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लड़कियों की शादी की उम्र में बदलाव की संभावना, जानें शादी और उम्र से जुड़े तथ्य

भारत में लड़कियों के लिए विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष से 21 वर्ष करने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए एक समिति का भी गठन किया गया है. मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और नाबालिगों के साथ हो रहे अत्याचारों को रोकने के उद्देश्य से यह बदलाव किए जा सकते हैं.

legal age of marriage
विवाह की कानूनी उम्र
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Published : Jun 25, 2020, 9:02 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 7:07 AM IST

हैदराबाद : भारत में लड़कियों के लिए विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष से 21 वर्ष संशोधित की जा सकती है. सरकार ने इस मामले में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है और 31 जुलाई तक अपनी सिफारिशें भेजने के लिए कहा है. इस दस-सदस्यीय टास्क फोर्स में स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, कानून और शिक्षा विभाग के सचिवों को शामिल किया गया है.

इसकी अध्यक्षता समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली करेंगी. इसके अन्य सदस्यों में नीति आयोग (स्वास्थ्य) के वी. के. पॉल शामिल होंगे. टास्क फोर्स कम उम्र में मातृत्व और विवाह से संबंधित मामलों की जांच करेगी. मातृत्व मृत्यु दर कम करने, पोषण संबंधी स्तरों में सुधार, विवाह की न्यूनतम आयु के संबंध में कानूनों का इतिहास, बाल विवाह की न्यूनतम आयु पर विचार करने के साथ ही बाल विवाह और नाबालिगों के साथ हो रहे अत्याचार को रोका जा सकता है.

1860 में भारतीय दंड संहिता के तहत 10 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ किसी भी तरह के शारीरिक संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आता था. वहीं, 1927 में 12 साल से कम उम्र की लड़की के साथ विवाह अमान्य है.

1929 का सारदा अधिनियम
1929 में बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत महिलाओं और पुरुषों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 14 और 18 वर्ष निर्धारित की गई थी. नियम को न्यायाधीश हरबिलास सारदा ने लागू किया था, जिसके बाद से इसे सारदा अधिनियम कहा जाने लगा. बाल विवाह निषेध अधिनियम भारत में एक संगठित महिला समूह द्वारा उठाया गया पहला सामाजिक सुधार मुद्दा था. उनका मानना ​​था कि इस अधिनियम के पारित होने के साथ वे दुनिया को दिखा सकेंगे कि भारत सामाजिक सुधारों के बारे में कितना गंभीर है.

यह अधिनियम भारत में ब्रिटिश शासन के औपनिवेशिक काल के दौरान मात्र एक पत्र बनकर रह गया. अंग्रेज हिंदू और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक तत्वों को नाराज नहीं करना चाहते थे. इसमें रियासतों को छूट दी गई थी.

स्वतंत्रता के बाद लाए गए कानून

  • 1954 - स्पेशल मैरिज एक्ट.
  • 1978 - सारदा एक्ट में संशोधन हुआ. तब से शादी के लिए महिलाओं की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 और पुरुषों की न्यूनतम कानूनी उम्र 21 वर्ष की गई.
  • 2006 - बाल विवाह अधिनियम में महिलाओं और पुरुषों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 और 21 वर्ष निर्धारित की गई और इसके उल्लंघन के लिए सख्त सजा रखी गई.
  • हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में हिंदुओं की धारा 5 (iii) के लिए महिला की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई.

शीघ्र विवाह से उत्पन्न समस्याएं

  • रिपोर्ट्स के अनुसार जिन लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है, उनमें अनचाहे गर्भ की संभावना ज्यादा होती है.
  • उनमें यौन संचारित रोग होने की संभावना भी ज्यादा होती है.
  • गर्भावस्था से संबंधित जटिलताओं और डिलीवरी के दौरान जान का जोखिम ज्यादा होता है.
  • उचित शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल, प्रसवपूर्व देखभाल, कुशल डिलीवरी और शिशुओं के पूर्ण टीकाकरण की जानकारी का अभाव होता है.
  • एनसीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कम उम्र में शादी करने वाली महिलाओं की मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर काफी अधिक होती है.

