नई दिल्ली : कोरोना महामारी से त्रस्त राष्ट्रीय राजधानी के दिल्ली कैंट इलाके में 1,000 बिस्तर वाले कोविड केयर सेंटर का निर्माण किया गया है. रिकॉर्ड समय में हुए इस संरचनात्मक विकास के संबंध में डीआरडीओ के चेयरपर्सन डॉ. सतीश रेड्डी ने कहा कि यह हर मेडिकल डिवाइस से लैस है, जिसकी कोरोना वायरस के मरीज को आवश्यकता होगी.
उन्होंने बताया कि वार्डों का नामकरण उन भारतीय सैनिकों के नाम पर किया गया है जो 15-16 जून की दरम्यानी रात को लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हो गए थे. बता दें कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 जांबाज सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि भारतीय सैनिकों के पराक्रम के आगे चीन के 30 से अधिक सैनिक मारे गए थे.
बता दें कि डीआरडीओ द्वारा निर्मित सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड-19 अस्पताल अस्थायी अस्पताल का ढांचा है. इस अस्पताल में 250 ICU बेड भी शामिल हैं. निर्माण कार्य पूरी तरह से डीआरडीओ द्वारा किया गया है और यह रिकॉर्ड 15 दिनों से भी कम के समय में बनाई गई है.
इससे पहले दक्षिणी दिल्ली के भाटी माइंस छत्तरपुर में स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास में विश्व का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बनाया गया था. इसके भीतर 1700×700 स्क्वायर फीट का एक बड़ा प्रांगण है. जहां पर पहले सत्संग हुआ करता था, लेकिन अब इसकी पहचान दुनिया के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर के रूप में हो गई है. इस प्रांगण में 10 हजार बेड की सुविधा है. जहां कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों का इलाज हो रहा है.
पांच जुलाई को हुआ था ऑपरेशनल
बीते पांच जुलाई को दो हजार बेड के साथ इस कोविड केयर सेंटर को ऑपरेशनल कर दिया गया. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसका उद्घाटन किया था. वर्तमान में यहां करीब 200 कोरोना संक्रमित मरीज इलाजरत हैं. बता दें कि जून के दूसरे हफ्ते में दिल्ली में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 40 हजार को पार कर चुका था. तब एक दिन में दो हजार से ज्यादा मामले आने शुरू हो गए थे और लगातार बढ़ते आंकड़े सरकार के लिए चिंता का सबब बन गए थे.
15 जून को पहला आधिकारिक दौरा
सरकार ने अस्थायी कोविड केयर सेंटर बनाने का फैसला किया और दक्षिणी दिल्ली में राधा स्वामी सत्संग ब्यास का प्रांगण लिए सबसे उपयुक्त जगह थी. स्थानीय डीएम बीएम मिश्रा ने इसके लिए पहल की और सत्संग व्यास के प्रशासन को इसके लिए तैयार किया. 14 जून से इस राधा स्वामी सत्संग व्यास में आधिकारिक तौर पर कोविड केयर सेंटर बनाने की तैयारियां शुरू हुई थीं. तब भी उपराज्यपाल अनिल बैजल ही सबसे पहले यहां निरीक्षण करने के लिए गए थे और उनसे हरी झंडी मिलने के बाद डीएम बीए मिश्रा के नेतृत्व में यहां काम शुरू हुआ.
गृह मंत्री को मुख्यमंत्री का पत्र
इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी 18 जून को यहां निरीक्षण के लिए गए थे. उसके बाद इसका एक सिरा श्रेय की सियासत से भी जुड़ा. 23 जून को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर उन्हें इस कोविड केयर सेंटर के निरीक्षण के लिए आमंत्रित किया. अरविंद केजरीवाल ने यह मांग भी की कि इसके संचालन के लिए आइटीबीपी की सेवाएं मुहैया कराई जाएं.
27 जून को एक साथ निरीक्षण
अरविंद केजरीवाल के इस पत्र का जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट के जरिए दिया. अमित शाह ने लिखा कि तीन दिन पहले इसका फैसला हमारी बैठक में हो चुका है और इस 10 हजार बेड के कोविड केयर सेंटर के संचालन की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय पहले ही आईटीबीपी को सौंप चुका है. गृह मंत्री ने तब यह भी कहा था कि इनमें से अधिकतर सुविधाएं 26 जून से शुरू हो जाएंगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी शायद इस तरह के जवाब का अंदाजा नहीं था, लेकिन 27 जून को यह दोनों ही नेता एक साथ इस कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे.
50-50 बेड के 200 ब्लॉक
यहां पर तैयारियां कमोबेश पूरी हो चुकी थीं और दो हजार बेड की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा था. गृह मंत्री के साथ उस समय आइटीबीपी के डीजी भी मौजूद थे, जिन्होंने अपनी तरफ से यहां दी जाने वाली मेडिकल सुविधाओं को लेकर गृह मंत्री को जानकारी दी. बता दें कि यहां 50-50 बेड के 200 ब्लॉक बनाए गए हैं. 5 जुलाई को इसका उद्घाटन करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इसे कोरोना से दिल्ली की लड़ाई का एक अहम केंद्र बताया था.
पढ़ें- सिर्फ 10 घंटे के अंंदर पूरे अस्पताल में फैल सकता है कोरोना वायरस : अध्ययन
डीडीयू अस्पताल के साथ अटैच
इस कोविड केयर सेंटर में बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों के इलाज की तमाम सुविधाएं हैं, ऑक्सीजन तक की व्यवस्था है, लेकिन अगर किसी मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ती है, तो उसे दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल भेजा जाएगा. उसके लिए यहां पर एंबुलेंस की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. इस सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के साथ अटैच किया गया है.