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नौ महीने बाद भक्तों के लिए खुला लिंगराज मंदिर

कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण दुनियाभर में लॉकडाउन लगाया गया था. कई महीनों के बाद देश को चरणबद्ध तरीके से अब खोला जा रहा है. इसी कड़ी में रविवार को ओडिशा में स्थित श्री लिंगराज मंदिर को भक्तों के लिए फिर से खोल दिया गया.

lingaraja temple reopens
फाइल फोटो
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Published : Dec 27, 2020, 4:58 PM IST

भुवनेश्वर : लगभग नौ महीने तक बंद रहने के बाद श्री लिंगराज मंदिर को रविवार को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

ओडिशा की राजधानी स्थित सबसे पुराने मंदिर में पहले दिन इसके सेवादारों और उनके परिजनों को प्रवेश की अनुमति दी गई. उन्हें 31 दिसंबर तक मंदिर के अंदर पूजा करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि राज्य की राजधानी के बाहर की आम जनता को छह जनवरी से अनुमति मिलेगी.

भुवनेश्वर के लोग तीन जनवरी से दर्शन कर सकते हैं.

ग्यारहवीं शताब्दी में बना श्री लिंगराज मंदिर भारत का एक विशिष्ट स्थान है, जहां भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की एक साथ पूजा की जाती है, जिसे 'हरि-हर' पीठ कहा जाता है.

अधिकारियों ने कहा कि भक्तों को मंदिर में पूजा की अनुमति देने से एक दिन पहले मंदिर को पूरी तरह से साफ किया गया. नए साल पर अधिक भीड़ जुटने की संभावना के चलते मंदिर को एक और दो जनवरी को भक्तों के लिए बंद रखा जाएगा.

इस बीच, भुवनेश्वर नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट वाले भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी.

निगम ने मंदिर के पास अस्थायी जांच शिविर लगाए हैं, ताकि श्रद्धालु धर्मस्थल में प्रवेश करने से पहले अपनी कोविड-19 जांच करा सकें.

मंदिर में सुचारू रूप से दर्शन और कोविड-19 संबंधी मानदंडों का उचित पालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था की है.

पढ़ें-9 महीने बाद आज भक्त करेंगे जगन्नाथ के दर्शन

श्री जगन्नाथ मंदिर 23 दिसंबर को भक्तों के लिए खोला गया था.

भुवनेश्वर : लगभग नौ महीने तक बंद रहने के बाद श्री लिंगराज मंदिर को रविवार को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

ओडिशा की राजधानी स्थित सबसे पुराने मंदिर में पहले दिन इसके सेवादारों और उनके परिजनों को प्रवेश की अनुमति दी गई. उन्हें 31 दिसंबर तक मंदिर के अंदर पूजा करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि राज्य की राजधानी के बाहर की आम जनता को छह जनवरी से अनुमति मिलेगी.

भुवनेश्वर के लोग तीन जनवरी से दर्शन कर सकते हैं.

ग्यारहवीं शताब्दी में बना श्री लिंगराज मंदिर भारत का एक विशिष्ट स्थान है, जहां भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की एक साथ पूजा की जाती है, जिसे 'हरि-हर' पीठ कहा जाता है.

अधिकारियों ने कहा कि भक्तों को मंदिर में पूजा की अनुमति देने से एक दिन पहले मंदिर को पूरी तरह से साफ किया गया. नए साल पर अधिक भीड़ जुटने की संभावना के चलते मंदिर को एक और दो जनवरी को भक्तों के लिए बंद रखा जाएगा.

इस बीच, भुवनेश्वर नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट वाले भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी.

निगम ने मंदिर के पास अस्थायी जांच शिविर लगाए हैं, ताकि श्रद्धालु धर्मस्थल में प्रवेश करने से पहले अपनी कोविड-19 जांच करा सकें.

मंदिर में सुचारू रूप से दर्शन और कोविड-19 संबंधी मानदंडों का उचित पालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था की है.

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श्री जगन्नाथ मंदिर 23 दिसंबर को भक्तों के लिए खोला गया था.

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