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भाई को गुलदार से बचाने के लिए 11 साल की राखी बनी 'तीलू रौतेला'

उत्तराखंड में आतंक का पर्याय बने गुलदार ने कोटद्वार में एक भाई-बहन पर हमला कर दिया था. इस दौरान 11 साल की मासूम बच्ची राखी ने अपने अदम्य साहस के बल पर 4 साल के भाई को बचाने के लिए गुलदार से लड़ गई. पढ़ें पूरा विवरण....

गुलदार से लड़ने के बाद घायल राखी
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Published : Oct 6, 2019, 7:54 AM IST

Updated : Oct 6, 2019, 8:40 AM IST

कोटद्वार: उत्तराखंड में हर जगह गुलदार का आतंक देखने को मिल रहा है. ताजा मामला कोटद्वार का है. यहां सांग्लाकोटी के देकुंडाई तल्ली इलाके में गुलदार ने 4 साल के बच्चे पर हमला कर दिया था, लेकिन उसकी 11 साल की बहन अपने भाई को बचाने के लिए गुलदार से लड़ गई. इस दौरान दोनों भाई-बहन गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.

गुलदार से अपने भाई को बचाने के लिए 11 साल की बच्ची राखी तीलू रौतेला बन गई थी. क्योंकि पहाड़ में आतंक का पर्याय बने गुलदार से अपने चार साल के मासूम भाई को बचाने में राखी न सिर्फ कामयाब रही, बल्कि गुलदार को भागने पर भी मजबूर कर दिया.

पढ़ें- बिहार : सूखे कुएं में जहरीली गैस से 3 युवकों की मौत

जानकारी के मुताबिक बीरोंखाल विकासखंड के बेकुण्डई तल्ली इलाके में शुक्रवार दोपहर को 11 साल की राखी अपने 4 साल के भाई राघव सिंह के साथ घर से बाहर खेलने गई थी. वहां से लौटते समय राखी ने भाई को अपने कंधे पर बैठा रखा था. इसी दौरान पहले से ही घात लगाए बैठे गुलदार ने अचानक उस पर हमला कर दिया, लेकिन राखी गुलदार से डरने के बजाए उसका सामना किया और अपने भाई की रक्षा की. राखी ने राघव को नीचे दबा लिया. जिससे गुलदार उस पर हमला न कर सका. वहीं आसपास मौजूद लोगों ने भी गुलदार को देखकर शोर मचाना शुरू कर दिया. लोगों का हो हल्ला सुनकर गुलदार वहां से भाग गया.

पढ़ें- हरियाणा में दीवार गिरने से 5 लोगों की मौत

गुलदार के हमले से राखी और राघव गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने दोनों को कोटद्वार के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया.

बता दें कि तीलू रौतेली (जन्म तिलोत्तमा देवी), उत्तराखण्ड की एक ऐसी वीरांगना थी, जो केवल 15 वर्ष की उम्र में रणभूमि में कूद पड़ी थीं. सात साल तक उन्होंने अपने दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी. 15 से 20 वर्ष की आयु में सात युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली विश्व की एक मात्र वीरांगना है.

कोटद्वार: उत्तराखंड में हर जगह गुलदार का आतंक देखने को मिल रहा है. ताजा मामला कोटद्वार का है. यहां सांग्लाकोटी के देकुंडाई तल्ली इलाके में गुलदार ने 4 साल के बच्चे पर हमला कर दिया था, लेकिन उसकी 11 साल की बहन अपने भाई को बचाने के लिए गुलदार से लड़ गई. इस दौरान दोनों भाई-बहन गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.

गुलदार से अपने भाई को बचाने के लिए 11 साल की बच्ची राखी तीलू रौतेला बन गई थी. क्योंकि पहाड़ में आतंक का पर्याय बने गुलदार से अपने चार साल के मासूम भाई को बचाने में राखी न सिर्फ कामयाब रही, बल्कि गुलदार को भागने पर भी मजबूर कर दिया.

