अहमदाबाद : देश इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रहा है. लेकिन कुछ तत्व ऐसे हैं, जो कोरोना संकट को और भी अधिक बढ़ाने पर तुले हुए हैं. अहमदाबाद की मेयर बीजलबेन पटेल ने 26 मई, मंगलवार की सुबह आम के बाजार का उद्घाटन किया. मार्केट के नजदीक ही कोरोना केयर सेंटर हैं. अब लोग यहां से आम खरीद रहे हैं. बाजार का उद्घाटन भी हुआ और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया गया. ऐसे में देश कोरोना संकट से कैसे लड़ेगा. वैसे भी कोरोना वायरस के मामलों में देश में मुंबई के बाद अहमदाबाद दूसरे नंबर पर है. ईटीवी भारत ने इस पर एक विशेष रिपोर्ट तैयार कर आम जनता को अगाह करने का काम किया है.
सबको पता है कि, गुजरात का अहमदाबाद शहर कोरोना वायरस का हब बन चुका है. क्योंकि यहां से प्रतिदिन 250 से अधिक कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले निकल कर सामने आ रहे हैं.अत्यधिक कोरोना संक्रमित मरीजों के केस पाए जाने के बाद से अहमदाबाद शहर को कंटेन्मेंट जोन में तब्दील कर दिया गया है.
हालांकि, अहमदाबाद का पश्चिमी भाग कंटेन्मेंट जोन के दायरे में नहीं आता. इस क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियां और लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है. कोरोना वायरस महामारी की गंभीर स्थिति के बीच, अहमदाबाद नगर निगम ने जीएमडीसी ग्राउंड में आम का बाजार शुरू किया है.

सबसे हैरानी की बात यह है कि जीएमडीसी ग्राउंड के सामने समरस हॉस्टल है, जिसे कोविड केयर सेंटर में तब्दील कर दिया गया है. कोविड सेंटर के सामने आम का बाजार लगाये जाने से अहमदाबाद नगर निगम के अधिकारी अंजान क्यों हैं? यही सबसे बड़ा सवाल है.
अहमदाबाद शहर में 26 मई, 2020 तक कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या 10,841 थी. इससे मरने वालों की संख्या 745 तक जा पहुंची थी. आज 28 मई को गुजरात में संक्रमित मरीजों की संख्या 15,195 है. 938 लोग कोरोना का कारण मारे जा चुके हैं. कोरोना वायरस के मामलों में देश में मुंबई के बाद अहमदाबाद दूसरे नंबर पर है.
गुजरात सरकार ने लोगों को घरों में रहने और बिना जरूरी काम के बाहर न निकलने की सलाह दी है. फिर भी, अहमदाबाद की मेयर बीजलबेन पटेल ने 26 मई, मंगलवार को सुबह में आम के बाजार का उद्घाटन किया.
महापौर ने कोरोना खतरे के कारण किसी भी सार्वजनिक समारोह का आयोजन नहीं करने के नियम का उल्लंघन करते हुए आम के बाजार का उद्घाटन किया. उन्होंने पत्रकारों से पहले आम के बाजार के बारे में बात की, लेकिन महामारी के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि वह यहां आम के बाजार का उद्घाटन करने आई हैं, इसलिए पत्रकार उनसे सिर्फ आम के बाजार के उद्घाटन से जुड़े विषयों पर ही सवाल करें.
जीएमडीसी ग्राउंड पर आम के 100 स्टॉल, 75 फीसदी खाली
जीएमडीसी ग्राउंड पर आम के 100 स्टॉल हैं, जिनमें से 75 फीसदी खाली हैं. इसकी वजह है कि कोरोना वायरस के डर से गिर, तलाला, जूनागढ़ और वलसाड के व्यापारी नहीं आए हैं. हालांकि, अहमदाबाद के नागरिकों में कोई डर नहीं है.
व्यापारी किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं क्योंकि हर स्टाल पर ग्राहकों की भीड़ दिखी. कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहा था.
यहां कोई भी सेनिटाइजर का उपयोग करते हुए नहीं पाया गया. मात्र औपचारिकता पूरी करने के लिए एक सुरक्षा गार्ड थर्मल गन लेकर मुख्य गेट पर तैनात था. जबकि अहमदाबाद नगर निगम महामारी के बारे में गंभीर नहीं है, यहां तक कि नागरिक भी महामारी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. क्योंकि वे केसर आम के सामने कोरोना जैसी खतरनाक वायरस को नजरअंदाज कर रहे हैं.
लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान, सब्जी विक्रेताओं में ही सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले पाए गए थे. उनसे अन्य लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया था, जिसके बाद प्रशासन ने सब्जियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. फिर सवाल यह उठता है कि जब एक सब्जी बेचने वाला कोरोना को लेकर घूम सकता है और उससे दूसरों को खतरा हो सकता है तो एक आम बेचने वाला सुपर स्प्रेडर (कोरोना फैलाने वाला) कैसे नहीं हो सकता.
एक और अहम बात, जो लोग आम बेचने आए थे, वे अन्य शहरों से अहमदाबाद आए हुए थे, जो इस इलाके की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं. उन्हें अहमदाबाद आने की अनुमति देकर प्रशासन ने उनकी जान जोखिम में डाल दी है.