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कमलेश हत्याकांड : ट्रांजिट रिमांड के लिए कोर्ट में आरोपियों की पेशी, वापस लाएगी यूपी पुलिस - यूपी पुलिस पहुंची गुजरात

कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों आरोपियों - मोइनुद्दीन व अशफाक को लखनऊ लाने के लिए यूपी पुलिस की चार सदस्यीय टीम गुजरात पहुंच गई है. गुजरात से गिरफ्तार दोनों हत्यारों ने अपना गुनाह कबूल लिया था. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों ही हत्यारों को लखनऊ के कोर्ट में पेश किया जाएगा. जानें विस्तार से...

कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारें
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Published : Oct 23, 2019, 11:57 AM IST

Updated : Oct 23, 2019, 3:50 PM IST

लखनऊ : कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपियों को लखनऊ लाने के लिए यूपी पुलिस की चार सदस्यीय टीम गुजरात पहुंच गई है. यूपी पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ भी करेगी. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों ही हत्यारों को लखनऊ लाया जाएगा, जहां उनसे विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी. इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.

पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड के लिए आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है.

कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपी कोर्ट में पेश...

बता दें कि गुजरात व राजस्थान बॉर्डर पर गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किये गये कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों आरोपियों - मोइनुद्दीन व अशफाक को लखनऊ लाने के लिए लखनऊ पुलिस के चार सदस्यीय टीम बुधवार सुबह ही गुजरात रवाना हो गई थी.

कमलेश तिवारी के हत्यारे गिरफ्तार...

दरअसल गुजरात से गिरफ्तार किये गये कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. एटीएस को दिये गये बयान में यह पता चला कि अशफाक ने कमलेश तिवारी पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला किया था और बेरहमी से उसका गला काट दिया था.

इस दौरान अशफाक के दाहिने हाथ में चोट भी आई थी. अशफाक एक प्रतिष्ठित कम्पनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव था वहीं दूसरा हत्यारा मोइनुद्दीन फूड डेलिवरी का काम करता था. दोनों आरोपी सूरत के ही रहने वाले हैं.

बता दें कि लखनऊ से फरार होने के बाद दोनों आरोपियों को पुलिस उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ढूंढ रही थी. कई जगह से उनकी लोकेशन भी सामने आई थी.

मददगार पर भी हुई कार्रवाई
सोमवार रात करीब 2:00 बजे एटीएस ने शाहाबाद में छापेमारी कर दरगाह आला हजरत पर नात पढ़ने वाले सैयद कैफी अली को गिरफ्तार किया. उसे रात में ही लखनऊ ले आया गया. यूपी एटीएस, एसटीएफ व लखनऊ पुलिस ने कैफी से लंबी पूछताछ की. उस पर आरोप है कि आरोपियों की मदद करते हुए बरेली में उन्हें खाना खिलाया और एक डिस्पेंसरी में ले जाकर अशफाक के हाथ में लगी चोट की ड्रेसिंग कराई थी.


यूट्यूब चैनल पर भड़काऊ वीडियो जारी करता था सय्यद हासिम अली
गौरतलब है कि सोमवार को कमलेश तिवारी हत्याकांड के तहत नागपुर से एक और आरोपी सैयद आसिफ अली को गिरफ्तार किया गया था, जिसे लखनऊ लाकर लंबी पूछताछ की गई. आसिम पर आरोप है कि वह यूट्यूब चैनल पर भड़काऊ वीडियो जारी कर युवाओं को गुमराह कर रहा था.

दरअसल 25 अक्टूबर 2017 को उसने जो वीडियो अपलोड किया था, उसके टाइटल में ही कमलेश को चुनौती देते हुए धमकी भरे अंदाज में लिखा गया था कि गुस्ताखी की सजा सिर्फ मौत है. यह वीडियो उस समय अपलोड किया गया था, जब कमलेश तिवारी ने एक विवादित फिल्म बनाने की घोषणा की थी. सैयद आसिफ अली के यूट्यूब चैनल पर 41000 सब्सक्राइब है.

नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा
इस बीच यह भी खुलासा हुआ है कि सैयद आसिफ मलिक ने 2019 में नागपुर लोकसभा सीट से मुस्लिम माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी से नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था, उसका चुनाव निशान क्रेन था. हालांकि आसिम को मात्र 6000 वोट मिले थे. उसका नाम महाराष्ट्र और गुजरात में मुस्लिम कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए चर्चित है.

लखनऊ पुलिस की पूछताछ के दौरान आसिम ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उसने ही राशिद को फोन करके पूरे मामले की जानकारी दी थी और हत्या करके भागे अशफाक और मोइनुद्दीन की मदद का जिम्मा लिया था, जिस तरीके से या लंबे समय से यूट्यूब का सहारा लेकर वह युवाओं को भड़का रहा था, ऐसे में जांच एजेंसियों पर भी सवाल उठता है कि जब सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ इतने सबूत मौजूद थे, फिर उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

अल हिन्द ब्रिगेड नाम के संगठन पर भी नजर
वहीं जांच एजेंसी अल हिन्द ब्रिगेड नाम के संगठन पर भी नजर बनाए हुए हैं क्योंकि इस संगठन ने ही कमलेश तिवारी की हत्या के तुरंत बाद हत्या की जिम्मेदारी ली थी. ऐसे में जांच एजेंसी इस और भी विचार कर रही है कि कहीं अल-हिन्द ब्रिगेड का संचालक सैयद आसिफ अली ही तो नहीं है.

