नई दिल्ली: राजीव गांधी हत्या मामले में सजा काट रहे एजी पेरारिवलन की मां ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. उन्होंने शाह से अपने बेटे अरिवु की जल्द रिहाई की गुहार लगाई है. गृह मंत्री अमित शाह के साथ भेंट के दौरान 70 वर्षीय अम्मल के साथ तमिलनाडु के दो सांसद भी मौजूद थे.
दोनों सांसद, डी रविकुमार और थोल थिरुमावलवन ने अरपथमम अम्मल के पुत्र के अलावा अन्य छह कैदियों के रिहाई की भी मांग की है. नई दिल्ली में गृह मंत्री शाह से भेंट के दौरान उन्हें एक याचिका भी सौंपी गई.
ईटीवी भारत से बात करते हुए सांसद डी रविकुमार ने बताया, 'अरपथमम अम्मल ने हाथ जोड़कर माननीय गृह मंत्री से अनुरोध किया, उनका बेटा पिछले 29 वर्षों से जेल में बंद है. तत्काल हस्तक्षेप कर उसे रिहा कराएं.'
उन्होंने बताया कि अम्मल ने गृह मंत्री को एक याचिका सौंपा. याचिका में अम्मल ने अपने बेटे एजी पेरारिवलन समेत छ: कैदियों की रिहाई का भी मांग किया. बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट कैदियों को 1991 में राजीव गांधी की हत्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
डी रविकुमार ने कहा, 'पूर्व सीबीआई अधिकारी वी त्यागराजन ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे दाखिल किया था. जांच एजेंसी ने हलफनामे में यह माना था कि अरिवु के इकबालिया बयान का एक अंश निकाल दिया गया था. अरिवु घटना के समय 19 साल का था.
बकौल रविकुमार 'जांच अधिकारी ने गलती मानते हुए बोला था कि 'अरिवु का नाम डालना उसकी गलती थी.'
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है. तमिलनाडु मंत्रिमंडल ने सभी छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा खत्म कर उन्हें रिहा करने के प्रस्ताव राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भेजा है.
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रविकुमार ने कहा, 'फाइल पिछले 11 महीनों से राज्यपाल के पास लंबित है.' गौरतलब है कि संविधान का अनुच्छेद 161 किसी राज्य के राज्यपाल को सजा माफ देने का अधिकार देता है.
बता दें कि 21 मई, 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. चेन्नई में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की महिला समर्थक ने आत्मघाती हमला किया था.