ETV Bharat / bharat

हरियाणा में बनती है रैपिड टेस्ट किट, जानिए कैसे होता है परीक्षण

हरियाणा स्थित गुरुग्राम के मानेसर में कोरियन कंपनी कोरोना से लड़ने के लिए रैपिड टेस्ट किट बना रही है. इस कंपनी का दावा है कि यह किट महज 15 मिनट में सही रिजल्ट देती है. देखें, हमारी खास रिपोर्ट...

korean-bio-sensor-company-making-rapid-test-kit-in-gurugram-haryana
डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Apr 30, 2020, 8:32 PM IST

गुरुग्राम : हरियाणा के मानेसर स्थित बायो सेंसर नाम की साउथ कोरियन कंपनी ने 'कोविड-आईजीजीआईजीएम' नाम से किट बनाया है. दावा किया जा रहा है कि इस किट के जरिए कोविड-19 के मरीज की पहचान 15 मिनट में की जा सकती है.

इस कंपनी के एमडी ही-चैंग-का के मुताबिक, कोरोना वायरस की वजह से न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में काफी गंभीर स्थिति बनी हुई है. इसलिए वह कोशिश कर रहे हैं कि भारत को बचाने के अभियान में कुछ सहयोग कर सकें.

उनकी कंपनी ने जो जांच किट बनाई है, उसे पूरे भारत में सप्लाई करने की कोशिश की जाएगी. उनका कहना है कि वह भारत सरकार की मदद करने के लिए 24 घंटे सातो दिन काम कर रहे हैं. उनका अनुमान है कि इस महीने के आखिरी तक 10 लाख से ज्यादा किट तैयार कर लेंगे.

इस किट से क्या पता चलता है?

जब भी कोई व्यक्ति किसी वायरस का शिकार होता है तो उसके शरीर में उस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनती हैं. रैपिड टेस्ट में उन्हीं एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है. ऐसे में जिन लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण कभी नहीं दिखते, उनमें भी यह आसानी से समझा जा सकता है कि वह संक्रमित है या नहीं, या पहले संक्रमित था या नहीं.

कैसे होता है टेस्ट?

'कोविड-आईजीजीआईजीएम' किट में अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट, आईएफयू, स्पेसिमेन, ट्रांसफर डिवाइस, बफर बोटल, टेस्ट कैसे होते हैं. इन्हीं उपकरणों से कोरोना-19 का रैपिड टेस्ट किया जाता है.

  1. सबसे पहले किट में मौजूद लैंसिंग डिवाइस से ब्लड लिया जाता है. इसके लिए फिंगर को वाइप के जरिए साफ किया जाता है.
  2. ऊंगली पर लगा लिक्विड सूख जाने के बाद कैपलरी डिवाइस से कैपलरी ब्लड निकाला जाता है और उसे स्पेसिमेन ट्रांसफर डिवाइस से किट के स्पेसिमेन वैल में डाल दिया जाता है. यह नमूना रक्त, प्लाज्मा या सीरम के रूप में हो सकता है.
  3. किट के डबल कार्ड में आईजीजी और आईजीएम कैसेट्स होते हैं. ब्लड को स्पेसिमेन ट्रांसफर डिवाइस के जरिए दोनों वैल में डाला जाता है.
  4. ब्लड डालने के बाद दोनों कैसेट्स के दूसरे छेद में बफर बोटल से तीन बूंदें एक केमिकल की डाली जाती हैं.
  5. 15 मिनट का इंतजार करना होता है.

परिणाम कैसे देखते हैं ?

निगेटिव परिणाम

अगर रैपिड टेस्ट किट पर सिर्फ एक गुलाबी लाइन ऊभरती है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति निगेटिव है.

केवल 'आईजीजीएम' किट में पॉजिटिव परिणाम आए तो क्या होता है?

अगर किट पर सी और एम गुलाबी लकीरें उभरतीं हैं, तो मरीज आईजीएम एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है. अगर किट पर सी और जी गुलाबी लकीरें उभरती हैं, तो मरीज आईजीटी एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है.

पॉजिटिव परिणाम आईजीजी और आईजीएम दोनों में आए तो क्या होता है ?

अगर किट पर जी और एम दोनों गुलाबी लकीरें उभरती हैं तो व्यक्ति आईजीजी और आईजीएम एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है.

टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद क्या होता है?

अगर रैपिड टेस्ट पॉजिटिव आता है तो हो सकता है व्यक्ति कोविड-19 का मरीज हो, ऐसे में उसे घर में ही आइसोलेशन में रहने या अस्पताल में रखने की सलाह दी जाती है.

अगर टेस्ट निगेटिव आए तब क्या होता है?

