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लोकसभा : शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन, अहम मुद्दों पर हो रही चर्चा

प्रतीकात्मक तस्वीर.
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Published : Nov 20, 2019, 11:22 AM IST

Updated : Nov 20, 2019, 1:33 PM IST

13:31 November 20

दो दिन के हंगामे के बाद लोकसभा में बुधवार को शांति से चला प्रश्नकाल

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन लोकसभा में बैठक शुरू होने पर कांग्रेस, द्रमुक और नेशनल कान्फ्रेंस के सदस्यों की विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी के बाद बुधवार को सदन में प्रश्नकाल शांति से चला.

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और द्रमुक के टी आर बालू ने अपनी-अपनी बात रखने की अनुमति मांगी. लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शून्यकाल में विषय उठाने को कहा.

स्पीकर ने कहा, ‘‘आपका अधिकार है. शून्यकाल में आपको बोलने का मौका दूंगा.’’

उनके आश्वासन के बाद सदस्य अपने स्थान पर बैठ गये और प्रश्नकाल शुरू हुआ. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित थे.

प्रश्न सूची में बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभागों से संबंधित प्रश्न सूचीबद्ध थे.

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत सोमवार को हुई और पहले दो दिन सदन में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न मुद्दों पर हंगामा हुआ.

सोमवार को नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर में हिरासत में रखे जाने का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा में सरकार पर निशाना साधा और लोकसभा अध्यक्ष से सरकार को अब्दुल्ला को तत्काल रिहा करने का आदेश देने का अनुरोध किया. इस मुद्दे पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.

सोमवार को शिवसेना के सदस्य भी महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे.

अध्यक्ष बिरला ने नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल चलाया.

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा की बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई और कांग्रेस नेताओं सोनिया, राहुल गांधी से एसपीजी की सुरक्षा वापस लिये जाने के मुद्दे पर कांग्रेस, द्रमुक के सदस्यों ने पूरे प्रश्नकाल में आसन के समीप नारेबाजी की. शून्यकाल में इन दलों के सदस्यों ने इस विषय पर सदन से वाकआउट किया.

मंगलवार को अध्यक्ष बिरला ने आसन के समीप नारेबाजी कर रहे सदस्यों को आगाह करते हुए कहा कि आसन के पास आकर आसन से बातचीत करने की परंपरा पहले रही होगी, लेकिन आगे से सदस्य ऐसा नहीं करें, अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई करनी होगी.

बाद में शून्यकाल शुरू होने पर ही नारेबाजी कर रहे सदस्य अपने स्थानों पर गये.

12:30 November 20

बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली ने उठाया न्यायालय में लंबित मामलों पर सवाल

न्यायालयों में लंबित मामलों पर दानिश अली का सवाल

बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली ने न्यायालय में लंबित मामलों पर सवाल उठाया. साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकेर्ट की बेंच बनाने को लेकर सवाल किया है. 

12:04 November 20

जगदंबिका पाल ने उठाया मिलिट्री स्टैबलिशमेंट पर सवाल

जगदंबिका पाल ने उठाया मिलिट्री स्टैबलिशमेंट पर सवाल

जगदंबिका पाल ने उठाए एयर फोर्स और नेवी के प्रतिष्ठानों की पहचान करने की समय सीमा की  पर सवाल.

11:48 November 20

शशि थरूर ने उठाए मिलिट्री कैंप के पास घरों के पुनर्निमाण पर सवाल.

शशि थरूर का सवाल

शशि थरूर ने कहा है मिलिट्री कैंप के पास बसे घरों के पुनर्निमाण के लिए सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है? जबकि वह बहुत शांत इलाका है, जहां सालों से कोई घटना नहीं हुई है. 