यूनिसेफ की रिपोर्ट 2017 के अनुसार

वैश्विक एजेंसी यूनिसेफ द्वारा 2017 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 27% लड़कियों की शादी उनके 18वें जन्मदिन से पहले ही हो जाती है. अध्ययन में आगे कहा गया है कि भारत में हर साल कम से कम 1.5 मिलियन लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही हो जाती है. वहीं, 18 वर्ष की आयु से पहले विवाहित होने वाली लड़कियों की संख्या 47% से घटकर 2016 में 27% रह गई है.

पढ़ें :- लॉकडाउन : पारिवारिक रिश्तों को संवाद कर मजबूत करने का बेहतरीन समय

दुनिया भर में विवाह कानून-

  • यूनाइटेड किंगडम (यूके) - शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 16 वर्ष है.
  • संयुक्त राज्य अमेरिका - राज्य के हिसाब से.
  • स्वीडन - विवाह के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष है.
  • नॉर्वे - पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है.
  • अफगानिस्तान - लड़कियों के लिए कानूनी न्यूनतम उम्र 16 साल और लड़कों के लिए 18 वर्ष है.
  • अर्जेंटीना - पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है.
  • ऑस्ट्रेलिया - लड़के और लड़कियों दोनों के लिए विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है.
  • ऑस्ट्रिया - विवाह के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष है.
  • बांग्लादेश - शादी की कानूनी उम्र महिलाओं के लिए 18 साल और पुरुषों के लिए 21 साल है, लेकिन यहां कम उम्र में शादी हो जाना एक गंभीर समस्या थी.
  • भूटान - विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु 18 वर्ष है.
  • ब्राजील - विवाह की न्यूनतम कानूनी उम्र लड़कों और लड़कियों के लिए 18 वर्ष है.
  • चीन- पुरुषों की न्यूनतम आयु 22 साल और महिलाओं की 20 साल है.
  • डेनमार्क - शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र लड़के और लड़कियों दोनों के लिए 18 वर्ष है.
  • फिनलैंड - शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 साल है.
  • फ्रांस - महिला और पुरुष के लिए शादी की न्यूनतम कानूनी आयु 18 वर्ष है.
  • जर्मनी - शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 साल है.
  • ग्रीस - लड़का-लड़की के लिए शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 साल है.
  • इटली - शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष है.
  • जापान - शादी के लिए लड़कों की उम्र 18 साल होनी चाहिए और लड़कियों की 16 साल या उससे अधिक होनी चाहिए.

पढ़ें :- बच्चों के स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन के मामले में भारत 131वें स्थान पर : रिपोर्ट

हैदराबाद : भारत में लड़कियों के लिए विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष से 21 वर्ष संशोधित की जा सकती है. सरकार ने इस मामले में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है और 31 जुलाई तक अपनी सिफारिशें भेजने के लिए कहा है. इस दस-सदस्यीय टास्क फोर्स में स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, कानून और शिक्षा विभाग के सचिवों को शामिल किया गया है.

इसकी अध्यक्षता समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली करेंगी. इसके अन्य सदस्यों में नीति आयोग (स्वास्थ्य) के वी. के. पॉल शामिल होंगे. टास्क फोर्स कम उम्र में मातृत्व और विवाह से संबंधित मामलों की जांच करेगी. मातृत्व मृत्यु दर कम करने, पोषण संबंधी स्तरों में सुधार, विवाह की न्यूनतम आयु के संबंध में कानूनों का इतिहास, बाल विवाह की न्यूनतम आयु पर विचार करने के साथ ही बाल विवाह और नाबालिगों के साथ हो रहे अत्याचार को रोका जा सकता है.

1860 में भारतीय दंड संहिता के तहत 10 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ किसी भी तरह के शारीरिक संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में आता था. वहीं, 1927 में 12 साल से कम उम्र की लड़की के साथ विवाह अमान्य है.

1929 का सारदा अधिनियम
1929 में बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत महिलाओं और पुरुषों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 14 और 18 वर्ष निर्धारित की गई थी. नियम को न्यायाधीश हरबिलास सारदा ने लागू किया था, जिसके बाद से इसे सारदा अधिनियम कहा जाने लगा. बाल विवाह निषेध अधिनियम भारत में एक संगठित महिला समूह द्वारा उठाया गया पहला सामाजिक सुधार मुद्दा था. उनका मानना ​​था कि इस अधिनियम के पारित होने के साथ वे दुनिया को दिखा सकेंगे कि भारत सामाजिक सुधारों के बारे में कितना गंभीर है.

