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उत्तर भारत में लोहड़ी की धूम, जानें पर्व से जुड़ी मान्यताएं

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Published : Jan 13, 2020, 9:57 AM IST

Updated : Jan 13, 2020, 10:52 AM IST

लोहड़ी का पर्व आज धूमधाम से मनाया जाएगा. इसमें अग्नि प्रज्जवलित कर पंजाबी समाज के लोग उसकी परिक्रमा करेंगे. साथ ही अच्छी फसल, स्वास्थ्य और व्यापार की कामना के साथ अग्नि में रेवड़ी, मक्का, गजक अर्पित करेंगे. इसके बाद प्रसादी का वितरण किया जाएगा.

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चंडीगढ़ : लोहड़ी का पर्व उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है. ये एक तरह से प्रकृति की उपासना और आभार प्रकट करने का पर्व है, लोहड़ी खासकर हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार लोहड़ी का त्योहार मुख्य रूप से सूर्य और अग्नि देव को समर्पित है. लोहड़ी की पवित्र अग्नि में नवीन फसलों को समर्पित करने का भी विधान है.

लोहड़ी का पर्व आज
लोहड़ी का पर्व आज धूमधाम से मनाया जाएगा. इसमें अग्नि प्रज्जवलित कर पंजाबी समाज के लोग उसकी परिक्रमा करेंगे. साथ ही अच्छी फसल, स्वास्थ्य और व्यापार की कामना के साथ अग्नि में रेवड़ी, मक्का, गजक अर्पित करेंगे. इसके बाद प्रसादी का वितरण किया जाएगा.

क्यों मनाई जाती है लोहड़ी?
पौराणिक मान्यता के अनुसार सती के त्याग के रूप में ये त्योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर शिव की पत्नी सती ने आत्मदाह कर लिया था. उसी दिन की याद में ये पर्व मनाया जाता है. इसके अलावा ये भी मान्यता है कि सुंदरी और मुंदरी नाम की लड़कियों को सौदागरों से बचाकर दुल्ला भट्टी ने हिंदू लड़कों से उनकी शा‍दी करवा दी थी. इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि संत कबीर की पत्नी लोई की याद में इस पर्व को मनाया जाता है.

देखिए हिमाचल की वादियों में बर्फबारी का अदभुत नजारा

वहीं एक और मान्यता के अनुसार द्वापर युग में जब सभी लोग मकर संक्रांति का पर्व मनाने में व्यस्त थे, तब बालक कृष्ण को मारने के लिए कंस ने लोहिता नामक राक्षसी को गोकुल भेजा, जिसे बालक कृष्ण ने खेल-खेल में ही मार डाला था. लोहिता नामक राक्षसी के नाम पर ही लोहड़ी उत्सव का नाम रखा गया. उसी घटना को याद करते हुए लोहड़ी पर्व मनाया जाता है.

देखें वीडियो

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल लोहड़ी का त्योहार मनाने के लिए भठिंडा पहुंचीं. उन्होंने महंत गुरबंता दास स्कूल के बहरे और गूंगे छात्रों के साथ लोहड़ी का त्योहार मनाया.

चंडीगढ़ : लोहड़ी का पर्व उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है. ये एक तरह से प्रकृति की उपासना और आभार प्रकट करने का पर्व है, लोहड़ी खासकर हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार लोहड़ी का त्योहार मुख्य रूप से सूर्य और अग्नि देव को समर्पित है. लोहड़ी की पवित्र अग्नि में नवीन फसलों को समर्पित करने का भी विधान है.

लोहड़ी का पर्व आज
लोहड़ी का पर्व आज धूमधाम से मनाया जाएगा. इसमें अग्नि प्रज्जवलित कर पंजाबी समाज के लोग उसकी परिक्रमा करेंगे. साथ ही अच्छी फसल, स्वास्थ्य और व्यापार की कामना के साथ अग्नि में रेवड़ी, मक्का, गजक अर्पित करेंगे. इसके बाद प्रसादी का वितरण किया जाएगा.

क्यों मनाई जाती है लोहड़ी?
पौराणिक मान्यता के अनुसार सती के त्याग के रूप में ये त्योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि जब प्रजापति दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर शिव की पत्नी सती ने आत्मदाह कर लिया था. उसी दिन की याद में ये पर्व मनाया जाता है. इसके अलावा ये भी मान्यता है कि सुंदरी और मुंदरी नाम की लड़कियों को सौदागरों से बचाकर दुल्ला भट्टी ने हिंदू लड़कों से उनकी शा‍दी करवा दी थी. इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि संत कबीर की पत्नी लोई की याद में इस पर्व को मनाया जाता है.

देखिए हिमाचल की वादियों में बर्फबारी का अदभुत नजारा

वहीं एक और मान्यता के अनुसार द्वापर युग में जब सभी लोग मकर संक्रांति का पर्व मनाने में व्यस्त थे, तब बालक कृष्ण को मारने के लिए कंस ने लोहिता नामक राक्षसी को गोकुल भेजा, जिसे बालक कृष्ण ने खेल-खेल में ही मार डाला था. लोहिता नामक राक्षसी के नाम पर ही लोहड़ी उत्सव का नाम रखा गया. उसी घटना को याद करते हुए लोहड़ी पर्व मनाया जाता है.

देखें वीडियो

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल लोहड़ी का त्योहार मनाने के लिए भठिंडा पहुंचीं. उन्होंने महंत गुरबंता दास स्कूल के बहरे और गूंगे छात्रों के साथ लोहड़ी का त्योहार मनाया.

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Last Updated : Jan 13, 2020, 10:52 AM IST
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