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सीआईए की तर्ज पर काम करता है ईरान का QUDS, विस्तार से जानें - us forces killed iran commander

इराक में ईरान का एक टॉप कमांडर मारा गया. ये ईरान के एलिट फोर्स कद्स से ताल्लुकात रखते थे. इनका मुख्य काम विदेशों में ईरान के हित में काम करना होता था. कुद्स फोर्सेस अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं, कौन हैं कद्स

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Published : Jan 3, 2020, 9:02 AM IST

Updated : Jan 3, 2020, 10:16 AM IST

हैदराबाद : अमेरिकी सैनिकों द्वारा ईरान के टॉप कमांडर की हत्या के बाद कद्स फोर्सेस को लेकर खूब चर्चा हो रही है. कौन हैं कद्स और क्या होती है इनकी भूमिका, यहां विस्तार से जानें. दरअसल, ईरान की सेना का काम करने का तरीका बिल्कुल ही अलग है. यहां की सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) एक दूसरे की भूमिकाओं को ओवरलैप करते हैं.

आईआरजीसी कई वैध व्यवसायों में भी शामिल रहती है. यानि इनकी आमदनी सरकार पर निर्भर नहीं रहती है. जब भी ईरान के अंदर विद्रोह होता है, तो मुख्य रूप से आईआरजीसी ही उसे नियंत्रित करती है. बल्कि कई बार उस पर क्रूरता करने का भी आरोप लगता है. कद्स फोर्स आईआरजीसी का ही एक गुप्त विंग है.

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जानें कौन हैं कद्स

पिछले साल अमेरिका ने आईआरजीसी को आतंकी समूह घोषित कर दिया था. कद्स फोर्स मुख्य रूप से विदेशों में काम करता है.कद्स विदेशी आतंकी समूहों और मिलिशिया का समर्थन करता है. वहां पर हमलों और हत्याओं को अंजाम देता है. यह खुफिया जानकारी इकट्ठा करता है.कद्स की तुलना अमेरिका खुफिया एजेंसी सीआईए से भी की जाती है. यह ईरान के लिए स्थानीय तौर पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करता है.

कद्स फोर्सेस स्थानीय शैली की युद्धों में महारत हासिल रखते हैं. इसलिए इनकी तुलना अमेरिकी ग्रीन बेरेट्स से की जाती है.ईरान कद्स दिवस भी मनाता है. हालांकि, सैन्य इकाई के समर्थन की प्रत्यक्ष पुष्टि के रूप में नहीं.कद्स डे पूरे मध्य पूर्व में समान विचारधारा वाले समूहों में फैल गया है.पिछले साल कद्स डे के मौके पर अमेरिका झंडे जलाए गए थे. ट्रंप का भी पुतला जलाया गया था.

हैदराबाद : अमेरिकी सैनिकों द्वारा ईरान के टॉप कमांडर की हत्या के बाद कद्स फोर्सेस को लेकर खूब चर्चा हो रही है. कौन हैं कद्स और क्या होती है इनकी भूमिका, यहां विस्तार से जानें. दरअसल, ईरान की सेना का काम करने का तरीका बिल्कुल ही अलग है. यहां की सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) एक दूसरे की भूमिकाओं को ओवरलैप करते हैं.

आईआरजीसी कई वैध व्यवसायों में भी शामिल रहती है. यानि इनकी आमदनी सरकार पर निर्भर नहीं रहती है. जब भी ईरान के अंदर विद्रोह होता है, तो मुख्य रूप से आईआरजीसी ही उसे नियंत्रित करती है. बल्कि कई बार उस पर क्रूरता करने का भी आरोप लगता है. कद्स फोर्स आईआरजीसी का ही एक गुप्त विंग है.

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जानें कौन हैं कद्स

पिछले साल अमेरिका ने आईआरजीसी को आतंकी समूह घोषित कर दिया था. कद्स फोर्स मुख्य रूप से विदेशों में काम करता है.कद्स विदेशी आतंकी समूहों और मिलिशिया का समर्थन करता है. वहां पर हमलों और हत्याओं को अंजाम देता है. यह खुफिया जानकारी इकट्ठा करता है.कद्स की तुलना अमेरिका खुफिया एजेंसी सीआईए से भी की जाती है. यह ईरान के लिए स्थानीय तौर पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करता है.

कद्स फोर्सेस स्थानीय शैली की युद्धों में महारत हासिल रखते हैं. इसलिए इनकी तुलना अमेरिकी ग्रीन बेरेट्स से की जाती है.ईरान कद्स दिवस भी मनाता है. हालांकि, सैन्य इकाई के समर्थन की प्रत्यक्ष पुष्टि के रूप में नहीं.कद्स डे पूरे मध्य पूर्व में समान विचारधारा वाले समूहों में फैल गया है.पिछले साल कद्स डे के मौके पर अमेरिका झंडे जलाए गए थे. ट्रंप का भी पुतला जलाया गया था.

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इराक में ईरान का एक टॉप कमांडर मारा गया. ये ईरान के एलिट फोर्स कद्स से ताल्लुकात रखते थे. इनका मुख्य काम विदेशों में ईरान के हित में काम करना होता था. कुद्स फोर्सेस अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं, कौन हैं कद्स 





ईरान का कद्स फोर्स 

हैदराबाद :  अमेरिकी सैनिकों द्वारा ईरान के टॉप कमांडर की हत्या के बाद कद्स फोर्सेस को लेकर खूब चर्चा हो रही है. कौन हैं कद्स और क्या होती है इनकी भूमिका, यहां विस्तार से जानें. दरअसल, ईरान की सेना का काम करने का तरीका बिल्कुल ही अलग है. यहां की सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) एक दूसरे की भूमिकाओं को ओवरलैप करते हैं. 

आईआरजीसी कई वैध व्यवसायों में भी शामिल रहती है. यानि इनकी आमदनी सरकार पर निर्भर नहीं रहती है. जब भी ईरान के अंदर विद्रोह होता है, तो मुख्य रूप से आईआरजीसी ही उसे नियंत्रित करती है. बल्कि कई बार उस पर क्रूरता करने का भी आरोप लगता है. कद्स फोर्स आईआरजीसी का ही एक गुप्त अंग है.

पिछले साल अमेरिका ने आईआरजीसी को आतंकी समूह घोषित कर दिया था. कद्स फोर्स मुख्य रूप से विदेशों में काम करता है. 

कद्स विदेशी आतंकी समूहों और मिलिशिया का समर्थन करता है. वहां पर हमलों और हत्याओं को अंजाम देता है. यह खुफिया जानकारी इकट्ठा करता है. 

कद्स की तुलना अमेरिका खुफिया एजेंसी सीआईए से भी की जाती है. यह ईरान के लिए स्थानीय तौर पर खुफिया जानकारी इकट्ठा करता है. 

कद्स फोर्सेस स्थानीय शैली की युद्धों में महारत हासिल रखते हैं. इसलिए इनकी तुलना अमेरिकी ग्रीन बेरेट्स से की जाती है. 

ईरान कद्स दिवस भी मनाता है. हालांकि, सैन्य इकाई के समर्थन की प्रत्यक्ष पुष्टि के रूप में नहीं.

कद्स डे पूरे मध्य पूर्व में समान विचारधारा वाले समूहों में फैल गया है. 

पिछले साल कद्स डे के मौके पर अमेरिका झंडे जलाए गए थे. ट्रंप का भी पुतला जलाया गया था. 

 


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Last Updated : Jan 3, 2020, 10:16 AM IST
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