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छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिये शिक्षा मंत्रालय ने शुरू किया 'मनोदर्पण'

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Published : Jul 21, 2020, 10:45 PM IST

कोविड-19 संक्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं की बढ़ती मानसिक परेशानियों के समाधान के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंगलवार को 'मनोदर्पण' कार्यक्रम की शुरुआत की. इसमें ऐसे कई रचनात्मक कार्य एवं सुझाव हैं जिससे विद्यार्थियों को मानसिक तनाव से बाहर निकलने में मदद मिलेगी. इसके तहत राष्ट्रीय टोलफ्री नंबर 8448440632 भी जारी किया गया है जिस पर सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक सम्पर्क किया जा सकता है.

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शिक्षा मंत्री ने शुरू किया मनोदर्पण

नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि पूरी दुनिया कोविड-19 की एक विकट परिस्थिति से गुजर रही है. ऐसे में स्वाभाविक है कि दबाव और तनाव मनुष्य को प्रभावित करे. उन्होंने कहा, 'हमें इस स्थिति को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना है. हमें परिस्थितियों का गुलाम बनने की बजाए उनका मुकाबला करना है.' मंत्री ने कहा कि बच्चों में काफी ऊर्जा होती है. यह ऊर्जा बाहर निकलना चाहती है लेकिन कहीं कैद कर दिया जाए तब समस्याएं आती हैं.

निशंक ने कहा कि ऐसी ही स्थितियों के लिये 'मनोदर्पण' एक महत्वपूर्ण पहल है जो छात्र, अभिभावकों और शिक्षकों को ताकत देगी. यह कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए एक स्थायी मनोसामाजिक सहायता प्रणाली के रूप में कार्य करेगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत एक वेबसाइट भी है जिसमें निर्देश, सुझाव हैं. इस पोर्टल पर आप समस्याएं बता सकते हैं, सुझाव दे सकते हैं और सुझाव प्राप्त कर सकते हैं. इसमें 500 से ज्यादा चिकित्सकों, विशेषज्ञों ने समय देने का वादा किया है.

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शिक्षा मंत्रालय ने शुरू किया 'मनोदर्पण'

मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने इस अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य पर एक निर्देशिका भी जारी की . इस दौरान मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे एवं अधिकारी मौजूद थे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आत्मनिर्भर अभियान की शुरुआत की. शिक्षा क्षेत्र में आवश्यक सुधार लाने, मानव पूंजी को मजबूती प्रदान करने और उत्पादकता को बढ़ावा देने के एक भाग के रूप में, 'मनोदर्पण' पहल को आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शामिल किया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के दौरान और उसके बाद भी छात्रों की मदद के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेब-साइट पर मनोदर्पण- मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती नाम से एक वेब पेज बनाया गया है. इस वेब-पेज पर सलाहकार, व्यावहारिक सुझाव,पोस्टर,,वीडियो,मनोसामाजिक मदद के लिए क्या करें और क्या ना करें की सूची, एफएक्यू और ऑनलाइन पूछताछ प्रणाली मौजूद हैं.

उन्होंने पूरे देश के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने और तनावमुक्त जीवन व्यतीत करने के लिए इस पहल के साथ जुड़ने की अपील की है.

'मनोदर्पण' में स्कूल से लेकर कॉलेज तक के विद्यार्थियों की समस्याओं को ले कर दिशानिर्देश एवं सुझाव दिये गए हैं . मनोदर्पण में सुझाया गया है कि छात्र प्रभावी ढंग से संवाद करें. अपने परिवार के साथ बातचीत और जुड़ाव पर ध्यान दें. हर दिन अपने लिये समय निर्धारित करें. भ्रामक समाचारों और अफवाहों से बचें .

इसमें स्कूल और विश्वविद्यालय स्तर पर राष्ट्रीय स्तर के डेटाबेस और परामर्शदाताओं की निर्देशिका भी है जिनकी सेवाएं राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर टेली काउंसलिंग सेवा के लिए स्वेच्छा से ली जा सकती हैं. देश भर के स्कूलों,विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन उपलब्ध करायी गई है. इस अनूठी हेल्पलाइन को अनुभवी परामर्शदाताओं / मनोवैज्ञानिकों और अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा संचालित किया जाएगा और यह कोविड-19 के खत्म होने के बाद भी जारी रहेगा.

