लेकिन भूषण ठाकुर दुनिया के सामने मिसाल हैं कि अगर मास्क समेत सभी सावधानियां बरती जाएं तो कोरोना से बचा जा सकता है.