10:38 November 20

Lok Sabha Updates लोकसभा : दो दिन के हंगामे के बाद लोकसभा में बुधवार को शांति से चला प्रश्नकाल

नई दिल्ली : शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है.  इससे पूर्व  सरकार ने लोकसभा में भीड़ हिंसा पर चर्चा की. सरकार ने बताया कि देश में दो ही राज्य राजस्थान और मणिपुर हैं, जिन्होंने भीड़ हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विधेयक पारित किए हैं. लेकिन विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी बाकी है. 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन को बताया कि उच्चतम न्यायालय के एक निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने भीड़ हिंसा (लिंचिंग) को रोकने के लिए राज्य सरकारों को दो परामर्श जारी किये.

फोन टैप करने के लिए केवल 10 एजेंसियां अधिकृत : सरकार
दूसरी तरफ सरकार ने लोकसभा को सूचित किया कि सीबीआई, ईडी और आईबी समेत 10 केंद्रीय एजेंसियों को टेलीफोन बातचीत टैप करने का अधिकार है और उन्हें फोन कॉल पर किसी की निगरानी करने से पहले केंद्रीय गृह सचिव की मंजूरी लेनी होती है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार को देश की संप्रभुता या अखंडता के हित में किसी कंप्यूटर संसाधन के माध्यम से उत्पन्न, प्रेषित, प्राप्त या संग्रहित सूचना को बीच में रोकने, उस पर निगरानी रखने या उसके कोड को पढ़ने के लिहाज से बदलने का अधिकार प्रदान करती है.

उन्होंने कहा, 'कानून, नियमों और मानक परिचालन प्रक्रियाओं के प्रावधानों के तहत ही इस पर नजर रखने के अधिकार का क्रियान्वयन किया जा सकता है। केंद्र सरकार के मामले में केंद्रीय गृह सचिव को और राज्य सरकार के मामले में संबंधित राज्य सरकार के गृह सचिव से इसकी अनुमति लेनी होगी.'

केंद्र सरकार में जो दस एजेंसियां इस लिहाज से सक्षम प्राधिकार हैं, उनमें खुफिया ब्यूरो (आईबी), केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), रॉ, सिगनल खुफिया निदेशालय और दिल्ली पुलिस आयुक्त शामिल हैं.

वॉट्सऐप कॉल और संदेशों की टैपिंग से संबंधित सवाल के जवाब में सरकार ने यह उत्तर दिया.

13:31 November 20

दो दिन के हंगामे के बाद लोकसभा में बुधवार को शांति से चला प्रश्नकाल

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन लोकसभा में बैठक शुरू होने पर कांग्रेस, द्रमुक और नेशनल कान्फ्रेंस के सदस्यों की विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी के बाद बुधवार को सदन में प्रश्नकाल शांति से चला.

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और द्रमुक के टी आर बालू ने अपनी-अपनी बात रखने की अनुमति मांगी. लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शून्यकाल में विषय उठाने को कहा.

स्पीकर ने कहा, ‘‘आपका अधिकार है. शून्यकाल में आपको बोलने का मौका दूंगा.’’

उनके आश्वासन के बाद सदस्य अपने स्थान पर बैठ गये और प्रश्नकाल शुरू हुआ. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित थे.

प्रश्न सूची में बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभागों से संबंधित प्रश्न सूचीबद्ध थे.

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत सोमवार को हुई और पहले दो दिन सदन में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न मुद्दों पर हंगामा हुआ.

सोमवार को नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर में हिरासत में रखे जाने का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा में सरकार पर निशाना साधा और लोकसभा अध्यक्ष से सरकार को अब्दुल्ला को तत्काल रिहा करने का आदेश देने का अनुरोध किया. इस मुद्दे पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया.

सोमवार को शिवसेना के सदस्य भी महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे.

अध्यक्ष बिरला ने नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल चलाया.

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा की बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई और कांग्रेस नेताओं सोनिया, राहुल गांधी से एसपीजी की सुरक्षा वापस लिये जाने के मुद्दे पर कांग्रेस, द्रमुक के सदस्यों ने पूरे प्रश्नकाल में आसन के समीप नारेबाजी की. शून्यकाल में इन दलों के सदस्यों ने इस विषय पर सदन से वाकआउट किया.

