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'बंगाल में डरी हुई है ममता सरकार, गवर्नर तक का नहीं करती सम्मान'

पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने मीडिया से बात करते हुए ममता सरकार पर आरोप लगाया कि ममता सरकार अपनी विफलताओं से डरी हुई है और वह राज्यपाल का सम्मान तक नहीं करती हैं. घोष ने कहा कि बंगाल में जब तक तृणमूल की अनैतिक राजनीति खत्म नहीं होगी तब तक शांति और कानून व्यवस्था स्थापित नहीं हो सकता.

दिलीप घोष
दिलीप घोष
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Published : Aug 16, 2020, 8:03 PM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में बीते कुछ समय से गवर्नर जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच की खींचतान खुलकर सामने आ रही है. इसी बीच राज्य में राजनीतिक हिंसा और हत्याओं का दौर भी बदस्तूर जारी है. पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दिलीप घोष इन दिनों दिल्ली में हैं और पार्टी के आलाकमान के साथ बैठकों का दौर जारी है.

बंगाल से जुड़े विषयों पर आज दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिलीप घोष ने ममता सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. भाजपा नेता ने बंगाल में राजनीतिक हिंसा, गवर्नर और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान से ले कर चक्रवात अम्फान के बाद राहत कार्य और आगामी चुनाव पर ईटीवी भारत के सवालों का जवाब दिया.

दिलीप घोष ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस.

दिलीप घोष का कहना है की ममता सरकार अपनी विफलताओं से डरी हुई है और इसलिए वह गलत राजनीति कर रही है.

गवर्नर जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि बंगाल में राज भवन पर नजर रखी जा रही है. इस पर दिलीप घोष का कहना है कि पश्चिम बंगाल में गवर्नर के साथ खींचतान का यह खेल विगत 40 वर्षों से चल रहा है जो भी राजनीतिक पार्टी राज्य की सत्ता में होती है वह गवर्नर का विरोध सिर्फ इसलिए करती है, क्योंकि वह उन्हें केंद्र सरकार का प्रतिनिधि मानते हैं ऐसा करना सरासर गलत है.

दिलीप घोष ने कहा किन्हीं कारणों से प्रदेश में उसी पार्टी की सरकार हो जिनकी सरकार केंद्र में है, ऐसा होने पर केंद्र और राज्य के बीच में बेहतर समन्वय होगा और सभी विकास कार्य सही तरीके से हो सकेंगे.

बंगाल में ऐसी खबरें आ रही हैं कि भाजपा इकाई में ही आपस में काफी मतभेद है और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ ही स्थानीय इकाइयों में आवाजें उठ रही हैं. क्या इन्हीं कारणों से दिलीप घोष दिल्ली पहुंचे हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर रहे हैं. इस सवाल पर दिलीप घोष ने कहा कि ये सब महज अफवाहें हैं और कुछ लोग सिर्फ खबरों में बने रहने के लिये ऐसी बातें करते हैं.

पढ़ें - राज्यपाल धनखड़ का आरोप- बंगाल की ममता सरकार रख रही राजभवन पर नजर

बंगाल में राजनीतिक हिंसा और हत्याओं की बढ़ती घटनाओं के बीच स्थानीय निकाय के 100 से ज्यादा सीटों और अगले वर्ष विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में किस तरह से राज्य में चुनाव आयोजित होंगे? इस सवाल के जवाब में दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल में जब तक तृणमूल की अनैतिक राजनीति खत्म नहीं होगी तब तक शांति और कानून व्यवस्था स्थापित नहीं हो सकता.

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में बीते कुछ समय से गवर्नर जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच की खींचतान खुलकर सामने आ रही है. इसी बीच राज्य में राजनीतिक हिंसा और हत्याओं का दौर भी बदस्तूर जारी है. पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दिलीप घोष इन दिनों दिल्ली में हैं और पार्टी के आलाकमान के साथ बैठकों का दौर जारी है.

बंगाल से जुड़े विषयों पर आज दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिलीप घोष ने ममता सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. भाजपा नेता ने बंगाल में राजनीतिक हिंसा, गवर्नर और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान से ले कर चक्रवात अम्फान के बाद राहत कार्य और आगामी चुनाव पर ईटीवी भारत के सवालों का जवाब दिया.

दिलीप घोष ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस.

दिलीप घोष का कहना है की ममता सरकार अपनी विफलताओं से डरी हुई है और इसलिए वह गलत राजनीति कर रही है.

गवर्नर जगदीप धनखड़ ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि बंगाल में राज भवन पर नजर रखी जा रही है. इस पर दिलीप घोष का कहना है कि पश्चिम बंगाल में गवर्नर के साथ खींचतान का यह खेल विगत 40 वर्षों से चल रहा है जो भी राजनीतिक पार्टी राज्य की सत्ता में होती है वह गवर्नर का विरोध सिर्फ इसलिए करती है, क्योंकि वह उन्हें केंद्र सरकार का प्रतिनिधि मानते हैं ऐसा करना सरासर गलत है.

दिलीप घोष ने कहा किन्हीं कारणों से प्रदेश में उसी पार्टी की सरकार हो जिनकी सरकार केंद्र में है, ऐसा होने पर केंद्र और राज्य के बीच में बेहतर समन्वय होगा और सभी विकास कार्य सही तरीके से हो सकेंगे.

बंगाल में ऐसी खबरें आ रही हैं कि भाजपा इकाई में ही आपस में काफी मतभेद है और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ ही स्थानीय इकाइयों में आवाजें उठ रही हैं. क्या इन्हीं कारणों से दिलीप घोष दिल्ली पहुंचे हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर रहे हैं. इस सवाल पर दिलीप घोष ने कहा कि ये सब महज अफवाहें हैं और कुछ लोग सिर्फ खबरों में बने रहने के लिये ऐसी बातें करते हैं.

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बंगाल में राजनीतिक हिंसा और हत्याओं की बढ़ती घटनाओं के बीच स्थानीय निकाय के 100 से ज्यादा सीटों और अगले वर्ष विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में किस तरह से राज्य में चुनाव आयोजित होंगे? इस सवाल के जवाब में दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल में जब तक तृणमूल की अनैतिक राजनीति खत्म नहीं होगी तब तक शांति और कानून व्यवस्था स्थापित नहीं हो सकता.

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