दरअसल दोनों हत्यारों ने कमलेश तिवारी तक पहुंचने के लिए हिन्दू समाज पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष जायमीन दवे बापू का सहारा लिया. पहले हत्यारों ने गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष से सम्पर्क साधा, फिर रोहित सोलंकी नाम से फेसबुक आईडी बनाई और गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष को अपने सम्पर्क में लिया.

रामायण की चौपाई भी पोस्ट की थी
इसके बाद सम्पर्क में आये कमलेश तिवारी को अपने विश्वास में लेने के लिए लगातार रोहित सोलंकी नाम की फेसबुक आईडी पर हत्यारे हिन्दू समाज को लेकर पोस्ट करते रहे, जिसमें रामायण की चौपाई भी पोस्ट की गई.

रोहित सोलंकी नाम की फेसबुक पर सक्रियता देखने के बाद कमलेश तिवारी ने रोहित सोलंकी उर्फ अशफाक हुसैन को सूरत शहर की आईटी सेल का प्रचारक मनोनीत किया, जिस दिन दोनों आरोपी लखनऊ के लिए रवाना हुए, उस दिन भी गुजरात प्रदेश अध्यक्ष को इस बारे में जानकारी दी गई थी.

लखनऊ : कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपियों को लखनऊ लाने के लिए यूपी पुलिस की चार सदस्यीय टीम गुजरात पहुंच गई है. यूपी पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ भी करेगी. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों ही हत्यारों को लखनऊ लाया जाएगा, जहां उनसे विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की जाएगी. इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.

पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड के लिए आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है.

कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपी कोर्ट में पेश...

बता दें कि गुजरात व राजस्थान बॉर्डर पर गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किये गये कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों आरोपियों - मोइनुद्दीन व अशफाक को लखनऊ लाने के लिए लखनऊ पुलिस के चार सदस्यीय टीम बुधवार सुबह ही गुजरात रवाना हो गई थी.

कमलेश तिवारी के हत्यारे गिरफ्तार...

दरअसल गुजरात से गिरफ्तार किये गये कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. एटीएस को दिये गये बयान में यह पता चला कि अशफाक ने कमलेश तिवारी पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला किया था और बेरहमी से उसका गला काट दिया था.

इस दौरान अशफाक के दाहिने हाथ में चोट भी आई थी. अशफाक एक प्रतिष्ठित कम्पनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव था वहीं दूसरा हत्यारा मोइनुद्दीन फूड डेलिवरी का काम करता था. दोनों आरोपी सूरत के ही रहने वाले हैं.

बता दें कि लखनऊ से फरार होने के बाद दोनों आरोपियों को पुलिस उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ढूंढ रही थी. कई जगह से उनकी लोकेशन भी सामने आई थी.

मददगार पर भी हुई कार्रवाई
सोमवार रात करीब 2:00 बजे एटीएस ने शाहाबाद में छापेमारी कर दरगाह आला हजरत पर नात पढ़ने वाले सैयद कैफी अली को गिरफ्तार किया. उसे रात में ही लखनऊ ले आया गया. यूपी एटीएस, एसटीएफ व लखनऊ पुलिस ने कैफी से लंबी पूछताछ की. उस पर आरोप है कि आरोपियों की मदद करते हुए बरेली में उन्हें खाना खिलाया और एक डिस्पेंसरी में ले जाकर अशफाक के हाथ में लगी चोट की ड्रेसिंग कराई थी.


यूट्यूब चैनल पर भड़काऊ वीडियो जारी करता था सय्यद हासिम अली
गौरतलब है कि सोमवार को कमलेश तिवारी हत्याकांड के तहत नागपुर से एक और आरोपी सैयद आसिफ अली को गिरफ्तार किया गया था, जिसे लखनऊ लाकर लंबी पूछताछ की गई. आसिम पर आरोप है कि वह यूट्यूब चैनल पर भड़काऊ वीडियो जारी कर युवाओं को गुमराह कर रहा था.

दरअसल 25 अक्टूबर 2017 को उसने जो वीडियो अपलोड किया था, उसके टाइटल में ही कमलेश को चुनौती देते हुए धमकी भरे अंदाज में लिखा गया था कि गुस्ताखी की सजा सिर्फ मौत है. यह वीडियो उस समय अपलोड किया गया था, जब कमलेश तिवारी ने एक विवादित फिल्म बनाने की घोषणा की थी. सैयद आसिफ अली के यूट्यूब चैनल पर 41000 सब्सक्राइब है.

नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा
इस बीच यह भी खुलासा हुआ है कि सैयद आसिफ मलिक ने 2019 में नागपुर लोकसभा सीट से मुस्लिम माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी से नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था, उसका चुनाव निशान क्रेन था. हालांकि आसिम को मात्र 6000 वोट मिले थे. उसका नाम महाराष्ट्र और गुजरात में मुस्लिम कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए चर्चित है.

