तिरुवंतपुरम : केरल सरकार ने एडम हैरी को वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है, जो एक निजी पायलट का लाइसेंस प्राप्त करने वाले पहले ट्रांसमैन भारतीय हैं. सामाजिक न्याय विभाग हैरी को अपना अध्ययन पूरा करने के लिए 25 लाख रुपये प्रदान करेगा. सामाजिक न्याय विभाग की योजना निधि से 23.34 लाख और शेष राशि अन्य उद्देश्यों के लिए सामाजिक सुरक्षा मिशन केयर के माध्यम से दी जाएगी.
परिवार से अलग हो चुके हैरी का लक्ष्य देश का पहला ट्रांसजेंडर एयरलाइन पायलट बनना है. पायलट बनना उनकी बचपन की महत्वाकांक्षा थी.
हैरी ने निजी पायलट प्रशिक्षण दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग से किया है. उनका यह कोर्स एक साल का था.
गौरतलब है, हैरी के परिवार ने शुरू में अकादमी में शामिल होने और विदेशी में अध्ययन के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में उनका समर्थन किया था. लेकिन जब हैरी ने जब अपना वास्तविक लिंग जारी रखने की इच्छा जाहिर की तो परिवार ने सारी सहायता बंद कर दी.
हैरी आगे की पढ़ाई के लिए राजीव गांधी एकेडमी फार एविएशन स्टडीज में शामिल होने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने भारत में कई विमानन अकादमियों से सम्पर्क किया, लेकिन उनमें किसी ने भी प्रवेश नहीं दिया.
फिलहाल केरल के समाजिक न्याय विभाग ने विमानन प्रौद्योगिकी के लिए राजीव गांधी अकादमी के ट्रेनी पायलट कोर्स में दाखिला लेने के लिए हैरी को हरसंभव सहायता प्रदान की है.