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महंत नरेंद्र गिरि बोले- जब चुनावी रैलियां हो सकती हैं तो कुंभ क्यों नहीं?

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Published : Dec 22, 2020, 8:46 AM IST

हरिद्वार महाकुंभ 2021 होने में कुछ ही समय बचा है, लेकिन अभी सरकार कुंभ का स्वरूप तय नहीं कर पाई है. जिसको लेकर हरिद्वार के संतों में नाराजगी देखने को मिल रही है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि जब राजनीतिक पार्टियां बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियां कर सकती हैं, तो हरिद्वार कुंभ क्यों नहीं हो सकता?

grand Kumbh
नरेंद्र गिरि

हरिद्वार: आगामी कुंभ मेले के लिए कुछ समय ही शेष है, लेकिन कुंभ के स्वरूप को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिसको लेकर हरिद्वार के संतों में सरकार के प्रति रोष है. उनका कहना है कि जब बिहार और हैदराबाद में बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियां हो सकती हैं, तो हरिद्वार कुंभ क्यों नहीं हो सकता? हरिद्वार के संतों ने उत्तराखंड सरकार को प्रयागराज में होने जा रहे माघ मेला का हवाला देते हुए कहा है कि यूपी सरकार प्रयागराज में माघ मेले को भव्य तरीके से मना रही है. इसके लिए बड़े स्तर पर पंडालों की व्यवस्था भी की जा रही है, लेकिन हरिद्वार कुंभ में शासन और मेला प्रशासन संतों को पंडाल लगाने की अभी अनुमति भी नहीं दे रहा है.

चुनावी रैलियां हो सकती हैं तो कुंभ क्यों नहीं?

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और उत्तराखंड सरकार की वार्ता हुई थी कि कोरोना महामारी को देखते हुए कुंभ के स्वरूप को लेकर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब कोरोना महामारी कम हो रही है और उत्तर प्रदेश सरकार माघ मेला भव्य रूप से मनाने जा रही है. साथ ही माघ मेले में टेंट की व्यवस्था की जा रही है. इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि हरिद्वार कुंभ भी साल 2010 की तर्ज पर ही होगा. इसमें कोई किंतु परंतु नहीं है.

जब रैलियां हो सकती हैं, तो कुंभ मेला क्यों नहीं-नरेंद्र गिरि
महंत नरेंद्र गिरि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से आग्रह किया है कि वो मेला प्रशासन को निर्देश दें कि मेला भव्य कराएं. उन्होंने कहा कि अब सारे सामाजिक कार्य हो रहे हैं. बिहार में चुनाव हो गए. सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी पार्टियों का अभियान चला रहे हैं, तो हरिद्वार का कुंभ क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री उत्तराखंड के सीएम को निर्देश दें कि वो कुंभ मेला भव्य तरीके से कराएं. यह बहुत जरूरी हो गया है.

25 तारीख को बुलाई गई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक
नरेंद्र गिरि ने कहा कि वो मंगलवार को 12 बजे अखाड़ा परिषद मेला अधिकारी के साथ सभी अखाड़ों में जाकर उनके पेशवाई मार्ग, उनके छावनी के स्थान और अखाड़े में क्या कार्य हो रहा है, इसको लेकर निरीक्षण करेंगे. साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की एक बैठक 25 तारीख को नया उदासीन अखाड़े में की जाएगी. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि उन्होंने धर्म ध्वजा के लिए मेला प्रशासन से मांग की थी कि धर्म ध्वजा दो महीने पहल सभी अखाड़ों में पहुंच जाए, मगर अभी तक नहीं पहुंची है. इसके लिए मेला अधिकारी से उनकी वार्ता हुई है. उन्होंने वन विभाग को लेटर लिखा है कि वन विभाग के अधिकारी सभी अखाड़ों में जाएं और जिन अखाड़ों को जितनी लकड़ी चाहिए, उतनी व्यवस्था करें.

पढ़ें: भाजपा सांसद बोले- पता नहीं चला कब मेरी 'गृहलक्ष्मी' लेकर चले गए

हरिद्वार के संतों के लिए हो टेंट की व्यवस्था- हरी गिरी
वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरी गिरि का कहना है कि कुंभ मेले को लेकर कुछ प्राचीन परंपराये हैं. प्रदेश में अब कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार हुआ है. प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद टेंट की व्यवस्था की जा रही है. प्रयागराज मेला भव्य तरीके से होने जा रहा है. वहां पांच से 10 लाख टेंट की व्यवस्था की जा रही है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के सामने ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां के जिलाधिकारी को सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं कि प्रयागराज मेले को भव्य तरीके से मनाया जाए. उन्होंने उत्तराखंड सरकार से आग्रह किया है कि कुंभ मेले से पहले हरिद्वार के सभी साधु संतों के लिए टेंट की व्यवस्था की जाए.

