ETV Bharat / bharat

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में क्या-क्या हुए हैं प्रमुख बदलाव, जानें एक क्लिक में...

वर्तमान शिक्षा नीति 1986 में तैयार की गयी थी. नई शिक्षा नीति का विषय 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था .नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार 10 प्लस 2 के फार्मेट को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. इसे अब 5+3+3+4 के फार्मेट में बांटा गया है. साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम भी बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है.

national-education-policy
national-education-policy
author img

By

Published : Jul 30, 2020, 8:52 AM IST

Updated : Jul 30, 2020, 9:34 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की इस नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम भी बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है.

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ये काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था. इसमें स्कूल से लेकर हायर एजुकेशन तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. उन्होंने कहा कि देशवासी इसका स्वागत करेंगे.

शिक्षा नीति को 1986 में अपनाया गया था और अंतिम बार इसे 1992 में संशोधित किया गया था.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार अब पांचवी तक की शिक्षा मातृ भाषा में होगी. साथ ही 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. इसे अब 5+3+3+4 के फार्मेट में बांटा गया है. स्कूलों में अब कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम की कोई अनिवार्यता नहीं होगी, छात्र जो भी पाठ्यक्रम चाहें, ले सकते हैं.

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनइपी) को अब देश भर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए एडिशनल चार्ज दिया जाएगा. जिसमें वह हायर एजुकेशन के लिए कॉमन एंट्रेंस एक्जाम का आयोजन कर सकता है. नई प्रणाली में और अमेरिका में प्रवेश के लिए आयोजित सैट में कुछ समानताएं हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रमुख विशेषताएं:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खास बिंदु:

  • 2030 तक ईसीसीई से माध्यमिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण, एसडीजी-4 के साथ संरेखित करना
  • 2025 तक नेशनल मिशन के माध्यम से फाउंडेशनल लर्निंग एंड न्यूमेरिस स्किल को बनाए रखना
  • 2030 तक प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक 100% जीईआर
  • स्कूल से वंचित रहने वाले 2 करोड़ से ज्यादा बच्चों को वापस लाना
  • 2023 तक मूल्यांकन सुधारों के लिए तैयार किए जाने वाले शिक्षक
  • 2030 तक समावेशी और न्याय संगत शिक्षा प्रणाली
  • मुख्य अवधारणाओं और ज्ञान के अनुप्रयोग का परीक्षण करने के लिए बोर्ड परीक्षा
  • हर बच्चा कम से कम एक स्किल में स्कूल से बाहर निकलेगा
  • सार्वजनिक और निजी स्कूलों में सीखने के सामान्य मानक

स्कूली शिक्षा में प्रमुख सुधार:

  • ईसीई, स्कूल, शिक्षकों और वयस्क शिक्षा के लिए नई शिक्षा नीति की रूपरेखा
  • ज्ञान परीक्षा के आधार पर बोर्ड परीक्षा लो स्टेक होगी
  • कम से कम ग्रेड 5 या माध्यमिक तक यानी अधिकतम कक्षा 8 तक मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा का निर्देश
  • बच्चे को 360 डिग्री समग्र प्रगति कार्ड
  • छात्रों के सीखने और उसके परिणामों को ट्रैक करने का निर्देश
  • राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र- परख
  • हाइयर एजुकेशन में प्रवेश परीक्षा के लिए एनटीए को पेशकश
  • शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक
  • बुक प्रमोशन पॉलिसी और डिजिटल लाइब्रेरी
  • सार्वजनिक ऑनलाइन निरीक्षण और जवाबदेही के लिए पारदर्शी

उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधार:

  • 2035 तक 50% सकल नामांकन अनुपात
  • समग्र और बहु-विषयक शिक्षा- ऐक्छिक विषय का चयन
  • एक से अधिक प्रवेश/निकास
  • यूजी प्रोग्राम - 3 या 4 वर्ष
  • पीजी प्रोग्राम - 1 या 2 वर्ष
  • एकीकृत 5 वर्षीय स्नातक / मास्टर
  • एम फिल को बंद किया जाना है
  • क्रेडिट ट्रांसफर और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट
  • HEIs: गहन अनुसंधान / गहन शिक्षण विश्वविद्यालयों और स्वायत्त डिग्री अनुदान महाविद्यालय
  • मॉडल बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (MERU) (प्रत्येक जिले में या उसके पास)

