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राजीव गांधी हत्याकांड : गृह मंत्री शाह से मिली सजायाफ्ता की मां, रिहाई की गुहार

राजीव गांधी हत्याकांड में सजायाफ्ता पुत्र की रिहाई की मांग को लेकर 70 वर्षीय अरपथमम अम्मल ने गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की. अम्मल सजायाफ्ता एजी पेरारिवलन उर्फ ​​अरिवु की मां है. इन सभी कैदियों को 1991 में राजीव गांधी की हत्या में आजीवन कारावास की सजा मिली है. पढ़ें पूरी खबर..

तमिलनाडु के विधायक डी रविकुमार भी राजीव गांधी हत्या सजायाफ्ता की मां से मिलें
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Published : Jul 31, 2019, 10:31 PM IST

Updated : Aug 2, 2019, 12:06 AM IST

नई दिल्ली: राजीव गांधी हत्या मामले में सजा काट रहे एजी पेरारिवलन की मां ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. उन्होंने शाह से अपने बेटे अरिवु की जल्द रिहाई की गुहार लगाई है. गृह मंत्री अमित शाह के साथ भेंट के दौरान 70 वर्षीय अम्मल के साथ तमिलनाडु के दो सांसद भी मौजूद थे.

दोनों सांसद, डी रविकुमार और थोल थिरुमावलवन ने अरपथमम अम्मल के पुत्र के अलावा अन्य छह कैदियों के रिहाई की भी मांग की है. नई दिल्ली में गृह मंत्री शाह से भेंट के दौरान उन्हें एक याचिका भी सौंपी गई.

ईटीवी भारत से बात करते हुए सांसद डी रविकुमार ने बताया, 'अरपथमम अम्मल ने हाथ जोड़कर माननीय गृह मंत्री से अनुरोध किया, उनका बेटा पिछले 29 वर्षों से जेल में बंद है. तत्काल हस्तक्षेप कर उसे रिहा कराएं.'

सांसद डी रविकुमार ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात किया

उन्होंने बताया कि अम्मल ने गृह मंत्री को एक याचिका सौंपा. याचिका में अम्मल ने अपने बेटे एजी पेरारिवलन समेत छ: कैदियों की रिहाई का भी मांग किया. बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट कैदियों को 1991 में राजीव गांधी की हत्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

डी रविकुमार ने कहा, 'पूर्व सीबीआई अधिकारी वी त्यागराजन ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे दाखिल किया था. जांच एजेंसी ने हलफनामे में यह माना था कि अरिवु के इकबालिया बयान का एक अंश निकाल दिया गया था. अरिवु घटना के समय 19 साल का था.

बकौल रविकुमार 'जांच अधिकारी ने गलती मानते हुए बोला था कि 'अरिवु का नाम डालना उसकी गलती थी.'

बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है. तमिलनाडु मंत्रिमंडल ने सभी छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा खत्म कर उन्हें रिहा करने के प्रस्ताव राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भेजा है.

पढ़ें- राजीव गांधी की हत्या : तमिलनाडु विधानसभा में बहस, दोषियों की रिहाई पर CM ने दिया जवाब

रविकुमार ने कहा, 'फाइल पिछले 11 महीनों से राज्यपाल के पास लंबित है.' गौरतलब है कि संविधान का अनुच्छेद 161 किसी राज्य के राज्यपाल को सजा माफ देने का अधिकार देता है.

बता दें कि 21 मई, 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. चेन्नई में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की महिला समर्थक ने आत्मघाती हमला किया था.

नई दिल्ली: राजीव गांधी हत्या मामले में सजा काट रहे एजी पेरारिवलन की मां ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. उन्होंने शाह से अपने बेटे अरिवु की जल्द रिहाई की गुहार लगाई है. गृह मंत्री अमित शाह के साथ भेंट के दौरान 70 वर्षीय अम्मल के साथ तमिलनाडु के दो सांसद भी मौजूद थे.

दोनों सांसद, डी रविकुमार और थोल थिरुमावलवन ने अरपथमम अम्मल के पुत्र के अलावा अन्य छह कैदियों के रिहाई की भी मांग की है. नई दिल्ली में गृह मंत्री शाह से भेंट के दौरान उन्हें एक याचिका भी सौंपी गई.

ईटीवी भारत से बात करते हुए सांसद डी रविकुमार ने बताया, 'अरपथमम अम्मल ने हाथ जोड़कर माननीय गृह मंत्री से अनुरोध किया, उनका बेटा पिछले 29 वर्षों से जेल में बंद है. तत्काल हस्तक्षेप कर उसे रिहा कराएं.'

सांसद डी रविकुमार ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात किया

उन्होंने बताया कि अम्मल ने गृह मंत्री को एक याचिका सौंपा. याचिका में अम्मल ने अपने बेटे एजी पेरारिवलन समेत छ: कैदियों की रिहाई का भी मांग किया. बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट कैदियों को 1991 में राजीव गांधी की हत्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

डी रविकुमार ने कहा, 'पूर्व सीबीआई अधिकारी वी त्यागराजन ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे दाखिल किया था. जांच एजेंसी ने हलफनामे में यह माना था कि अरिवु के इकबालिया बयान का एक अंश निकाल दिया गया था. अरिवु घटना के समय 19 साल का था.

बकौल रविकुमार 'जांच अधिकारी ने गलती मानते हुए बोला था कि 'अरिवु का नाम डालना उसकी गलती थी.'

बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है. तमिलनाडु मंत्रिमंडल ने सभी छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा खत्म कर उन्हें रिहा करने के प्रस्ताव राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भेजा है.

पढ़ें- राजीव गांधी की हत्या : तमिलनाडु विधानसभा में बहस, दोषियों की रिहाई पर CM ने दिया जवाब

रविकुमार ने कहा, 'फाइल पिछले 11 महीनों से राज्यपाल के पास लंबित है.' गौरतलब है कि संविधान का अनुच्छेद 161 किसी राज्य के राज्यपाल को सजा माफ देने का अधिकार देता है.

बता दें कि 21 मई, 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. चेन्नई में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की महिला समर्थक ने आत्मघाती हमला किया था.

Intro:New Delhi: With a hope to see her convicted son in Rajiv Gandhi assassination case free, septogenarian Arputham Ammal called on Home Minister Amit Shah and sought his urgent intervention.


Body:Ammal was accompanied by Tamil Nadu law maker D Ravikumar and Thol Thirumavalavan in her meeting with Shah in New Delhi this week.

"With folded hand, Ammal pleaded to Hon'ble Home Minister that her son has been languishing in jail for last 29 years of no reason," said Ravikumar to ETV Bharat.

Ammal sought release of her son AG Perarivalan alias Arivu and six others undergoing life imprisonment in the assassination of Rajiv Gandhi in 1991. She also submitted a petition to Home Minister.

Article 161 of the Constitution empowers the Governor of a state to remit the sentence of a convict.

Referring to the affidavit filled by former CBI officer V Thaigarajan in the Supreme Court in 2017, Ravikumar said that the premier investigating agency had ommiteda part of the confessional statement of Arivu, who was 19 years old then.

"The officer told that it was his fault to put Arivu's name in the case," said Ravikumar.



Conclusion:Former Prime Minister Rajiv Gandhi was assassinated on May 21, 1991 by a woman LTTE suicide bomber in Chennai during an election rally.

The Tamil Nadu Cabinet had recommended to Governor Banwarilal Purohit to release all the six convicts whose death sentence was commuted to life in line with the Supreme Court verdict.

"The file is now pending with the Governor for the last 11 months," said Ravikumar.

end.
Last Updated : Aug 2, 2019, 12:06 AM IST
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