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ममता बोलीं- सिंगूर में पूरे किए वादे, विश्वभारती समारोह का नहीं मिला न्योता

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Published : Dec 24, 2020, 3:43 PM IST

Updated : Dec 24, 2020, 9:37 PM IST

ममता बनर्जी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा है कि सिंगूर में उनकी सरकार ने किसानों और उद्योगपतियों को एक साथ लेकर काम किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी योजनाओं से मछुआरों को लाभ मिला है. इससे पहले भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाए कि ममता के झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं है.

ममता के झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं
ममता के झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं

कोलकाता : ममता बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पश्चिम बंगाल के सिंगूर में जो वादे किए थे वो पूरे हुए हैं. उन्होंने विश्वभारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में पीएम मोदी के वर्चुअल कार्यक्रम पर सवाल उठाए और कहा कि उन्हें समारोह में आने का निमंत्रण नहीं मिला था. उधर, पश्चिम सीएम ममता बनर्जी के इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर भाजपा ने बनर्जी पर सवाल भी खड़े किए. भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि ममता द्वेष, अहंकार, झूठ और अहंकार के पथ पर हैं.

ममता बनर्जी ने विश्व-भारती के शताब्दी समारोह के मौके पर लोगों से अपील की कि वे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर की सोच और उनके दर्शन को संरक्षित रखें. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना को 100 साल पूरे हो गए. शिक्षा का यह मंदिर समाज को आदर्श मनुष्य देने के लिए रवींद्रनाथ टैगोर का सबसे बड़ा प्रयोग था. हमें इस महान दूरदर्शी की सोच और दर्शन को संरक्षित रखना चाहिए.'

इससे पहले भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाए कि ममता के झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं है.

अर्जुन सिंह ने आरोप लगाए कि ममता के झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं है
अर्जुन सिंह ने आरोप लगाए कि ममता के झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं है

अर्जुन सिंह ने विश्व भारती विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में ममता को भेजे गए निमंत्रण पत्र के हवाले से लिखा कि ममता ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया है. इससे पहले भाजपा के ट्विटर हैंडल पर भी विश्वभारती विश्वविद्यालय के कार्यक्रम से ममता बनर्जी की अनुपस्थिति को लेकर सवाल खड़े किए गए.

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया था. प्रदेश के मंत्री एवं तृणमूल कंग्रेस नेता ब्रात्य बसु ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान 'तथ्यात्मक गलतियां' की.

बसु ने दावा किया, 'ममता बनर्जी को विश्व भारती के शताब्दी समारोह के लिए कोई न्योता नहीं मिला था.' उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, 'आप जैसा कह रहे हैं, उसके मुताबिक यदि बीती रात भी न्योता भेजा गया था तो क्या यह शिष्टाचार था ? आखिरकार, वह (ममता) राज्य की मुख्यमंत्री हैं.'

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान बांग्ला संस्कृति और परंपराओं को कई तरीके से नीचा दिखाया.

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के संबोधन में गुजरात का जिक्र अक्सर आया. वह रवीन्द्रनाथ टैगोर को गुजरात तक सीमित क्यों कर रहे हैं? उन्होने कहा कि सत्येंद्रनाथ टैगोर की पत्नी (रवीन्द्रनाथ टैगोर की भाभी) ने गुजराती महिलाओं से एक खास तरह से साड़ी का पल्लू (कंधे पर) रखना सीखा. जबकि सच्चाई यह है कि उन्होंने यह गुजरातियों और पारसी से सीखा था. लेकिन प्रधानमंत्री ने पारसी का जिक्र नहीं किया.'

बसु ने दावा किया, 'प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान दिल्ली और लाहौर के विश्वविद्यालयों का जिक्र किया. लेकिन उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय का जिक्र नहीं किया, जिसने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में एक अहम भूमिका निभाई थी.'

