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नीति आयोग के सदस्य को हमारे बारे में अनर्गल बातें करने का अधिकार नहीं : केसीसीआई - kcci on remarks

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) ने नीति आयोग के सदस्य वी. के. सारस्वत के बयान की निंदा की है. दरअसल कश्मीर में इंटरनेट सेवा पर बैन को लेकर सारस्वत ने कहा था कि घाटी में इंटरनेट का उपयोग सिर्फ अश्लील फिल्में देखने के लिए होता है.

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वीके सारस्वत
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Published : Jan 19, 2020, 10:57 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 11:37 PM IST

श्रीनगर : कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) ने नीति आयोग के सदस्य वी. के. सारस्वत के बयान की कड़ी निंदा की है. जिसमें उन्होंने कहा था कि घाटी में इंटरनेट बंद होने से केंद्र शासित इस प्रदेश का उद्योग प्रभावित नहीं हुआ, बल्कि घाटी में डेटा सेवाओं का उपयोग केवल ‘गंदी फिल्में’ देखने में होता है. केसीसीआई ने उनके इस बयान को तत्काल वापस लेने की भी मांग की है.

केसीसीआई के अध्यक्ष शेख आशिक ने कहा, 'हम इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं. वह कश्मीर के लोगों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. उन्हें किसी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के बारे में ऐसा बोलने और हमारे खिलाफ ऐसी गलत बातें करने का हक नहीं दिया है.'

शनिवार को धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी गुजरात के वार्षिक दीक्षांत समारोह से इतर सारस्वत ने संवाददाताओं से कहा था, ' कश्मीर में इंटरनेट नहीं होने से क्या फर्क पड़ेगा? वहां इंटरनेट पर आप क्या देखते हैं? वहां कौन-सा ऑनलाइन कारोबार हो रहा है? अश्लील फिल्में देखने के अलावा वहां कुछ नहीं होता है.'

पढ़ें- कश्मीर में इंटरनेट को लेकर नीति आयोग सदस्य का अजब बयान

आशिक ने कहा कि पुरी दुनिया जानती है कि घाटी में इंटरनेट बंद है और इसकी वजह से पिछले करीब छह माह में कारोबार जगत को 18,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

उद्योग मंडल ने हाल ही में कश्मीर घाटी में हुये कारोबारी नुकसान के बारे में विस्तृत रिपोर्ट उपराज्यपाल जी सी मुर्मू और केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह को सौंपी है.

पढ़ें- विवादित बयान पर नीति आयोग सदस्य की सफाई, येचुरी ने दी संविधान पढ़ने की नसीहत

उन्होंने कहा, 'चैंबर में हम जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था इंटरनेट बंद होने से कितने गहरे तक प्रभावित हुई है. हमारी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ा है. यदि कोई व्यक्ति ऐसा बयान देता है तो इससे ही पता चलता है कि उसके पास कितना दिमाग है. उन्हें नीति आयोग में रहने का कोई अधिकार नहीं है.'

उल्लेखनीय है कि अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंटवारा कर दिया था. तब से वहां मोबाइल और इंटरनेट सेवायें बंद हैं. पांच महीने बाद शनिवार को ही जम्मू कश्मीर प्रशासन ने घाटी में प्रीपेड मोबाल सेवा शुरू करने का आदेश दिया. इसके साथ ही जम्मू में पोस्टपेड कनेक्शन पर 2जी मोबाइल डेटा सेवा कुछ खास सेवाओं के लिये शुरू किया गया है. कश्मीर में यह सेवा कुपवाड़ा और बांदीपुरा में ही शुरू की गई है.

(पीटीआई-भाषा इनपुट)

श्रीनगर : कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) ने नीति आयोग के सदस्य वी. के. सारस्वत के बयान की कड़ी निंदा की है. जिसमें उन्होंने कहा था कि घाटी में इंटरनेट बंद होने से केंद्र शासित इस प्रदेश का उद्योग प्रभावित नहीं हुआ, बल्कि घाटी में डेटा सेवाओं का उपयोग केवल ‘गंदी फिल्में’ देखने में होता है. केसीसीआई ने उनके इस बयान को तत्काल वापस लेने की भी मांग की है.

केसीसीआई के अध्यक्ष शेख आशिक ने कहा, 'हम इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं. वह कश्मीर के लोगों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. उन्हें किसी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के बारे में ऐसा बोलने और हमारे खिलाफ ऐसी गलत बातें करने का हक नहीं दिया है.'

शनिवार को धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी गुजरात के वार्षिक दीक्षांत समारोह से इतर सारस्वत ने संवाददाताओं से कहा था, ' कश्मीर में इंटरनेट नहीं होने से क्या फर्क पड़ेगा? वहां इंटरनेट पर आप क्या देखते हैं? वहां कौन-सा ऑनलाइन कारोबार हो रहा है? अश्लील फिल्में देखने के अलावा वहां कुछ नहीं होता है.'

