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समुद्री क्षेत्रों में आने वाले वर्षों में होंगे पांच लाख रोजगारः मनसुख मंडाविया

केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज बीएसआईडी लांच किया. उन्होंने कहा कि यह कार्ड हमारे समुद्री कर्मचारियों को विशिष्ट पहचान प्रदान करेगा. इसकी मदद से दुनिया में रोजगार मिलने में आसानी होगी. पढ़ें पूरी खबर...

मंनसुख मंडाविया
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Published : Aug 28, 2019, 11:48 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 4:28 PM IST

नईदिल्लीः समाचार पत्रों में लगातार कंपनियों से कर्मचारियों के छंटनी की खबरें प्रकाशित की जा रही है. इसी बीच आज केंद्रीय राज्य जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि समुद्री क्षेत्र में दो लाख 14 हजार लोग कार्यरत है और आने वाले पांच सालों में इस क्षेत्र में 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा.

मनसुख मंडाविया ने कहा कि समुद्री क्षेत्र में पुरुषों के साथ महिलाओं को भी रोजगार दिया जाएगा. वर्तमान में इस क्षेत्र में 900 महिलाएं कार्यरत है.

प्रेस वार्ता करते राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया

मंत्री ने बायोमेट्रिक सीफर आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट (बीएसआईडी) कार्ड लॉन्च करते हुए कहा कि यह विशिष्ट पहचान पत्र हमारे देश के नाविकों को दुनिया भर में प्रामाणिकता प्रदान करेगा. यह पहचान पत्र हमारे नाविकों को दुनिया में कहीं भी नौकरी पाने में आसानी प्रदान करेगा. इससे पहचान करने में भी मदद मिलेगी.

इस कार्ड में चेहरे और आखों को स्कैन किया जाएगा. इससे हमारे जहाज के गायब होने पर हमारे कर्माचारियों को पहचान करने में आसानी होगी. हमने यह काम दुनिया में सबसे पहले किया है. इस काम से हम दुनिया में जहाज के क्षेत्रों में आगे चल रहे हैं.

वर्तमान समय में जहाजों पर काम करने वालों की संख्या तीन लाख 50 हजार के करीब है. सभी लोगों का आने वाले 2 साल के अंदर बीएसआईडी कार्ड बना दिया जाएगा.

पढ़ेंः राहुल गांधी ने लगातार दूसरे दिन किया वायनाड का दौरा

जहाजरानी मंत्री ने कहा कि सरकार अंतर्देशीय जलमार्ग और अन्य समुद्री गतिविधियों के क्षेत्रों में प्रमुख विकास देख रहा है. भारतीय नाविकों की कुल संख्या जो 2017 में 1,54,349 से बढ़कर इस वर्ष 2,08,799 हो गई है. इसमें 35 फीसदी की अभूतपूर्व वृद्धि हुई.

नईदिल्लीः समाचार पत्रों में लगातार कंपनियों से कर्मचारियों के छंटनी की खबरें प्रकाशित की जा रही है. इसी बीच आज केंद्रीय राज्य जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि समुद्री क्षेत्र में दो लाख 14 हजार लोग कार्यरत है और आने वाले पांच सालों में इस क्षेत्र में 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा.

मनसुख मंडाविया ने कहा कि समुद्री क्षेत्र में पुरुषों के साथ महिलाओं को भी रोजगार दिया जाएगा. वर्तमान में इस क्षेत्र में 900 महिलाएं कार्यरत है.

प्रेस वार्ता करते राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया

मंत्री ने बायोमेट्रिक सीफर आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट (बीएसआईडी) कार्ड लॉन्च करते हुए कहा कि यह विशिष्ट पहचान पत्र हमारे देश के नाविकों को दुनिया भर में प्रामाणिकता प्रदान करेगा. यह पहचान पत्र हमारे नाविकों को दुनिया में कहीं भी नौकरी पाने में आसानी प्रदान करेगा. इससे पहचान करने में भी मदद मिलेगी.

इस कार्ड में चेहरे और आखों को स्कैन किया जाएगा. इससे हमारे जहाज के गायब होने पर हमारे कर्माचारियों को पहचान करने में आसानी होगी. हमने यह काम दुनिया में सबसे पहले किया है. इस काम से हम दुनिया में जहाज के क्षेत्रों में आगे चल रहे हैं.

वर्तमान समय में जहाजों पर काम करने वालों की संख्या तीन लाख 50 हजार के करीब है. सभी लोगों का आने वाले 2 साल के अंदर बीएसआईडी कार्ड बना दिया जाएगा.

पढ़ेंः राहुल गांधी ने लगातार दूसरे दिन किया वायनाड का दौरा

जहाजरानी मंत्री ने कहा कि सरकार अंतर्देशीय जलमार्ग और अन्य समुद्री गतिविधियों के क्षेत्रों में प्रमुख विकास देख रहा है. भारतीय नाविकों की कुल संख्या जो 2017 में 1,54,349 से बढ़कर इस वर्ष 2,08,799 हो गई है. इसमें 35 फीसदी की अभूतपूर्व वृद्धि हुई.

Intro:New Delhi: Amid reports of job losses in various sectors, Mansukh Mandaviya, MoS, Shipping today said that as of now maritime sector has 2 lakh 14 thousand people employed in this sector and in coming five years we will give 5 lakh more jobs to the youths of the country in this sector.

While launching Biometric Seafarer Identity Document (BSID) card, the shipping minister said this unique identity card will give worldwide authenticity to the seafarers of our country. Hence, the new document will provide ease of getting jobs and help in identifying the from any location in the world.

"Maritime sector has employed 2 lakh 14 thousand people in this sector and in coming five years we will give 5 lakh more jobs to the youths of the country in this sector," Mansukh Mandaviya told reporters.

The total number of existing Indian seafarers who will be required to be issued BSIDs is around 3,50,000 and all of them will have these cards within the next 2 years.


Body:The new facial biometric technology is a marked improvement over the two finger or iris based bio-metric data, with modern security features. It will make the identification of the SID holder more reliable and efficient, while protecting their dignity and privacy.

"The shipping sector is seeing major developments in the areas of coastal shipping, inland waterways and other maritime activities. The total number of Indian seafarers who were employed on Indian or foreign vessels increased from 1,54,349 in 2017 to 2,08,799 this year, showing an unprecedented increase of 35%," the minister added.


Conclusion:The minister said India has become the first country in the world to issue BSID card. The new card is in confirmation of the Convention no. 185 of the International Labour Organisation (ILO) on BSID and India ratified the Convention in October 2015.

A record of each SID issued will be maintained in a national database and its related information will be internationally accessible. Nine data collection centers have been setup at Mumbai, Kolkata, Chennai, Noida, Goa, New Mangalore, Kochi, Vizag and Kandla for issue of BSID.
Last Updated : Sep 28, 2019, 4:28 PM IST
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