कश्मीर : मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के दो भाइयों ने शाॅर्ट वीडियो क्लिप के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन बनाया है. यह एप्लिकेशन चीन के टिकटाॅक का विकल्प है. टिकटाॅक को हाल ही में भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित किया था. नए एप्लिकेशन का नाम न्यूकूलर (Nucular) रखा गया है. यह गुगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर उपलब्ध है.
गुगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं इनके एप
सॉफ्टवेयर इंजीनियर मुहम्मद फारूक वानी और उनके छोटे भाई टीपू सुल्तान वानी (एमबीए और सॉफ्टवेयर में डिप्लोमा धारक) ने अब तक तीन मोबाइल एप्लिकेशंस बनाए हैं. चीन के टिकटाॅक का विकल्प न्यूकूलर दोनों भाइयों की नवीनतम रचना है. कुछ ही दिनों में सौ से अधिक लोगों ने अपने मोबाइल फोन पर इस एप्लिकेशन को डाउनलोड किया है. इससे पहले वानी भाइयों ने चीनी शेयर इट (SHAREit) और कैम स्कैनर (Cam Scanner) के विकल्प के रूप में फाइल शेयर इट (File SHAREit) और डाक्यूमेंट स्कैनर (Document Scanner) विकसित किए थे. यह दोनों एप भी गुगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर उपलब्ध हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी की सराहना
भारत और चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में विवाद के बाद भारत सरकार ने टिकटाॅक सहित 224 चीनी मोबाइल एप्स को अवरुद्ध कर दिया है. टिकटाॅक भारत में बड़े पैमाने पर उपयोग किए जाने वाले मोबाइल एप्स में से एक था. प्रतिबंधित घोषित किए जाने से पहले कई फिल्मी सितारे भी इस एप का उपयोग कर रहे थे. आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है की कहावत सही साबित हुई. टिकटाॅक पर प्रतिबंध ने एक वैकल्पिक एप के लिए आवश्यकता पैदा की थी और दोनों भाइयों ने एप बना आवश्यकता को पूरा कर दिया. इनके बनाए फाइल शेयर इट (File SHAREit) टूल अब तक दस हजार से अधिक लोगों द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है. इसे उपयोगकर्ताओं द्वारा रेटिंग के रूप में 4.1 मिला है. डाक्यूमेंट स्कैनर (Document Scanner) को अब तक सौ से अधिक लोगों द्वारा डाउनलोड किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी मन की बात में चीनी एप्स का विकल्प देने के लिए कश्मीरी भाइयों की सराहना की थी.
चीनी मोबाइल एप्स बैन होने पर मिली प्रेरणा
ईटीवी भारत से टीपू सुल्तान वानी ने कहा कि सरकार के चीनी एप्स को बैन करने के बाद उन्हें वैकल्पिक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करने का विचार आया. लोगों ने हमारे काम की सराहना की. हमारे एप्स को देखने के बाद कई लोगों ने हमें टिकटाॅक के लिए एक वैकल्पिक एप विकसित करने का प्रयास करने के लिए कहा. हम भाइयों ने एक महीने में न्यूकूलर (Nucular) एप विकसित किया. हमने इस एप के मॉड्यूल को इस तरह से बनाया है कि इसे 2G इंटरनेट स्पीड पर भी इस्तेमाल किया जा सके. हमने इस एप में कुछ विशेष सुविधाएं जोड़ी हैं और हम निकट भविष्य में इसे फिर से अपग्रेड करेंगे.
आजीविका के लिए रचनात्मक तरीके खोजें कश्मीरी युवा
वानी ने कहा कि इस एप पर पांच सौ या अधिक अनुयायी होने के बाद एक उपयोगकर्ता का खाता सक्रिय हो जाएगा. इस एप के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को 2,000 रुपये तक कमाने का मौका मिल सकता है. कश्मीर के युवाओं के लिए अपने संदेश में वानी कहते हैं कि बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और हमें अपनी आजीविका के लिए रचनात्मक तरीके खोजने और दूसरों को लाभान्वित करने की आवश्यकता है.