हैदराबाद : दक्षिण पूर्व एशिया में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को राष्ट्रों को साक्ष्य-सूचित कार्रवाई करने के लिए आगाह किया है. इसके साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य व सामाजिक उपायों को रोकने से पहले स्थानीय महामारी विज्ञान के सावधानीपूर्वक जोखिम मूल्यांकन का संचालन करने के लिए कहा है.
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि हॉट-स्पॉट्स और क्लस्टर्स की पहचान करने के लिए कोविड-19 के स्थानीय महामारी विज्ञान पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और कोविड संक्रमित लोगों को अलग कर देना चाहिए.
खेत्रपाल ने, जिन्होंने आगामी आभासी 73 वें विश्व स्वास्थ्य विधानसभा सत्र के लिए 11 सदस्य-देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल ब्रीफिंग की, कहा कि इस क्षेत्र में 13 जनवरी को थाईलैंड में कोरोना का पहला मामला सामने आया. इसके बावजूद उसने दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में मामलों को बढ़ने नहीं दिया.
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उन्होंने कहा, 'हमें आगे बढ़ते हुए पृथक, जांच और ट्रेसिंग जैसे उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता है. आने वाले समय में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने और रोकने, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और बनाए रखने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए, और सुरक्षित, स्वस्थ और अच्छी तरह से रहने के लिए एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए.