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महाराष्ट्र में स्थिति अब भी है अनसुलझी - Cm fadnavis resigns

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शनिवार को खत्म हो जाएगा. इसी क्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन भाजपा और शिवसेना अभी तक सरकार बनाने को लेकर किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच पई हैं.

सीएम फडणवीस ने दिया इस्तीफा
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Published : Nov 8, 2019, 5:37 PM IST

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अब कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं मगर राजनैतिक सियासत मैं कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा. भाजपा-शिवसेना या फिर एनसीपी-कांग्रेस हर संभव प्रयास में जुटी हैं उनके विधायकों को राष्ट्रपति शासन का दंश न झेलना पड़े.

आज 12 बजे रात तक ही राजनीतिक पार्टियां सरकार बनाने का दावा कर सकती हैं. उसके बाद भी संवैधानिक तौर पर राज्यपाल के पास ये अधिकार हैं कि वह सबसे पहले सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए और बहुमत सिद्ध करने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.

महाराष्ट्र का घमासान अंतिम क्षणोंं में

यदि सबसे बड़ी पार्टी माना करती है तो राज्यपाल दूसरी और उसके मना करने के बाद तीसरी पार्टी तक को सरकार बनाने और बहुमत सिद्ध करने को आमंत्रित कर सकते हैं.

भाजपा अपने अंतिम प्रयास के लिए केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के नेता नीतिन गड़करी को अपने विधायको का मन टटोलने भेज चुकी है. आपको बता दें, अन्य राज्यों में ऐसी समस्या आने पर नितिन गडकरी ही संकटमोचक की तरह स्थिति संभालते रहे हैं.

पढ़ें-महाराष्ट्रः सीएम फडणवीस ने सौंपा इस्तीफा

हालांकि शिवसेना की और भाजपा दोनों ही पार्टियां सरकार बनाने का दावा सार्वजनिक तौर पर करती रहीं मगर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास दावा पेश करने कोई भी पार्टी नही पहुंची.

महारास्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शुक्रवार की रात 12 बजे खत्म हो रहा है और अगले कुछ घंटे में सरकार का गठन नही हुआ तो वहां राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है.

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अब कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं मगर राजनैतिक सियासत मैं कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा. भाजपा-शिवसेना या फिर एनसीपी-कांग्रेस हर संभव प्रयास में जुटी हैं उनके विधायकों को राष्ट्रपति शासन का दंश न झेलना पड़े.

आज 12 बजे रात तक ही राजनीतिक पार्टियां सरकार बनाने का दावा कर सकती हैं. उसके बाद भी संवैधानिक तौर पर राज्यपाल के पास ये अधिकार हैं कि वह सबसे पहले सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए और बहुमत सिद्ध करने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.

महाराष्ट्र का घमासान अंतिम क्षणोंं में

यदि सबसे बड़ी पार्टी माना करती है तो राज्यपाल दूसरी और उसके मना करने के बाद तीसरी पार्टी तक को सरकार बनाने और बहुमत सिद्ध करने को आमंत्रित कर सकते हैं.

भाजपा अपने अंतिम प्रयास के लिए केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के नेता नीतिन गड़करी को अपने विधायको का मन टटोलने भेज चुकी है. आपको बता दें, अन्य राज्यों में ऐसी समस्या आने पर नितिन गडकरी ही संकटमोचक की तरह स्थिति संभालते रहे हैं.

पढ़ें-महाराष्ट्रः सीएम फडणवीस ने सौंपा इस्तीफा

हालांकि शिवसेना की और भाजपा दोनों ही पार्टियां सरकार बनाने का दावा सार्वजनिक तौर पर करती रहीं मगर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास दावा पेश करने कोई भी पार्टी नही पहुंची.

महारास्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शुक्रवार की रात 12 बजे खत्म हो रहा है और अगले कुछ घंटे में सरकार का गठन नही हुआ तो वहां राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है.