स्नातक की स्वायत्तता: शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय:

  • 15 वर्षों में संबद्धता प्रणाली को चरणबद्ध करना
  • मेंटरिंग पर राष्ट्रीय मिशन
  • स्वतंत्र बोर्ड ऑफ गवर्नर्स
  • उच्च शिक्षा के लिए एकल नियामक (कानूनी और चिकित्सा को छोड़कर)
  • निरीक्षणों के स्थान पर स्वीकृतियों के लिए ऑन-लाइन स्व प्रमाणित आधारित पारदर्शी प्रणाली
  • सार्वजनिक और निजी एचईए के लिए सामान्य मानदंड
  • निजी परोपकारी भागीदारी
  • व्यापक नियामक ढांचे के भीतर शुल्क निर्धारण
  • शिक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश जल्द से जल्द सकल घरेलू उत्पाद का 6% तक पहुंचना
  • नेशनल रिसर्च फाउंडेशन
  • शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण
  • व्यावसायिक, शिक्षक और व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण
  • नई गुणवत्ता एचईआई की स्थापना को आसान बनाया गया
  • स्टैंडअलोन एचईआई और व्यावसायिक शिक्षा संस्थान बहु-विषयक में विकसित होंगे
  • वंचित क्षेत्रों के लिए विशेष शिक्षा क्षेत्र
  • पाली, फारसी और प्राकृत के लिए राष्ट्रीय संस्थान
  • राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया

बता दें कि 34 साल बाद आई नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल-कॉलेज की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं. अब तक छात्र कॉलेज में फिजिक्स के साथ केमिस्ट्री, मैथ्स ही पढ़ सकते थे, लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत छात्र अब फिजिक्स के साथ फैशन डिजाइनिंग और केमिस्ट्री के साथ म्यूजिक भी पढ़ सकेंगे.पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शासनकाल में 1985 में शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया गया था. इसके अगले वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी.

नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की इस नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम भी बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है.

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ये काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था. इसमें स्कूल से लेकर हायर एजुकेशन तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. उन्होंने कहा कि देशवासी इसका स्वागत करेंगे.

शिक्षा नीति को 1986 में अपनाया गया था और अंतिम बार इसे 1992 में संशोधित किया गया था.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार अब पांचवी तक की शिक्षा मातृ भाषा में होगी. साथ ही 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. इसे अब 5+3+3+4 के फार्मेट में बांटा गया है. स्कूलों में अब कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम की कोई अनिवार्यता नहीं होगी, छात्र जो भी पाठ्यक्रम चाहें, ले सकते हैं.

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनइपी) को अब देश भर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए एडिशनल चार्ज दिया जाएगा. जिसमें वह हायर एजुकेशन के लिए कॉमन एंट्रेंस एक्जाम का आयोजन कर सकता है. नई प्रणाली में और अमेरिका में प्रवेश के लिए आयोजित सैट में कुछ समानताएं हैं.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रमुख विशेषताएं:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खास बिंदु:

  • 2030 तक ईसीसीई से माध्यमिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण, एसडीजी-4 के साथ संरेखित करना
  • 2025 तक नेशनल मिशन के माध्यम से फाउंडेशनल लर्निंग एंड न्यूमेरिस स्किल को बनाए रखना
  • 2030 तक प्री-स्कूल से माध्यमिक स्तर तक 100% जीईआर
  • स्कूल से वंचित रहने वाले 2 करोड़ से ज्यादा बच्चों को वापस लाना
  • 2023 तक मूल्यांकन सुधारों के लिए तैयार किए जाने वाले शिक्षक
  • 2030 तक समावेशी और न्याय संगत शिक्षा प्रणाली
  • मुख्य अवधारणाओं और ज्ञान के अनुप्रयोग का परीक्षण करने के लिए बोर्ड परीक्षा
  • हर बच्चा कम से कम एक स्किल में स्कूल से बाहर निकलेगा
  • सार्वजनिक और निजी स्कूलों में सीखने के सामान्य मानक

