नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी की आपातकालीन बैठक बुलाई है. वह हार के कारणों पर विचार करेंगी. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के ऐसे बयान आने लगे हैं, जो सीधे-सीधे राज्य सरकार के अस्तित्व को चुनौती देने वाले हैं.
भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के अभेद्य समझे जाने वाले किले पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत हासिल की और 40.5 प्रतिशत मत हासिल किया. भाजपा को 2014 में दो सीटें मिली थी और उसे कुल 17 प्रतिशत मत मिले थे. तृणमूल को 2014 में 34 सीटें मिली थी, जो इस बार घटकर 22 रह गयी.
बंगाल के लगभग 130 विधानसभा क्षेत्रों में मतों के लिहाज से भाजपा ने बढ़त बनाई है. राज्य में दो साल बाद 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैरकपुर लोकसभा सीट से जीतने वाले भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने सरकार गिरने की आशंका जताई है. उन्होंने कहा कि हम 2021 का इंतजार नहीं करना चाहते. यह सरकार इस साल के अंत तक ही नहीं चल पाएगी.
मुकुल रॉय का भी ऐसा ही बयान सामने आया है. उन्होंने भी सरकार के समय से पहले गिरने की आशंका जताई है. उनके मुताबिक टीएमसी के कई विधायक भाजपा ज्वाइन करना चाहते हैं.
बंगाल भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय का बयान इनसे मिलता-जुलता है. उनके अनुसार वह सरकार गिराने की पहल नहीं करेंगे, लेकिन खुद गिर जाए, तो वह कुछ नहीं कर सकते हैं.
आपको बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि टीएमसी के करीब 40 विधायक उनके संपर्क में हैं.
अगर इन तीनों बयानों को आपस में मिलाएं, तो कहीं-न-कहीं ये संकेत जा रहे हैं कि टीएमसी में सबकुछ ठीकठाक नहीं है.
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह तुष्टिकरण की ममता बनर्जी की राजनीति और कुशासन के खिलाफ वोट था.
हालांकि, दीदी की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन उन्होंने अपनी ओर से कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने बीजपुर से अपने विधायक और भाजपा नेता मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय को पार्टी विरोधी बयानबाजी करने पर छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.
तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी के अनुसार शुभ्रांशु लगातार ऐसे बयान देते रहे, जो पार्टी के खिलाफ थे.
तृणमूल कांग्रेस में कभी दूसरे नंबर के समझे जाने वाले मुकुल रॉय पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी से संबंध खराब होने के बाद नवंबर 2017 में भाजपा में शामिल हो गये थे. इस लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय मुकुल रॉय को ही जाता है.