पढ़ें- कश्मीर में इंटरनेट को लेकर नीति आयोग सदस्य का अजब बयान

आशिक ने कहा कि पुरी दुनिया जानती है कि घाटी में इंटरनेट बंद है और इसकी वजह से पिछले करीब छह माह में कारोबार जगत को 18,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

उद्योग मंडल ने हाल ही में कश्मीर घाटी में हुये कारोबारी नुकसान के बारे में विस्तृत रिपोर्ट उपराज्यपाल जी सी मुर्मू और केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह को सौंपी है.

पढ़ें- विवादित बयान पर नीति आयोग सदस्य की सफाई, येचुरी ने दी संविधान पढ़ने की नसीहत

उन्होंने कहा, 'चैंबर में हम जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था इंटरनेट बंद होने से कितने गहरे तक प्रभावित हुई है. हमारी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ा है. यदि कोई व्यक्ति ऐसा बयान देता है तो इससे ही पता चलता है कि उसके पास कितना दिमाग है. उन्हें नीति आयोग में रहने का कोई अधिकार नहीं है.'

उल्लेखनीय है कि अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंटवारा कर दिया था. तब से वहां मोबाइल और इंटरनेट सेवायें बंद हैं. पांच महीने बाद शनिवार को ही जम्मू कश्मीर प्रशासन ने घाटी में प्रीपेड मोबाल सेवा शुरू करने का आदेश दिया. इसके साथ ही जम्मू में पोस्टपेड कनेक्शन पर 2जी मोबाइल डेटा सेवा कुछ खास सेवाओं के लिये शुरू किया गया है. कश्मीर में यह सेवा कुपवाड़ा और बांदीपुरा में ही शुरू की गई है.

(पीटीआई-भाषा इनपुट)

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नीति आयोग के सदस्य को हमारे बारे में अनर्गल बातें करने का अधिकार नहीं: केसीसीआई

श्रीनगर, 19 जनवरी (भाषा) कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) ने नीति आयोग के सदस्य वी. के. सारस्वत के उस बयान की कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने कहा कि घाटी में इंटरनेट बंद होने से केंद्र शासित इस प्रदेश का उद्योग प्रभावित नहीं हुआ, बल्कि घाटी में डाटा सेवाओं का उपयोग केवल ‘गंदी फिल्में’ देखने में होता है. केसीसीआई ने उनके इस बयान को तत्काल वापस लेने की भी मांग की है.



केसीसीआई के अध्यक्ष शेख आशिक ने कहा, 'हम इस बयान की कड़ी निंदा करते हैं. वह कश्मीर के लोगों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. उन्हें किसी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के बारे में ऐसा बोलने और हमारे खिलाफ ऐसी गलत बातें करने का हक नहीं दिया है.'



शनिवार को धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी गुजरात के वार्षिक दीक्षांत समारोह से इतर सारस्वत ने संवाददाताओं से कहा था, ' कश्मीर में इंटरनेट नहीं होने से क्या फर्क पड़ेगा? वहां इंटरनेट पर आप क्या देखते हैं? वहां कौन-सा ऑनलाइन कारोबार हो रहा है? गंदी फिल्में देखने के अलावा वहां कुछ नहीं होता है.'



आशिक ने कहा कि पुरी दुनिया जानती है कि घाटी में इंटरनेट बंद है और इसकी वजह से पिछले करीब छह माह में कारोबार जगत को 18,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.



उद्योग मंडल ने हाल ही में कश्मीर घाटी में हुये कारोबारी नुकसान के बारे में विस्तृत रिपोर्ट उपराज्यपाल जी सी मुर्मू और केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह को सौंपी है.



उन्होंने कहा कि चैंबर में हम जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था इंटरनेट बंद होने से कितने गहरे तक प्रभावित हुई है. हमारी अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ा है. यदि कोई व्यक्ति ऐसा बयान देता है तो इससे ही पता चलता है कि उसके पास कितना दिमाग है. उन्हें नीति आयोग में रहने का कोई अधिकार नहीं है.



उल्लेखनीय है कि अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंटवारा कर दिया था. तब से वहां मोबाइल और इंटरनेट सेवायें बंद हैं. पांच महीने बाद शनिवार को ही जम्मू कश्मीर प्रशासन ने घाटी में प्रीपेड मोबाल सेवा शुरू करने का आदेश दिया. इसके साथ ही जम्मू में पोस्टपेड कनेक्शन पर 2जी मोबाइल डेटा सेवा कुछ खास सेवाओं के लिये शुरू किया गया है. कश्मीर में यह सेवा कुपवाड़ा और बांदीपुरा में ही शुरू की गई है.

(पीटीआई-भाषा इनपुट)


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Last Updated : Jan 19, 2020, 11:37 PM IST
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