स्कूली शिक्षा में प्रमुख सुधार:

  • ईसीई, स्कूल, शिक्षकों और वयस्क शिक्षा के लिए नई शिक्षा नीति की रूपरेखा
  • ज्ञान परीक्षा के आधार पर बोर्ड परीक्षा लो स्टेक होगी
  • कम से कम ग्रेड 5 या माध्यमिक तक यानी अधिकतम कक्षा 8 तक मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा का निर्देश
  • बच्चे को 360 डिग्री समग्र प्रगति कार्ड
  • छात्रों के सीखने और उसके परिणामों को ट्रैक करने का निर्देश
  • राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र- परख
  • हाइयर एजुकेशन में प्रवेश परीक्षा के लिए एनटीए को पेशकश
  • शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक
  • बुक प्रमोशन पॉलिसी और डिजिटल लाइब्रेरी
  • सार्वजनिक ऑनलाइन निरीक्षण और जवाबदेही के लिए पारदर्शी

उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधार:

  • 2035 तक 50% सकल नामांकन अनुपात
  • समग्र और बहु-विषयक शिक्षा- ऐक्छिक विषय का चयन
  • एक से अधिक प्रवेश/निकास
  • यूजी प्रोग्राम - 3 या 4 वर्ष
  • पीजी प्रोग्राम - 1 या 2 वर्ष
  • एकीकृत 5 वर्षीय स्नातक / मास्टर
  • एम फिल को बंद किया जाना है
  • क्रेडिट ट्रांसफर और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट
  • HEIs: गहन अनुसंधान / गहन शिक्षण विश्वविद्यालयों और स्वायत्त डिग्री अनुदान महाविद्यालय
  • मॉडल बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (MERU) (प्रत्येक जिले में या उसके पास)

स्नातक की स्वायत्तता: शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय:

  • 15 वर्षों में संबद्धता प्रणाली को चरणबद्ध करना
  • मेंटरिंग पर राष्ट्रीय मिशन
  • स्वतंत्र बोर्ड ऑफ गवर्नर्स
  • उच्च शिक्षा के लिए एकल नियामक (कानूनी और चिकित्सा को छोड़कर)
  • निरीक्षणों के स्थान पर स्वीकृतियों के लिए ऑन-लाइन स्व प्रमाणित आधारित पारदर्शी प्रणाली
  • सार्वजनिक और निजी एचईए के लिए सामान्य मानदंड
  • निजी परोपकारी भागीदारी
  • व्यापक नियामक ढांचे के भीतर शुल्क निर्धारण
  • शिक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश जल्द से जल्द सकल घरेलू उत्पाद का 6% तक पहुंचना
  • नेशनल रिसर्च फाउंडेशन
  • शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण
  • व्यावसायिक, शिक्षक और व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण
  • नई गुणवत्ता एचईआई की स्थापना को आसान बनाया गया
  • स्टैंडअलोन एचईआई और व्यावसायिक शिक्षा संस्थान बहु-विषयक में विकसित होंगे
  • वंचित क्षेत्रों के लिए विशेष शिक्षा क्षेत्र
  • पाली, फारसी और प्राकृत के लिए राष्ट्रीय संस्थान
  • राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया

बता दें कि 34 साल बाद आई नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल-कॉलेज की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए हैं. अब तक छात्र कॉलेज में फिजिक्स के साथ केमिस्ट्री, मैथ्स ही पढ़ सकते थे, लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत छात्र अब फिजिक्स के साथ फैशन डिजाइनिंग और केमिस्ट्री के साथ म्यूजिक भी पढ़ सकेंगे.पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शासनकाल में 1985 में शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया गया था. इसके अगले वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी.

Last Updated : Jul 30, 2020, 9:34 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.