अगर रैपिड टेस्ट निगेटिव आता है तो फिर उसका रियल टाइम पीसीआर टेस्ट किया जाता है. रियल टाइम पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव आने पर अस्पताल या घर में आइसोलेशन में रखा जाता है. वहीं रियल टाइम पीसीआर टेस्ट निगेटिव आने पर माना जाता है कि उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हैं.

गुरुग्राम : हरियाणा के मानेसर स्थित बायो सेंसर नाम की साउथ कोरियन कंपनी ने 'कोविड-आईजीजीआईजीएम' नाम से किट बनाया है. दावा किया जा रहा है कि इस किट के जरिए कोविड-19 के मरीज की पहचान 15 मिनट में की जा सकती है.

इस कंपनी के एमडी ही-चैंग-का के मुताबिक, कोरोना वायरस की वजह से न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में काफी गंभीर स्थिति बनी हुई है. इसलिए वह कोशिश कर रहे हैं कि भारत को बचाने के अभियान में कुछ सहयोग कर सकें.

उनकी कंपनी ने जो जांच किट बनाई है, उसे पूरे भारत में सप्लाई करने की कोशिश की जाएगी. उनका कहना है कि वह भारत सरकार की मदद करने के लिए 24 घंटे सातो दिन काम कर रहे हैं. उनका अनुमान है कि इस महीने के आखिरी तक 10 लाख से ज्यादा किट तैयार कर लेंगे.

इस किट से क्या पता चलता है?

जब भी कोई व्यक्ति किसी वायरस का शिकार होता है तो उसके शरीर में उस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनती हैं. रैपिड टेस्ट में उन्हीं एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है. ऐसे में जिन लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण कभी नहीं दिखते, उनमें भी यह आसानी से समझा जा सकता है कि वह संक्रमित है या नहीं, या पहले संक्रमित था या नहीं.

कैसे होता है टेस्ट?

'कोविड-आईजीजीआईजीएम' किट में अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट, आईएफयू, स्पेसिमेन, ट्रांसफर डिवाइस, बफर बोटल, टेस्ट कैसे होते हैं. इन्हीं उपकरणों से कोरोना-19 का रैपिड टेस्ट किया जाता है.

  1. सबसे पहले किट में मौजूद लैंसिंग डिवाइस से ब्लड लिया जाता है. इसके लिए फिंगर को वाइप के जरिए साफ किया जाता है.
  2. ऊंगली पर लगा लिक्विड सूख जाने के बाद कैपलरी डिवाइस से कैपलरी ब्लड निकाला जाता है और उसे स्पेसिमेन ट्रांसफर डिवाइस से किट के स्पेसिमेन वैल में डाल दिया जाता है. यह नमूना रक्त, प्लाज्मा या सीरम के रूप में हो सकता है.
  3. किट के डबल कार्ड में आईजीजी और आईजीएम कैसेट्स होते हैं. ब्लड को स्पेसिमेन ट्रांसफर डिवाइस के जरिए दोनों वैल में डाला जाता है.
  4. ब्लड डालने के बाद दोनों कैसेट्स के दूसरे छेद में बफर बोटल से तीन बूंदें एक केमिकल की डाली जाती हैं.
  5. 15 मिनट का इंतजार करना होता है.

परिणाम कैसे देखते हैं ?

निगेटिव परिणाम

अगर रैपिड टेस्ट किट पर सिर्फ एक गुलाबी लाइन ऊभरती है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति निगेटिव है.

केवल 'आईजीजीएम' किट में पॉजिटिव परिणाम आए तो क्या होता है?

अगर किट पर सी और एम गुलाबी लकीरें उभरतीं हैं, तो मरीज आईजीएम एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है. अगर किट पर सी और जी गुलाबी लकीरें उभरती हैं, तो मरीज आईजीटी एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है.

पॉजिटिव परिणाम आईजीजी और आईजीएम दोनों में आए तो क्या होता है ?

अगर किट पर जी और एम दोनों गुलाबी लकीरें उभरती हैं तो व्यक्ति आईजीजी और आईजीएम एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है.

टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद क्या होता है?

अगर रैपिड टेस्ट पॉजिटिव आता है तो हो सकता है व्यक्ति कोविड-19 का मरीज हो, ऐसे में उसे घर में ही आइसोलेशन में रहने या अस्पताल में रखने की सलाह दी जाती है.

अगर टेस्ट निगेटिव आए तब क्या होता है?

अगर रैपिड टेस्ट निगेटिव आता है तो फिर उसका रियल टाइम पीसीआर टेस्ट किया जाता है. रियल टाइम पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव आने पर अस्पताल या घर में आइसोलेशन में रखा जाता है. वहीं रियल टाइम पीसीआर टेस्ट निगेटिव आने पर माना जाता है कि उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.