ग्वालियर : कहते हैं, यदि आप में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो परेशानियां भी आपके सामने छोटी नजर आती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है झारखंड के रहने वाले धनंजय माझी ने, जिन्होंने अपनी पत्नी सोनी को एग्जाम दिलाने के लिए झारखंड से ग्वालियर तक का सफर स्कूटी से तय किया.
झारखंड के रहने वाले धनंजय माझी की पत्नी सोनी डीएड में सेकंड ईयर की छात्रा हैं. कोरोना की वजह से बस की सुविधा फिलहाल बंद, फ्लाइट का किराया ज्यादा था. जबकि ट्रेन कैंसिल हो गई. लिहाजा धनंजय ने अपनी सात माह की गर्भवती पत्नी को स्कूटी से ही ग्वालियर तक लेकर पहुंचाने का फैसला किया. स्कूटी से उन्होंने करीब 1150 किलोमीटर का सफर तय किया.
ज्यादा था बस का किराया
धनंजय ने बताया कि, वह गुजरात में कुक का काम करते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते उनकी नौकरी चली गई. तब से ही वो घर पर है. जब पत्नी सोनी की परीक्षा की डेट आई, तो उन्होंने ग्वालियर बस से आने की सोची. बस वालों से संपर्क किया, तो पता चला कि एक व्यक्ति का किराया 15 हजार रुपए लगेगा, लेकिन उनकी माली हालत ऐसी नहीं थी कि वो बस से यात्रा कर सकते. उन्होंने ट्रेन का टिकट बुक कराया, लेकिन ऐन वक्त पर ट्रेन भी रद्द हो गई.
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पत्नी को शिक्षक बनाने का सपना
पत्नी की जिद थी कि वे एग्जाम देंगी और आने वाले समय में शिक्षक बनेंगी. इस जिद को पूरा करने के लिए धनंजय ने भी उसे स्कूटी से ग्वालियर पहुंचाने की सोची. लेकिन आर्थिक स्थिति अभी भी आड़े आ रही थी. रास्ते के लिए पेट्रोल और खाने की व्यवस्था के लिए पत्नी ने अपने गहने गिरवी रख दिए और अब वे ग्वालियर आ पहुंचे हैं. जहां वे किराए पर रहेंगे. धनंजय की इस हिम्मत और अपनी पत्नी के सपने को पूरा करने के लिए उनकी लगन और मेहनत की जमकर तारीफ हो रही है.