लखनऊ पुलिस की पूछताछ के दौरान आसिम ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उसने ही राशिद को फोन करके पूरे मामले की जानकारी दी थी और हत्या करके भागे अशफाक और मोइनुद्दीन की मदद का जिम्मा लिया था, जिस तरीके से या लंबे समय से यूट्यूब का सहारा लेकर वह युवाओं को भड़का रहा था, ऐसे में जांच एजेंसियों पर भी सवाल उठता है कि जब सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ इतने सबूत मौजूद थे, फिर उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

अल हिन्द ब्रिगेड नाम के संगठन पर भी नजर
वहीं जांच एजेंसी अल हिन्द ब्रिगेड नाम के संगठन पर भी नजर बनाए हुए हैं क्योंकि इस संगठन ने ही कमलेश तिवारी की हत्या के तुरंत बाद हत्या की जिम्मेदारी ली थी. ऐसे में जांच एजेंसी इस और भी विचार कर रही है कि कहीं अल-हिन्द ब्रिगेड का संचालक सैयद आसिफ अली ही तो नहीं है.

दरअसल दोनों हत्यारों ने कमलेश तिवारी तक पहुंचने के लिए हिन्दू समाज पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष जायमीन दवे बापू का सहारा लिया. पहले हत्यारों ने गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष से सम्पर्क साधा, फिर रोहित सोलंकी नाम से फेसबुक आईडी बनाई और गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष को अपने सम्पर्क में लिया.

रामायण की चौपाई भी पोस्ट की थी
इसके बाद सम्पर्क में आये कमलेश तिवारी को अपने विश्वास में लेने के लिए लगातार रोहित सोलंकी नाम की फेसबुक आईडी पर हत्यारे हिन्दू समाज को लेकर पोस्ट करते रहे, जिसमें रामायण की चौपाई भी पोस्ट की गई.

रोहित सोलंकी नाम की फेसबुक पर सक्रियता देखने के बाद कमलेश तिवारी ने रोहित सोलंकी उर्फ अशफाक हुसैन को सूरत शहर की आईटी सेल का प्रचारक मनोनीत किया, जिस दिन दोनों आरोपी लखनऊ के लिए रवाना हुए, उस दिन भी गुजरात प्रदेश अध्यक्ष को इस बारे में जानकारी दी गई थी.

Intro:एंकर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हत्याकांड कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात एटीएस को बड़ी कामयाबी मिली है दोनों हत्यारे मोइनुद्दीन वह अशफाक को एटीएस ने राजस्थान व गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार किया है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस की 4 सदस्य टीम गुजरात के लिए देर रात रवाना हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ पुलिस की 4 सदस्य टीम अहमदाबाद पहुंच गई है और वहां पर अब टीम दोनों गिरफ्तार हत्यारों से पूछताछ करेगी पूछताछ के बाद दोनों हत्यारों को लखनऊ लाया जाएगा जहां पर एटीएस एसटीएफ एसआईटी व लखनऊ पुलिस विभिन्न पहलुओं पर दोनों हत्यारों से पूछताछ करेगी जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।


Body:वियो

कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम देने वाले दोनों हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस ने राहत की सांस ली है हत्या के पांचवे दिन गुजरात एटीएस को यह कामयाबी मिली। कमलेश तिवारी के हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद कमलेश की मां कुसुम तिवारी ने दोनों हत्यारों के लिए फांसी की सजा की मांग की है। इससे पहले गुजरात से गिरफ्तार किए गए तीन साजिशकर्ता फैजान रशीद मोहसिन को मंगलवार कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है वहीं नागपुर महाराष्ट्र से सैयद आसिफ अली को भी गिरफ्तार किया गया है आसिफ लंबे समय से यूट्यूब पर वीडियो बनाकर युवाओं को गुमराह करता था इस हत्याकांड में आसिफ अली हत्यारों का मुख्य सहयोगी माना जा रहा है वही हत्यारों की मदद करने को लेकर बरेली से सैयद केफी अली को भी गिरफ्तार किया गया है।

आतंकवादी संगठन को लेकर एटीएस करेगी पूछताछ

घटना के बाद al-hind नाम के एक संगठन ने कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी इसलिए पुलिस इस ओर भी विचार कर रही है कि कहीं यह सभी आरोपी किसी आतंकवादी संगठन के लिए तो काम नहीं कर रहे थे लिहाजा गिरफ्तार किए गए दोनों हत्यारों व अन्य आरोपियों के साथ एटीएस भी पूछताछ करेगी और आतंकवादी एंगल को खंगालने की कोशिश करेगी इन सभी आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस कई अन्य लोगों पर भी कार्यवाही कर सकती है क्योंकि या अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना को अंजाम देने के बाद दोनों हत्यारों की उत्तर प्रदेश में कई जगह पर मदद हुई है तो ऐसे में या पता लगाया जाएगा कि इनकी मदद आखिर किन लोगों ने की और क्यों?


Conclusion:संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26
Last Updated : Oct 23, 2019, 3:50 PM IST
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