नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) को कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए किए जाने वाले परीक्षण 'फेलूदा' (FELUDA) को मंजूरी नहीं देने पर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है.
जस्टिस हिमा कोहली और सुब्रमोनियम प्रसाद की डिवीजन बेंच ने यह निर्देश तब दिया, जब याचिकाकर्ता राकेश मल्होत्रा ने बेंच को सूचित किया कि ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने 20 सितंबर को फेलूदा नामक एक परीक्षण की मंजूरी दे दी है, लेकिन आईसीएमआर और सीएसआईआर ने इसे अनुमोदित नहीं किया है, जिसके चलते यह बाजार में उपलब्ध नहीं है.
आइए जानते हैं क्या है फेलूदा टेस्ट
- एफएनसीएएस9 एडिटर-लिमिटेड यूनिफॉर्म डिटेक्शन एसेय (फेलूदा) टेस्ट प्रिगनेंसी टेस्ट की तरह ही एक पेपर स्ट्रिप टेस्ट है.
- यह जेनेटिक एडिटिंग टूल सीआरआईएसपीआर/सीएएस-9 पर आधारित है.
- टाटा सीआरआईएसपीआर और काउंसल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटग्रेटिव बॉयोलॉजी (आईजीआईबी) ने विकसित किया है.
- इसे सोविक मैती और डॉ. देबोज्योजि चक्रवर्ती ने सीएसआईआर-आईजीआईबी, में विकसित किया है.
- फेलूदा 45 मिनट में नतीजा दे सकता है और इसकी कीमत 500 रुपये है.
- इस टेस्ट के लिए पीसीआर मशीन की जरूरत पड़ती है.
- ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कॉमर्शियल लांच के लिए हरी झंडी दे दी है.
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अनुसार आईजीआईबी में 2,000 से अधिक रोगियों पर परीक्षणों के दौरान और निजी प्रयोगशालाओं में परीक्षण के दौरान, 96 प्रतिशत संवेदनशीलता और 98 प्रतिशत विशिष्टता देखी गई.
- उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षण पहले से ही परमाणु ऊर्जा विभाग के बेंगलुरु स्थित नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज, बैंगलोर द्वारा मान्य किया गया है.
केंद्र सरकार के वकील अहलूवालिया ने इस संबंध में निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट में 11 नवंबर को होगी. अदालत ने दिल्ली सरकार को सुनवाई की अगली तारीख से पहले एक अपडेटेड रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
दिल्ली सरकार के वकील सत्यकाम ने अदालत को सूचित किया है कि दिल्ली में सीरो-सर्विलांस-4 दो दिन में समाप्त हो जाएगा, जब सभी नमूने एकत्र किए जाएंगे और नमूनों के संसाधित होने में कम से कम तीन सप्ताह लगेंगे.
अदालत ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह सेरो सर्विलांस-4 की रिपोर्ट दाखिल करें और उन्हें चेतावनी दी कि इसे अदालत में दाखिल करने से पहले किसी भी प्रारंभिक या अस्थाई रिपोर्ट के माध्यम से सार्वजनिक न करें.
पीठ ने यह भी कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां परीक्षण की रिपोर्ट आने में चार दिन से अधिक समय लग रहा है. यह चीजें अस्वीकार्य हैं. जिस व्यक्ति का परीक्षण हुआ है उस व्यक्ति को आइसोलेट होकर रहना होता है.
अदालत ने कहा कि परिणाम घोषित करने का समय 24 घंटे से अधिक हो रहा है. इस संबंध में भी दिल्ली सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है, जिससे प्रणाली को सुव्यवस्थित किया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि टेस्टिंग की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर आ सके.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा है कि स्वदेश में विकसित तेज और सस्ता फेलूदा कोविड-19 टेस्ट के अगले कुछ हफ्तों में शुरू हो जाने की संभावना है. उन्होंने कहा, मैं उपलब्धता की निश्चित तारीख नहीं बता सकता. हम अगले कुछ हफ्तों में इस टेस्ट की उम्मीद कर सकते हैं.