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जानकारी के मुताबिक बीरोंखाल विकासखंड के बेकुण्डई तल्ली इलाके में शुक्रवार दोपहर को 11 साल की राखी अपने 4 साल के भाई राघव सिंह के साथ घर से बाहर खेलने गई थी. वहां से लौटते समय राखी ने भाई को अपने कंधे पर बैठा रखा था. इसी दौरान पहले से ही घात लगाए बैठे गुलदार ने अचानक उस पर हमला कर दिया, लेकिन राखी गुलदार से डरने के बजाए उसका सामना किया और अपने भाई की रक्षा की. राखी ने राघव को नीचे दबा लिया. जिससे गुलदार उस पर हमला न कर सका. वहीं आसपास मौजूद लोगों ने भी गुलदार को देखकर शोर मचाना शुरू कर दिया. लोगों का हो हल्ला सुनकर गुलदार वहां से भाग गया.

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गुलदार के हमले से राखी और राघव गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने दोनों को कोटद्वार के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया.

बता दें कि तीलू रौतेली (जन्म तिलोत्तमा देवी), उत्तराखण्ड की एक ऐसी वीरांगना थी, जो केवल 15 वर्ष की उम्र में रणभूमि में कूद पड़ी थीं. सात साल तक उन्होंने अपने दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी. 15 से 20 वर्ष की आयु में सात युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली विश्व की एक मात्र वीरांगना है.

Intro:summary 4 साल के भाई को बचाने के चक्कर मैं 11 साल की मासूम बच्ची ने अपनी जान जोखिम में डालकर घायल हो गई जानिए क्या थी पूरी खबर।

intro kotdwar, 11 साल की बालिका (राखी) तीरू रौतेला बन गई, पहाड़ में आतंक का पर्याप्त बने गुलदार से अपने कंधे पर ले जा रहे 4 साल के मासूम भाई को बचाने में कामयाब रही, बल्कि पूरी तरह घायल होने के बावजूद भी गुलदार को भगाने पर मजबूर कर दिया, घटना पौड़ी जिले के विकासखंड बीरोंखाल क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बेकुण्डई तल्ली में गुलदार ने मासूम भाई-बहन पर हमला कर दिया, मासूम भाई को बचाने के प्रयास में बहन गंभीर रूप से घायल हो गई दोनों को उपचार के लिए राजकीय चिकित्सालय कोटद्वार में भर्ती कराया गया, जहां दोनों का उपचार के दौरान मासूम 4 साल के भाई को तो प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, लेकिन मासूम 11 साल की बहन को रेफर करने की नौबत आ गई जिसे डॉक्टर ने पूर्णता रेफर करने का विचार बना लिया।


Body:वीओ1- घटना के मुताबिक ग्राम बेकुण्डई निवासी मंजू देवी ने बताया कि 11 वर्ष राखी पुत्री दलीप सिंह रावत व उसका भाई 4 वर्षीय राघव सिंह रावत पुत्र दलबीर सिंह रावत के घर के पास ही शुक्रवार दोपहर को खेल रहे थे राखी खेलने के बाद करीब 2:30 बजे अपने भाई को कंधे पर बैठाकर घर वापस आ रही थी, इसी दौरान घात लगाए बैठे गुलदार ने अचानक उस पर हमला कर दिया राखी के साहस का परिचय देते हुए भाई राघव को अपने नीचे दबा दिया, जिससे गुलदार राघव पर हमला नहीं कर पाया, लेकिन गुलदार ने राखी कक गंभीर रूप से घायल कर दिया, आसपास मौजूद लोगों ने काफी शोर मचाने पर गुलदार जंगल की ओर भाग गया, परिजनों ने दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखडा में भर्ती कराया, चिकित्सकों ने दोनों को गंभीर अवस्था देखकर कोटद्वार बेस चिकित्सालय रेफर कर दिया।

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Conclusion:
Last Updated : Oct 6, 2019, 8:40 AM IST
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