Intro: महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अब कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं मगर राजनैतिक सियासत मैं कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा भाजपा शिवसेना या फिर एनसीपी कांग्रेस हर संभव प्रयास में जुटी है उनके विधायकों को राष्ट्रपति शासहन का दंश न झेलना पड़े क्योंकीबिसमे उन्हें कहीं न कही पार्टी के टूट का डर समय रहेगा इसलिए अंतिम समय मे सभी पार्टियां अपनेअपने विधायकों को रिसोर्ट आउट फार्म हाउस में पहुंच चुकी है
12 बजे रात तक ही राजनीतिक पार्टियां सरकार बनाने का फाव कर सकती हैं उसके बाद मगर ऐसा बि नही की तुरंत राष्ट्रपति शासहन ही लगा दिया जाएगा बल्कि उसके बाद भी संवैधानिक तौर पर राज्यपाल के पास ये अधिकार है कि वो सबसे पहले सिंगल लार्जेस्ट पार्टी को सरकार बनाने के लिए और बहुमत सिद्ध करने के लिए आमंत्रित कर सकता है


Body:यदि सिंगल लार्जेस्ट पर्टी माना करती है तो राज्यपाल दूसरी और Uसके मन करने के बाद तीसरी पार्टी तक के9 सरकार बनाने और बहुमत सिद्ध करने को आमंत्रित कर सकता है,ऐसे में
बीजेपी अपने अंतिम प्रयास के लिए केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के नेता नीति। गड़करी को अपने विधायको का मन टटोलने भेज चुकी है हालांकि अन्य राज्यों में आये ऐसे sitution को हमेशा से पार्टी के नेता नितिन गडकरी ही संकटमोचक की तरह संभालते रहे हैं
हालांकि शिवसेना की और बीजेपी दोनों ही पार्टियां सरकार बनाने का दावा सार्वजनिक तौर पर करती रहीं मगर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास दावा पेश करने कोई भी पार्टी नही पहुंची
महारास्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शुक्रवार की रात 12 बजे खत्म हो रहा है और अगले कुछ घंटे में सरकार का गठन नही हुआ तो वहां राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है और बिना विधानसभा के आस्तित्व में रहे कोई सरकार नजी बन सकती


हालांकि अंदरखाने सूत्रों के मुताबिक बीजेपी कर्नाटक की गलती महारास्ट्र में दोहराना नही चाहटी मगर फिर भी पार्टी अपने विधायकों का मन टटोलने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भेजआ है


Conclusion:हालांकि यदि महारास्ट्र में राष्ट्रपति शासहन लगता है तो सूत्रों के मुताबिक कुछ ही महीनों में बीजेपी को बहुमत के आंकड़े जुटाना सम्भव भी हो सकता है क्योंकि8 जानकारों का मानना है8 कि एनसीपी में 12 विधयक बीजेपी के गए हुए हैं और शिवसेना के भी विधायकों का एक बड़ा समूह जीत के बाद राष्ट्रपति शेष। Mके नही बैठना चाहता क्योंकि8 देश के मानचित्र में महारास्ट्र आर्थिक अउ4 राजनैतिक दोनों ही दृस्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य है ऐसे में एनसीपी,कांग्रेस और शिवसेना तीनो ही पार्टियों। को अपने विधायकों की गतिविधियों पर लगातार नजररखनी होगी क्योंकि के डर में जिस पार्टी के8 सत्ता होती है राजनीति में उसी के पास धन और बाहुबल माने जाने की परपरा है
बहरहाल पार्टी ने अपने नेराओं को सख्त हिदायत दी है कि अंतिम के कुछ घंटों में वो महारास्ट्र प4 कोई भी बयानबाजी ना करें
अपना मुंह बंद रखे अउ4 यदि राष्ट्रपति शासहन लगता है तो इसके बाद बिजेपी सारा ठीकरा शिवसेना पर फोड़ेगी और शिवसेना को सत्ता लोलुप बताते हुए खुद को शहीद बताने का प्रयास करेगी ताकि अगले कुछ महीनों में महारास्ट्र की तस्वीर बदलती नजर आए
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