रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड) : पंच केदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान केदारनाथ और द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट बंद होने की तिथि और समय घोषित कर दी गई है. वेदपाठी, हकूकधारी और देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारियों की मौजूदगी में यह घोषणा की गई. जबकि तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कडेण्य तीर्थ मक्कूमठ में वेदपाठियों द्वारा पंचाग गणना के अनुसार घोषित की गई.
बता दें कि, हर साल विजयदशमी के पर्व पर भगवान केदारनाथ, द्वितीय केदार मदमहेश्वर व तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि और समय निर्धारित की जाती है. वेदपाठी, हकूकधारी और देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी एवं कर्मचारियों की मौजूदगी में लगनानुसार यह तय किया जाता है. आज विजयदशमी के पावन पर्व पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीथल ओंकारेश्वर मंदिर में कपाट बंद होने की तिथि और समय निर्धारित की गई.
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एक दिवसीय मेले का आयोजन
भगवान केदारनाथ के कपाट 16 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जायंगे. डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामुपर पहुंचेगी और डोली का दूसरा रात्रि प्रवास गुप्तकाशी में होगी. 18 नवंबर को डोली शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचेगी. यहां पर पहले से मौजूद भक्त डोली का स्वागत करेंगे. द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 19 नवंबर को कपाट सुबह सात बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए जायेंगे. डोली प्रथम रात्रि प्रवास गौंडार में होगा. 20 को डोली रांसी, 21 को गिरिया और 22 को डोली उखीमठ पहुंचेगी और उसी दिन एक दिवसीय मेले का आयोजन किया.
वेदपाठियों द्वारा पंचाग गणना
इससे पहले ये मेला तीन दिवसीय हुआ करना था, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण मेले को एक दिवसीय किया गया है. तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय तीर्थ मक्कूमठ में वेदपाठियों द्वारा पंचाग गणना के अनुसार घोषित की गई. भगवान तुंगनाथ के कपाट चार नवंबर 11 बजकर 30 मिनट पर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जायेंगे.