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16 साल की उम्र में शुरू की राजनीति, जानें BJP के शीर्ष तक कैसे पहुंचे जेपी नड्डा - JP Nadda

जेपी नड्डा को भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है. इसके साथ ही चार लोकसभा सीटों वाले छोटे राज्य हिमाचल प्रदेश को बड़ी सौगात मिली है. जानें, इस छोटे से राज्य के नेता ने कैसे अपना इतना लंबा सफर कैसे तय किया...

कार्यक्रम के दौरान जेपी नड्डा
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Published : Jun 18, 2019, 12:11 AM IST

नई दिल्ली: देश की राजनीति में छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा आज भाजपा के मुखिया चुने गए हैं. नड्डा पर PM मोदी और अमित शाह द्वारा जताए गए इस भरोसे से उम्मीद जताई जा रही है कि भाजपा के नए सदस्यता अभियान व संगठन चुनाव के बाद जेपी नड्डा को पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया जाएगा.

हिमाचल यूनिवर्सिटी में ABVP से पहले छात्र संघ अध्यक्ष थे नड्डा
जगत प्रकाश नड्डा ने छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया था. हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से पहले वे छात्र संघ अध्यक्ष बने थे.

जेपी नड्डा वर्ष 1977 से लेकर साल 1990 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में अहम पदों पर रह चुके हैं. नड्डा ने वर्ष 1989 में भ्रष्टाचार के खिलाफ 45 दिन की जेल यात्रा भी झेली थी. वर्ष 1989 में देश के आम चुनावों में जेपी नड्डा को भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रभारी बनाया गया था.

इसके बाद वर्ष 1991 में 31 वर्ष की आयु में जेपी नड्डा भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. उसके बाद वह हिमाचल की चुनावी राजनीति में सक्रिय हुए और 1993 में बिलासपुर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनाए गए.

नड्डा 1993 से 1998, 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक लगातार बिलासपुर सदर सीट से चुनाव जीते. वह हिमाचल सरकार में स्वास्थ्य और वन मंत्री भी रहे. इसके बाद उन्होंने अपने कदम केंद्र की राजनीति की ओर बढ़ाए.

अप्रैल 2012 में नड्डा को राज्यसभा के लिए चुना गया और इस दौरान वह कई संसदीय समितियों में भी शामिल रहे. बता दें, नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता भी रह चुके हैं.

jp nadda life history etv bharat
सुषमा स्वराज और गडकरी के साथ जेपी नड्डा

पढ़ें: बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे जेपी नड्डा, मोदी-शाह की मौजूदगी में हुआ फैसला

नड्डा के नाम पर पहले से चल रहा था विचार
गौरतलब है कि केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के बाद भाजपा नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाएगी. फिलहाल, गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह संगठन को अधिक समय नहीं दे पा रहे थे. इस समय पार्टी को नए मुखिया की तलाश थी और ऐसे में नड्डा को ये कमान सौंपी गई है. हालांकि, जेपी नड्डा के नाम पर काफी पहले से विचार चल रहा था.

मोदी-शाह के भरोसेमंद माने जाते हैं नड्डा
अहम बात है कि नड्डा पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह दोनों के भरोसेमंद माने जाते हैं. नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष पद की कमान सौंपने के साथ ही मोदी व शाह की जोड़ी ने संकेत दे दिया है कि पार्टी व संगठन के लिए संपूर्ण निष्ठा से काम करने वाले नेताओं को ही अहम जिम्मेदारियां मिलेंगी.

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कार्यक्रम के दौरान PM मोदी, राजनाथ सिंह व जेपी नड्डा

JP के हाथ में सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश की कमान
गौरतलब है, हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में देश के सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश की कमान भी जेपी नड्डा के पास थी. जब मोदी कैबिनेट ने शपथ ली और नड्डा का नाम उसमें नहीं था, उसी समय ये संकेत मिल गया था कि जेपी को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली जाएगी.

मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं नड्डा
आपको बता दें, हिमाचल से इस समय अनुराग ठाकुर मोदी कैबिनेट में वित्त राज्यमंत्री हैं. कुशल संगठनकर्ता व प्रखर वक्ता जेपी नड्डा मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं और अब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने हैं. वे पार्टी के सर्वोच्च निर्णायक संगठन व केंद्रीय संसदीय बोर्ड में सचिव भी हैं.

नई दिल्ली: देश की राजनीति में छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा आज भाजपा के मुखिया चुने गए हैं. नड्डा पर PM मोदी और अमित शाह द्वारा जताए गए इस भरोसे से उम्मीद जताई जा रही है कि भाजपा के नए सदस्यता अभियान व संगठन चुनाव के बाद जेपी नड्डा को पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया जाएगा.

हिमाचल यूनिवर्सिटी में ABVP से पहले छात्र संघ अध्यक्ष थे नड्डा
जगत प्रकाश नड्डा ने छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया था. हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से पहले वे छात्र संघ अध्यक्ष बने थे.

जेपी नड्डा वर्ष 1977 से लेकर साल 1990 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में अहम पदों पर रह चुके हैं. नड्डा ने वर्ष 1989 में भ्रष्टाचार के खिलाफ 45 दिन की जेल यात्रा भी झेली थी. वर्ष 1989 में देश के आम चुनावों में जेपी नड्डा को भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रभारी बनाया गया था.

इसके बाद वर्ष 1991 में 31 वर्ष की आयु में जेपी नड्डा भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. उसके बाद वह हिमाचल की चुनावी राजनीति में सक्रिय हुए और 1993 में बिलासपुर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनाए गए.

नड्डा 1993 से 1998, 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक लगातार बिलासपुर सदर सीट से चुनाव जीते. वह हिमाचल सरकार में स्वास्थ्य और वन मंत्री भी रहे. इसके बाद उन्होंने अपने कदम केंद्र की राजनीति की ओर बढ़ाए.

अप्रैल 2012 में नड्डा को राज्यसभा के लिए चुना गया और इस दौरान वह कई संसदीय समितियों में भी शामिल रहे. बता दें, नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता भी रह चुके हैं.

jp nadda life history etv bharat
सुषमा स्वराज और गडकरी के साथ जेपी नड्डा

पढ़ें: बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष होंगे जेपी नड्डा, मोदी-शाह की मौजूदगी में हुआ फैसला

नड्डा के नाम पर पहले से चल रहा था विचार
गौरतलब है कि केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के बाद भाजपा नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाएगी. फिलहाल, गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह संगठन को अधिक समय नहीं दे पा रहे थे. इस समय पार्टी को नए मुखिया की तलाश थी और ऐसे में नड्डा को ये कमान सौंपी गई है. हालांकि, जेपी नड्डा के नाम पर काफी पहले से विचार चल रहा था.

मोदी-शाह के भरोसेमंद माने जाते हैं नड्डा
अहम बात है कि नड्डा पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह दोनों के भरोसेमंद माने जाते हैं. नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष पद की कमान सौंपने के साथ ही मोदी व शाह की जोड़ी ने संकेत दे दिया है कि पार्टी व संगठन के लिए संपूर्ण निष्ठा से काम करने वाले नेताओं को ही अहम जिम्मेदारियां मिलेंगी.

jp nadda life history etv bharat
कार्यक्रम के दौरान PM मोदी, राजनाथ सिंह व जेपी नड्डा

JP के हाथ में सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश की कमान
गौरतलब है, हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में देश के सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश की कमान भी जेपी नड्डा के पास थी. जब मोदी कैबिनेट ने शपथ ली और नड्डा का नाम उसमें नहीं था, उसी समय ये संकेत मिल गया था कि जेपी को बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली जाएगी.

मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं नड्डा
आपको बता दें, हिमाचल से इस समय अनुराग ठाकुर मोदी कैबिनेट में वित्त राज्यमंत्री हैं. कुशल संगठनकर्ता व प्रखर वक्ता जेपी नड्डा मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं और अब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने हैं. वे पार्टी के सर्वोच्च निर्णायक संगठन व केंद्रीय संसदीय बोर्ड में सचिव भी हैं.

छोटे राज्य के नेता का बड़ा सफर: छात्र राजनीति से निखरे जेपी नड्डा यूं बने दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के मुखिया
शिमला। देश की राजनीति में छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश का कद लगातार बढ़ रहा है। हिमाचल से संबंध रखने वाले जेपी नड्डा दुनिया की सबसे विशाल सदस्य संख्या वाली पार्टी भाजपा के मुखिया बने हैं। पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह ने पार्टी के कार्यकारी मुखिया के रूप में जेपी नड्डा पर भरोसा जताया है। प्रबल संभावना है कि भाजपा के नए सदस्यता अभियान व संगठन चुनाव के बाद जेपी नड्डा को पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष बना दिया जाए। फिलहाल, चार लोकसभा सीटों वाले छोटे राज्य हिमाचल को बड़ी सौगात मिली है। केंद्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है। पांच करोड़ से अधिक सदस्य संख्या वाली पार्टी भाजपा नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाएगी। बाद में संगठन चुनाव होंगे। गृह मंत्री बनने के बाद अमित शाह संगठन को अधिक समय नहीं दे पा रहे थे। ऐसे में पार्टी को नए मुखिया की तलाश थी। हालांकि जेपी नड्डा के नाम पर काफी पहले से विचार चल रहा था। नड्डा पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह, इन दोनों नेताओं को भरोसेमंद हैं। सोमवार को नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष पद की कमान सौंपने के साथ ही मोदी व शाह की जोड़ी ने संकेत दे दिया कि पार्टी व संगठन के लिए संपूर्ण निष्ठा से काम करने वाले नेताओं को ही अहम जिम्मेदारियां मिलेंगी। नड्डा लंबे अरसे से संगठन में गहराई से जुड़े हैं। वे हाल ही संपन्न लोकसभा चुनाव में देश के सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश की कमान भी जेपी नड्डा के पास थी। जब मोदी कैबिनेट ने शपथ ली और नड्डा का नाम उसमें नहीं था, उसी समय ये संकेत मिल गया था कि जेपी को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। हिमाचल से इस समय अनुराग ठाकुर मोदी कैबिनेट में वित्त राज्यमंत्री हैं। कुशल संगठनकर्ता व प्रखर वक्ता जेपी नड्डा मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं और अब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने हैं। वे पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक बॉडी केंद्रीय संसदीय बोर्ड में सचिव भी हैं।
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हिमाचल यूनिवर्सिटी में एबीवीपी से पहले छात्र संघ अध्यक्ष थे नड्डा
जेपी नड्डा ने छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया था। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में एबीवीपी से वे पहले छात्र संघ अध्यक्ष बने थे। जेपी नड्डा वर्ष 1977 से लेकर वर्ष 1990 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में अहम पदों पर रहे। नड्डा ने वर्ष 1989 में भ्रष्टाचार के खिलाफ 45 दिन की जेल यात्रा भी झेली है। वर्ष 1989 में देश में आम चुनाव में जेपी नड्डा को भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रभारी बनाया। महज 31 साल की आयु में ही जेपी नड्डा वर्ष 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने थे। फिर वे हिमाचल की चुनावी राजनीति में सक्रिय हुए और 1993 में बिलासपुर सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने। नड्डा 1993 से 1998, 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक बिलासपुर सदर सीट से चुनाव जीते। वह हिमाचल सरकार में स्वास्थ्य तथा वन मंत्री भी रहे। बाद में वे केंद्र की राजनीति में आए। अप्रैल 2012 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया और कई संसदीय समितियों में रहे। वे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता भी रहे। 
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