हरिद्वार: आगामी कुंभ मेले के लिए कुछ समय ही शेष है, लेकिन कुंभ के स्वरूप को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिसको लेकर हरिद्वार के संतों में सरकार के प्रति रोष है. उनका कहना है कि जब बिहार और हैदराबाद में बड़ी-बड़ी चुनावी रैलियां हो सकती हैं, तो हरिद्वार कुंभ क्यों नहीं हो सकता? हरिद्वार के संतों ने उत्तराखंड सरकार को प्रयागराज में होने जा रहे माघ मेला का हवाला देते हुए कहा है कि यूपी सरकार प्रयागराज में माघ मेले को भव्य तरीके से मना रही है. इसके लिए बड़े स्तर पर पंडालों की व्यवस्था भी की जा रही है, लेकिन हरिद्वार कुंभ में शासन और मेला प्रशासन संतों को पंडाल लगाने की अभी अनुमति भी नहीं दे रहा है.

चुनावी रैलियां हो सकती हैं तो कुंभ क्यों नहीं?

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और उत्तराखंड सरकार की वार्ता हुई थी कि कोरोना महामारी को देखते हुए कुंभ के स्वरूप को लेकर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब कोरोना महामारी कम हो रही है और उत्तर प्रदेश सरकार माघ मेला भव्य रूप से मनाने जा रही है. साथ ही माघ मेले में टेंट की व्यवस्था की जा रही है. इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि हरिद्वार कुंभ भी साल 2010 की तर्ज पर ही होगा. इसमें कोई किंतु परंतु नहीं है.

जब रैलियां हो सकती हैं, तो कुंभ मेला क्यों नहीं-नरेंद्र गिरि
महंत नरेंद्र गिरि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से आग्रह किया है कि वो मेला प्रशासन को निर्देश दें कि मेला भव्य कराएं. उन्होंने कहा कि अब सारे सामाजिक कार्य हो रहे हैं. बिहार में चुनाव हो गए. सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी पार्टियों का अभियान चला रहे हैं, तो हरिद्वार का कुंभ क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री उत्तराखंड के सीएम को निर्देश दें कि वो कुंभ मेला भव्य तरीके से कराएं. यह बहुत जरूरी हो गया है.

25 तारीख को बुलाई गई अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक
नरेंद्र गिरि ने कहा कि वो मंगलवार को 12 बजे अखाड़ा परिषद मेला अधिकारी के साथ सभी अखाड़ों में जाकर उनके पेशवाई मार्ग, उनके छावनी के स्थान और अखाड़े में क्या कार्य हो रहा है, इसको लेकर निरीक्षण करेंगे. साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की एक बैठक 25 तारीख को नया उदासीन अखाड़े में की जाएगी. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि उन्होंने धर्म ध्वजा के लिए मेला प्रशासन से मांग की थी कि धर्म ध्वजा दो महीने पहल सभी अखाड़ों में पहुंच जाए, मगर अभी तक नहीं पहुंची है. इसके लिए मेला अधिकारी से उनकी वार्ता हुई है. उन्होंने वन विभाग को लेटर लिखा है कि वन विभाग के अधिकारी सभी अखाड़ों में जाएं और जिन अखाड़ों को जितनी लकड़ी चाहिए, उतनी व्यवस्था करें.

पढ़ें: भाजपा सांसद बोले- पता नहीं चला कब मेरी 'गृहलक्ष्मी' लेकर चले गए

हरिद्वार के संतों के लिए हो टेंट की व्यवस्था- हरी गिरी
वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरी गिरि का कहना है कि कुंभ मेले को लेकर कुछ प्राचीन परंपराये हैं. प्रदेश में अब कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार हुआ है. प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद टेंट की व्यवस्था की जा रही है. प्रयागराज मेला भव्य तरीके से होने जा रहा है. वहां पांच से 10 लाख टेंट की व्यवस्था की जा रही है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के सामने ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां के जिलाधिकारी को सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं कि प्रयागराज मेले को भव्य तरीके से मनाया जाए. उन्होंने उत्तराखंड सरकार से आग्रह किया है कि कुंभ मेले से पहले हरिद्वार के सभी साधु संतों के लिए टेंट की व्यवस्था की जाए.

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