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पीडीपी नेता ने चुनाव से पहले हिजबुल को दिए 10 लाख रुपये : एनआईए - नजरबंदी के कारण शपथ

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्रों के अनुसार, वहीद-उर-रहमान पारा ने 2019 के संसदीय चुनावों से पहले आतंकवादी संगठन को वित्तीय सहायता दी थी. पिछले महीने, एनआईए ने वहीद-उर-रहमान पारा से पूछताछ की, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया.

पीडीपी नेता ने चुनाव से पहले हिजबुल को दिए 10 लाख रुपये : एनआईए
पीडीपी नेता ने चुनाव से पहले हिजबुल को दिए 10 लाख रुपये : एनआईए
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Published : Dec 30, 2020, 6:28 PM IST

श्रीनगर : पीडीपी यूथ विंग के अध्यक्ष वहीद-उर-रहमान पारा ने कथित रूप से आतंकवादी संगठन हिज्बुल-मुजाहिदीन को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्रों के अनुसार, पारा ने 2019 के संसदीय चुनावों से पहले आतंकवादी संगठन को वित्तीय सहायता दी थी.

पिछले महीने, एनआईए ने वहीद-उर-रहमान पारा से पूछताछ की, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया.

एजेंसी के मुताबिक, निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह के मामले में शामिल होने के चलते पारा की गिरफ्तारी हुई थी. इस बीच, पारा ने जिला चुनावों में पुलवामा सीट भी जीत ली है, लेकिन उनकी नजरबंदी के कारण शपथ नहीं ली जा सकी.

पढ़ें : टेरर फंडिंग : आतंकी हाफिज सईद को एक और मामले में 15 साल की जेल

जब ईटीवी भारत ने इस संबंध में वहीद-उर-रहमान के वकील से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने यह कहते हुए टिप्पणी से इनकार कर दिया कि मामला अदालत में है. हालांकि, अपनी रिहाई के लिए एनआईए की विशेष अदालत में पारा द्वारा दायर एक याचिका में, उन्होंने दावा करते हुए उन पर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए उनके खिलाफ साजिश रची है.

श्रीनगर : पीडीपी यूथ विंग के अध्यक्ष वहीद-उर-रहमान पारा ने कथित रूप से आतंकवादी संगठन हिज्बुल-मुजाहिदीन को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्रों के अनुसार, पारा ने 2019 के संसदीय चुनावों से पहले आतंकवादी संगठन को वित्तीय सहायता दी थी.

पिछले महीने, एनआईए ने वहीद-उर-रहमान पारा से पूछताछ की, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया.

एजेंसी के मुताबिक, निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह के मामले में शामिल होने के चलते पारा की गिरफ्तारी हुई थी. इस बीच, पारा ने जिला चुनावों में पुलवामा सीट भी जीत ली है, लेकिन उनकी नजरबंदी के कारण शपथ नहीं ली जा सकी.

पढ़ें : टेरर फंडिंग : आतंकी हाफिज सईद को एक और मामले में 15 साल की जेल

जब ईटीवी भारत ने इस संबंध में वहीद-उर-रहमान के वकील से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने यह कहते हुए टिप्पणी से इनकार कर दिया कि मामला अदालत में है. हालांकि, अपनी रिहाई के लिए एनआईए की विशेष अदालत में पारा द्वारा दायर एक याचिका में, उन्होंने दावा करते हुए उन पर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए उनके खिलाफ साजिश रची है.

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