ममता बनर्जी सरकार के 'दुआरे सरकार' कार्यक्रम का जिक्र करते हुए बसु ने कहा कि कम से कम 1.42 करोड़ लोगों को विभिन्न कल्याण योजनाओं से सीधा फायदा पहुंचा है और इस उद्देश्य के लिए 8,700 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया. समारोह के दौरान राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित थे.

कोलकाता : ममता बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पश्चिम बंगाल के सिंगूर में जो वादे किए थे वो पूरे हुए हैं. उन्होंने विश्वभारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में पीएम मोदी के वर्चुअल कार्यक्रम पर सवाल उठाए और कहा कि उन्हें समारोह में आने का निमंत्रण नहीं मिला था. उधर, पश्चिम सीएम ममता बनर्जी के इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर भाजपा ने बनर्जी पर सवाल भी खड़े किए. भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि ममता द्वेष, अहंकार, झूठ और अहंकार के पथ पर हैं.

ममता बनर्जी ने विश्व-भारती के शताब्दी समारोह के मौके पर लोगों से अपील की कि वे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर की सोच और उनके दर्शन को संरक्षित रखें. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, 'विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना को 100 साल पूरे हो गए. शिक्षा का यह मंदिर समाज को आदर्श मनुष्य देने के लिए रवींद्रनाथ टैगोर का सबसे बड़ा प्रयोग था. हमें इस महान दूरदर्शी की सोच और दर्शन को संरक्षित रखना चाहिए.'

इससे पहले भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाए कि ममता के झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं है.

अर्जुन सिंह ने आरोप लगाए कि ममता के झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं है
अर्जुन सिंह ने आरोप लगाए कि ममता के झूठ बोलने की कोई सीमा नहीं है

अर्जुन सिंह ने विश्व भारती विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में ममता को भेजे गए निमंत्रण पत्र के हवाले से लिखा कि ममता ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया है. इससे पहले भाजपा के ट्विटर हैंडल पर भी विश्वभारती विश्वविद्यालय के कार्यक्रम से ममता बनर्जी की अनुपस्थिति को लेकर सवाल खड़े किए गए.

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया था. प्रदेश के मंत्री एवं तृणमूल कंग्रेस नेता ब्रात्य बसु ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान 'तथ्यात्मक गलतियां' की.

बसु ने दावा किया, 'ममता बनर्जी को विश्व भारती के शताब्दी समारोह के लिए कोई न्योता नहीं मिला था.' उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, 'आप जैसा कह रहे हैं, उसके मुताबिक यदि बीती रात भी न्योता भेजा गया था तो क्या यह शिष्टाचार था ? आखिरकार, वह (ममता) राज्य की मुख्यमंत्री हैं.'

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान बांग्ला संस्कृति और परंपराओं को कई तरीके से नीचा दिखाया.

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के संबोधन में गुजरात का जिक्र अक्सर आया. वह रवीन्द्रनाथ टैगोर को गुजरात तक सीमित क्यों कर रहे हैं? उन्होने कहा कि सत्येंद्रनाथ टैगोर की पत्नी (रवीन्द्रनाथ टैगोर की भाभी) ने गुजराती महिलाओं से एक खास तरह से साड़ी का पल्लू (कंधे पर) रखना सीखा. जबकि सच्चाई यह है कि उन्होंने यह गुजरातियों और पारसी से सीखा था. लेकिन प्रधानमंत्री ने पारसी का जिक्र नहीं किया.'

बसु ने दावा किया, 'प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान दिल्ली और लाहौर के विश्वविद्यालयों का जिक्र किया. लेकिन उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय का जिक्र नहीं किया, जिसने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में एक अहम भूमिका निभाई थी.'

ममता बनर्जी सरकार के 'दुआरे सरकार' कार्यक्रम का जिक्र करते हुए बसु ने कहा कि कम से कम 1.42 करोड़ लोगों को विभिन्न कल्याण योजनाओं से सीधा फायदा पहुंचा है और इस उद्देश्य के लिए 8,700 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया. समारोह के दौरान राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी उपस्थित थे.

Last Updated : Dec 24, 2020, 9:37 PM IST
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