नई दिल्ली : बजट सत्र का आज तीसरा दिन है. लोकसभा में हंगामे के बीच प्रश्नकाल खत्म हुआ. उसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 1.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके बाद जब सदन की बैठक शुरू हुई, तो राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई. कई विपक्षी सांसदों ने इस चर्चा का बहिष्कार किया. तृणमूल कांग्रेस चर्चा में भाग ले रही है.
आपको बता दें कि प्रश्नकाल के बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाकर अध्यक्ष बिरला ने शून्यकाल शुरू कराया. उन्होंने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को बोलने का मौका दिया. चौधरी ने कहा कि देश में सीएए लागू होने के बाद देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं और इस दौरान गोली चल रही हैं. उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी भारत का राष्ट्रीय ध्वज और संविधान की प्रति लेकर विरोध कर रहे हैं, इसके बावजूद उन लोगों पर हिंसक कार्रवाई हो रही है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सभी विषय उठाने का आग्रह किया लेकिन कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य पूरे समय हंगामा करते रहे और अध्यक्ष ने शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल पूरा कराया.
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए. कई सदस्यों ने 'लोकतंत्र बचाओ', 'भारत बचाओ' और 'नो सीएए-एनआरसी-एनपीआर' के नारे वाली तख्तियां ले रखी थीं. इस दौरान द्रमुक, सपा, बसपा और राकांपा के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर कांग्रेस सदस्यों का समर्थन करते नजर आए.
शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर जब वित्त मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्नों का उत्तर देने के लिए खड़े हुए तो कांग्रेस सदस्यों ने 'अनुराग ठाकुर वापस जाओ', 'अनुराग ठाकुर शेम शेम' और 'गोली मारना बंद' करो के नारे लगाए. जब भी ठाकुर पूरक प्रश्नों का उत्तर देने के लिए खड़े होते, विरोध में कांग्रेस सदस्य नारे लगाने लगते.
जाहिर है कि विपक्षी सदस्य दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ठाकुर की एक विवादास्पद टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए नारेबाजी कर रहे थे. उक्त टिप्पणी के लिए चुनाव आयोग ने ठाकुर के तीन दिन तक चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी थी. विपक्ष के सदस्य 'चाहिए आजादी, एनआरसी से आजादी' जैसे नारे भी लगा रहे थे.
लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील करते हुए कहा, ' सदन में चर्चा करने से संविधान और लोकतंत्र बचेगा. आप यहां चर्चा करने के लिये आए हैं. 'उन्होंने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा, 'आप सारे मुद्दे उठा सकते हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सारे विषय उठाये जा सकते हैं. मैं सभी को पर्याप्त समय दूंगा.'
बिरला ने कहा कि 'सदस्य लोकतंत्र की मर्यादा बनाये रखने के लिए अपने स्थानों पर जाएं.' हालांकि कांग्रेस और वामदलों के सदस्य आसन के समीप खड़े होकर ही नारेबाजी करते रहे.
प्रश्नकाल में स्पीकर ने द्रमुक सदस्य टी सुमति को पूरक प्रश्न पूछने के लिए कहा. वह प्रश्न पूछना चाह रही थीं. हालांकि कांग्रेस के सदस्य उन्हें बैठने का इशारा करते हुए देखे गये.
सदन में द्रमुक के नेता टी आर बालू ने सुमति को प्रश्न पूछने का इशारा किया लेकिन जब उन्होंने अपनी बात रखना शुरू किया तो सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी उन्हें बैठने और प्रश्न नहीं पूछने का इशारा करते हुए दिखे. असमजंस की इस स्थिति में सुमति अपने स्थान पर बैठ गयीं.
इस दौरान द्रमुक सदस्य अपने स्थान पर ही खड़े होकर सीएए, एनपीआर जैसे मुद्दों के विरोध में खड़े थे. हालांकि बाद में सुमति आसन के समीप आकर प्रदर्शन में शामिल हो गयीं.
इस दौरान एआईएमआईएम के सदस्य असदुदद्दीन ओवैसी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबंधित अपना पूरक प्रश्न पूछने के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया में कथित पुलिस कार्रवाई का मुद्दा उठाने का प्रयास किया जिस पर भाजपा के सदस्य उनका विरोध करते हुए देखे गये.
अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सीएए पर सदन में देर रात तक लंबी चर्चा हुई थी. सभी पक्षों ने इसमें हिस्सा लिया था. एक बार चर्चा के बाद उसी विषय पर दोबारा चर्चा का प्रावधान नहीं है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि विपक्षी सदस्य राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान समस्त विषय उठा सकते हैं. उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने की अपील करते हुए कहा, 'आप चर्चा चाहते हैं या नहीं?'
इससे पहले सोमवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने भी राज्यसभा में कार्यस्थगन नोटिस दिया. उन्होंने कानून को फौरन वापस लेने की मांग की है. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी-एनपीआर के मुद्दे पर सीपीआई और सीपीएम ने भी राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस दिया है.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, कोडिकुन्निल सुरेश, और गौरव गोगोई ने देश में अशांति का हवाला देते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. उन्होंने 'नागरिकता संशोधन अधिनियम' पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की प्रक्रिया को रोकने की अपील की है.
बता दें कि विपक्ष ने संसद द्वारा पारित सीएए को 'असंवैधानिक' करार देते हुए इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, जिस पर इसी महीने सुनवाई होनी है. विपक्षी दलों ने सीएए का विरोध करने वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एनपीआर नहीं कराने का भी आग्रह किया है.
इससे पहले संसद का बजट सत्र विगत 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ और एक फरवरी को बजट पेश किया गया. दोनों सदन सोमवार से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के लिये तैयार हैं.
(एक्सट्रा इनपुट- भाषा)