ETV Bharat / bharat

आमरण अनशन पर बैठे कश्मीरी पंडित नेता, जयराम रमेश ने किया ट्वीट

author img

By

Published : Sep 22, 2020, 4:58 PM IST

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) के अध्यक्ष संजय टिकू पुराने श्रीनगर शहर के ऐतिहासिक गणपति मंदिर में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि एसआरओ 425 के तहत गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए 500 सरकारी नौकरियों का कोटा रखा गया था, लेकिन प्रक्रिया बिना किसी कारण के रुकी हुई है. केंद्र और राज्य की सिफारिश को लागू नहीं किया जा रहा है.

jairam ramesh
जयराम रमेश

श्रीनगर : कश्मीर के गैर-प्रवासी पंडित समुदाय के अधिकारों के लिए कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) के अध्यक्ष संजय टिकू पुराने श्रीनगर शहर के ऐतिहासिक गणपति मंदिर में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. टिकू ने कहा कि घाटी नहीं छोड़ने वाले पंडितों के लिए सरकारी नौकरियों के वादे अधूरे हैं. हम गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए समयबद्ध तरीके से सरकारी नौकरी की मांग करते हैं.

सरकारी नौकरी की मांग

संजय टिकू ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए प्रधानमंत्री के पुनर्वास पैकेज में गैर-प्रवासी पंडितों को शामिल करने के लिए 2013 में उच्च न्यायालय में मामला दायर किया था. अदालत ने केंद्र और राज्य को हमारी मांगों पर विचार करने के लिए निर्देश दिए. तब हमें कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास के लिए पीएम के पैकेज में शामिल किया गया. उन्होंने कहा कि एसआरओ 425 के तहत गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए 500 सरकारी नौकरियों का कोटा रखा गया था, लेकिन प्रक्रिया बिना किसी कारण के रुकी हुई है. केंद्र और राज्य की सिफारिश को लागू नहीं किया जा रहा है. हम गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए समयबद्ध तरीके से सरकारी नौकरी की मांग करते हैं.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दुख जताया

संजय टिकू ने कहा कि समुदाय में निराशा की भावना है, क्योंकि अधिकांश नौकरी के इच्छुक लोग अधिक उम्र की सीमा तक पहुंच रहे हैं. इस बीच, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि 808 कश्मीरी पंडित परिवार घाटी में रहे. वर्षों से वे श्रीनगर में हैं. उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही है. इसी कारण संजय टिकू आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. कश्मीरी पंडितों ने उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कश्मीर की समन्वित परंपराओं की रक्षा की मगर उनकी उपेक्षा की जा रही है, जो दुखद है.

1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीर में उग्रवाद भड़कने के बाद कश्मीरी पंडितों का सामूहिक प्रवास हुआ था. ज्यादातर जम्मू और दिल्ली में बस गए. हालांकि, कुल 808 पंडित परिवार कश्मीर में रहे और पलायन नहीं किया.

श्रीनगर : कश्मीर के गैर-प्रवासी पंडित समुदाय के अधिकारों के लिए कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) के अध्यक्ष संजय टिकू पुराने श्रीनगर शहर के ऐतिहासिक गणपति मंदिर में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. टिकू ने कहा कि घाटी नहीं छोड़ने वाले पंडितों के लिए सरकारी नौकरियों के वादे अधूरे हैं. हम गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए समयबद्ध तरीके से सरकारी नौकरी की मांग करते हैं.

सरकारी नौकरी की मांग

संजय टिकू ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए प्रधानमंत्री के पुनर्वास पैकेज में गैर-प्रवासी पंडितों को शामिल करने के लिए 2013 में उच्च न्यायालय में मामला दायर किया था. अदालत ने केंद्र और राज्य को हमारी मांगों पर विचार करने के लिए निर्देश दिए. तब हमें कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास के लिए पीएम के पैकेज में शामिल किया गया. उन्होंने कहा कि एसआरओ 425 के तहत गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए 500 सरकारी नौकरियों का कोटा रखा गया था, लेकिन प्रक्रिया बिना किसी कारण के रुकी हुई है. केंद्र और राज्य की सिफारिश को लागू नहीं किया जा रहा है. हम गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए समयबद्ध तरीके से सरकारी नौकरी की मांग करते हैं.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दुख जताया

संजय टिकू ने कहा कि समुदाय में निराशा की भावना है, क्योंकि अधिकांश नौकरी के इच्छुक लोग अधिक उम्र की सीमा तक पहुंच रहे हैं. इस बीच, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि 808 कश्मीरी पंडित परिवार घाटी में रहे. वर्षों से वे श्रीनगर में हैं. उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही है. इसी कारण संजय टिकू आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. कश्मीरी पंडितों ने उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कश्मीर की समन्वित परंपराओं की रक्षा की मगर उनकी उपेक्षा की जा रही है, जो दुखद है.

1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीर में उग्रवाद भड़कने के बाद कश्मीरी पंडितों का सामूहिक प्रवास हुआ था. ज्यादातर जम्मू और दिल्ली में बस गए. हालांकि, कुल 808 पंडित परिवार कश्मीर में रहे और पलायन नहीं किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.