इसके तहत मनोसामाजिक मदद के लिए एक पुस्तिका जारी की गयी है. छात्रों के समृद्ध जीवन कौशल और तंदुरूस्ती के लिए यह ऑनलाइन उपलब्ध होगी.

नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि पूरी दुनिया कोविड-19 की एक विकट परिस्थिति से गुजर रही है. ऐसे में स्वाभाविक है कि दबाव और तनाव मनुष्य को प्रभावित करे. उन्होंने कहा, 'हमें इस स्थिति को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना है. हमें परिस्थितियों का गुलाम बनने की बजाए उनका मुकाबला करना है.' मंत्री ने कहा कि बच्चों में काफी ऊर्जा होती है. यह ऊर्जा बाहर निकलना चाहती है लेकिन कहीं कैद कर दिया जाए तब समस्याएं आती हैं.

निशंक ने कहा कि ऐसी ही स्थितियों के लिये 'मनोदर्पण' एक महत्वपूर्ण पहल है जो छात्र, अभिभावकों और शिक्षकों को ताकत देगी. यह कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए एक स्थायी मनोसामाजिक सहायता प्रणाली के रूप में कार्य करेगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत एक वेबसाइट भी है जिसमें निर्देश, सुझाव हैं. इस पोर्टल पर आप समस्याएं बता सकते हैं, सुझाव दे सकते हैं और सुझाव प्राप्त कर सकते हैं. इसमें 500 से ज्यादा चिकित्सकों, विशेषज्ञों ने समय देने का वादा किया है.

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शिक्षा मंत्रालय ने शुरू किया 'मनोदर्पण'

मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने इस अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य पर एक निर्देशिका भी जारी की . इस दौरान मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे एवं अधिकारी मौजूद थे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आत्मनिर्भर अभियान की शुरुआत की. शिक्षा क्षेत्र में आवश्यक सुधार लाने, मानव पूंजी को मजबूती प्रदान करने और उत्पादकता को बढ़ावा देने के एक भाग के रूप में, 'मनोदर्पण' पहल को आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शामिल किया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के दौरान और उसके बाद भी छात्रों की मदद के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेब-साइट पर मनोदर्पण- मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती नाम से एक वेब पेज बनाया गया है. इस वेब-पेज पर सलाहकार, व्यावहारिक सुझाव,पोस्टर,,वीडियो,मनोसामाजिक मदद के लिए क्या करें और क्या ना करें की सूची, एफएक्यू और ऑनलाइन पूछताछ प्रणाली मौजूद हैं.

उन्होंने पूरे देश के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने और तनावमुक्त जीवन व्यतीत करने के लिए इस पहल के साथ जुड़ने की अपील की है.

'मनोदर्पण' में स्कूल से लेकर कॉलेज तक के विद्यार्थियों की समस्याओं को ले कर दिशानिर्देश एवं सुझाव दिये गए हैं . मनोदर्पण में सुझाया गया है कि छात्र प्रभावी ढंग से संवाद करें. अपने परिवार के साथ बातचीत और जुड़ाव पर ध्यान दें. हर दिन अपने लिये समय निर्धारित करें. भ्रामक समाचारों और अफवाहों से बचें .

इसमें स्कूल और विश्वविद्यालय स्तर पर राष्ट्रीय स्तर के डेटाबेस और परामर्शदाताओं की निर्देशिका भी है जिनकी सेवाएं राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर टेली काउंसलिंग सेवा के लिए स्वेच्छा से ली जा सकती हैं. देश भर के स्कूलों,विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन उपलब्ध करायी गई है. इस अनूठी हेल्पलाइन को अनुभवी परामर्शदाताओं / मनोवैज्ञानिकों और अन्य मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा संचालित किया जाएगा और यह कोविड-19 के खत्म होने के बाद भी जारी रहेगा.

इसके तहत मनोसामाजिक मदद के लिए एक पुस्तिका जारी की गयी है. छात्रों के समृद्ध जीवन कौशल और तंदुरूस्ती के लिए यह ऑनलाइन उपलब्ध होगी.

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