मंगलवार को अध्यक्ष बिरला ने आसन के समीप नारेबाजी कर रहे सदस्यों को आगाह करते हुए कहा कि आसन के पास आकर आसन से बातचीत करने की परंपरा पहले रही होगी, लेकिन आगे से सदस्य ऐसा नहीं करें, अन्यथा उनके विरुद्ध कार्रवाई करनी होगी.

बाद में शून्यकाल शुरू होने पर ही नारेबाजी कर रहे सदस्य अपने स्थानों पर गये.

12:30 November 20

बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली ने उठाया न्यायालय में लंबित मामलों पर सवाल

न्यायालयों में लंबित मामलों पर दानिश अली का सवाल

बहुजन समाज पार्टी के दानिश अली ने न्यायालय में लंबित मामलों पर सवाल उठाया. साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकेर्ट की बेंच बनाने को लेकर सवाल किया है. 

12:04 November 20

जगदंबिका पाल ने उठाया मिलिट्री स्टैबलिशमेंट पर सवाल

जगदंबिका पाल ने उठाया मिलिट्री स्टैबलिशमेंट पर सवाल

जगदंबिका पाल ने उठाए एयर फोर्स और नेवी के प्रतिष्ठानों की पहचान करने की समय सीमा की  पर सवाल.

11:48 November 20

शशि थरूर ने उठाए मिलिट्री कैंप के पास घरों के पुनर्निमाण पर सवाल.

शशि थरूर का सवाल

शशि थरूर ने कहा है मिलिट्री कैंप के पास बसे घरों के पुनर्निमाण के लिए सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है? जबकि वह बहुत शांत इलाका है, जहां सालों से कोई घटना नहीं हुई है. 

10:38 November 20

Lok Sabha Updates लोकसभा : दो दिन के हंगामे के बाद लोकसभा में बुधवार को शांति से चला प्रश्नकाल

नई दिल्ली : शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो रही है.  इससे पूर्व  सरकार ने लोकसभा में भीड़ हिंसा पर चर्चा की. सरकार ने बताया कि देश में दो ही राज्य राजस्थान और मणिपुर हैं, जिन्होंने भीड़ हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विधेयक पारित किए हैं. लेकिन विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी बाकी है. 

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन को बताया कि उच्चतम न्यायालय के एक निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने भीड़ हिंसा (लिंचिंग) को रोकने के लिए राज्य सरकारों को दो परामर्श जारी किये.

फोन टैप करने के लिए केवल 10 एजेंसियां अधिकृत : सरकार
दूसरी तरफ सरकार ने लोकसभा को सूचित किया कि सीबीआई, ईडी और आईबी समेत 10 केंद्रीय एजेंसियों को टेलीफोन बातचीत टैप करने का अधिकार है और उन्हें फोन कॉल पर किसी की निगरानी करने से पहले केंद्रीय गृह सचिव की मंजूरी लेनी होती है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार को देश की संप्रभुता या अखंडता के हित में किसी कंप्यूटर संसाधन के माध्यम से उत्पन्न, प्रेषित, प्राप्त या संग्रहित सूचना को बीच में रोकने, उस पर निगरानी रखने या उसके कोड को पढ़ने के लिहाज से बदलने का अधिकार प्रदान करती है.

उन्होंने कहा, 'कानून, नियमों और मानक परिचालन प्रक्रियाओं के प्रावधानों के तहत ही इस पर नजर रखने के अधिकार का क्रियान्वयन किया जा सकता है। केंद्र सरकार के मामले में केंद्रीय गृह सचिव को और राज्य सरकार के मामले में संबंधित राज्य सरकार के गृह सचिव से इसकी अनुमति लेनी होगी.'

केंद्र सरकार में जो दस एजेंसियां इस लिहाज से सक्षम प्राधिकार हैं, उनमें खुफिया ब्यूरो (आईबी), केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), रॉ, सिगनल खुफिया निदेशालय और दिल्ली पुलिस आयुक्त शामिल हैं.

वॉट्सऐप कॉल और संदेशों की टैपिंग से संबंधित सवाल के जवाब में सरकार ने यह उत्तर दिया.

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Last Updated : Nov 20, 2019, 1:33 PM IST
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