मंगलुरु (कर्नाटका) : कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. इस दौरान लोंगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पर रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कत गरीब और मजदूर तबके के लोगों को हो रहा है. हालाकि इस विपदा के समय बहुतेरे ऐसे भी हैं, जिन्होंने गरीबों और मजदूरों के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं. लेकिन मंगलुरु के एक मजदूर अब्दुल रहमान ने तो अलग ही मिसाल पेश की है. अब्दुल रहमान ने काफी दिनों से हज के लिए पैसे जमा कर रखे था, लेकिन इस मुसीबत के वक्त वह उन पैसों को गरीबों और भूखों के लिए दान कर रहा है.
अब्दुल रहमान दक्षिण कन्नड़ जिले के बंटवाला तालुक के पास का रहने वाला है. देश में जब लॉकडाउन लगाया गया था, उसके बाद गरीबों के बीच सबसे ज्यादा दिक्कत खाने-पीने की होने लगी. रहमान को अपने आस-पास यह देख कर रहा नहीं गया और उसने गरीबों के लिए कुछ करने की ठानी. उसने ठाना कि वह स्वयं गरीबों के लिए भोजन का इंतजाम करेगा और उसने अपने और अपनी पत्नी के हज के लिए वर्षों से बचाकर रखे गए पैसेों को गरीबों के खाने के सामान खरीदने में लगा दिया. इस काम में रहमान की पत्नी ने भी उसका कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया. रहमान अपने पूरे पैसे से किराना और खाने-पीने के अन्य सामान खरीद कर गरीबों में बांटा रहा है.
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रहमान की इस इंसानियत को देख कर इलाके के लोग उसकी बहुत प्रशंसा कर रहे हैं. लोग रहमान को कई जिंदगियों को भूखा मरने से बचाने वाला बता रहे हैं.
रहमान का यह कार्य वाकई में एक इबारत है उनके लिए, जो इस मुसीबत के वक्त धन रहते हुए भी आगे आने से कतरा रहे हैं.