यह अधिनियम भारत में ब्रिटिश शासन के औपनिवेशिक काल के दौरान मात्र एक पत्र बनकर रह गया. अंग्रेज हिंदू और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक तत्वों को नाराज नहीं करना चाहते थे. इसमें रियासतों को छूट दी गई थी.

स्वतंत्रता के बाद लाए गए कानून

  • 1954 - स्पेशल मैरिज एक्ट.
  • 1978 - सारदा एक्ट में संशोधन हुआ. तब से शादी के लिए महिलाओं की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 और पुरुषों की न्यूनतम कानूनी उम्र 21 वर्ष की गई.
  • 2006 - बाल विवाह अधिनियम में महिलाओं और पुरुषों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 और 21 वर्ष निर्धारित की गई और इसके उल्लंघन के लिए सख्त सजा रखी गई.
  • हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में हिंदुओं की धारा 5 (iii) के लिए महिला की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई.

शीघ्र विवाह से उत्पन्न समस्याएं

  • रिपोर्ट्स के अनुसार जिन लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है, उनमें अनचाहे गर्भ की संभावना ज्यादा होती है.
  • उनमें यौन संचारित रोग होने की संभावना भी ज्यादा होती है.
  • गर्भावस्था से संबंधित जटिलताओं और डिलीवरी के दौरान जान का जोखिम ज्यादा होता है.
  • उचित शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल, प्रसवपूर्व देखभाल, कुशल डिलीवरी और शिशुओं के पूर्ण टीकाकरण की जानकारी का अभाव होता है.
  • एनसीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कम उम्र में शादी करने वाली महिलाओं की मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर काफी अधिक होती है.

यूनिसेफ की रिपोर्ट 2017 के अनुसार

वैश्विक एजेंसी यूनिसेफ द्वारा 2017 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 27% लड़कियों की शादी उनके 18वें जन्मदिन से पहले ही हो जाती है. अध्ययन में आगे कहा गया है कि भारत में हर साल कम से कम 1.5 मिलियन लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही हो जाती है. वहीं, 18 वर्ष की आयु से पहले विवाहित होने वाली लड़कियों की संख्या 47% से घटकर 2016 में 27% रह गई है.

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दुनिया भर में विवाह कानून-

  • यूनाइटेड किंगडम (यूके) - शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 16 वर्ष है.
  • संयुक्त राज्य अमेरिका - राज्य के हिसाब से.
  • स्वीडन - विवाह के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष है.
  • नॉर्वे - पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है.
  • अफगानिस्तान - लड़कियों के लिए कानूनी न्यूनतम उम्र 16 साल और लड़कों के लिए 18 वर्ष है.
  • अर्जेंटीना - पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है.
  • ऑस्ट्रेलिया - लड़के और लड़कियों दोनों के लिए विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है.
  • ऑस्ट्रिया - विवाह के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष है.
  • बांग्लादेश - शादी की कानूनी उम्र महिलाओं के लिए 18 साल और पुरुषों के लिए 21 साल है, लेकिन यहां कम उम्र में शादी हो जाना एक गंभीर समस्या थी.
  • भूटान - विवाह की न्यूनतम कानूनी आयु 18 वर्ष है.
  • ब्राजील - विवाह की न्यूनतम कानूनी उम्र लड़कों और लड़कियों के लिए 18 वर्ष है.
  • चीन- पुरुषों की न्यूनतम आयु 22 साल और महिलाओं की 20 साल है.
  • डेनमार्क - शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र लड़के और लड़कियों दोनों के लिए 18 वर्ष है.
  • फिनलैंड - शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 साल है.
  • फ्रांस - महिला और पुरुष के लिए शादी की न्यूनतम कानूनी आयु 18 वर्ष है.
  • जर्मनी - शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 साल है.
  • ग्रीस - लड़का-लड़की के लिए शादी की न्यूनतम कानूनी उम्र 18 साल है.
  • इटली - शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 वर्ष है.
  • जापान - शादी के लिए लड़कों की उम्र 18 साल होनी चाहिए और लड़कियों की 16 साल या उससे अधिक होनी चाहिए.

पढ़ें :- बच्चों के स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन के मामले में भारत 131वें स्थान पर : रिपोर्ट

Last Updated : Jun 26, 2020, 7:07 AM IST
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