वाराणसी/पटना: हिंदू धर्म में व्रत, त्योहार और स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. विशेष पर्व पर गंगा और सरोवर में स्नान कर पुण्य प्राप्ति के लिए लोग गंगा घाटों पर पहुंचते है. आज ऐसा ही महापर्व है, जो कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. वाराणसी गंगा घाट सूर्योदय से पहले ही लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई है. प्रभु का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त गंगा घाटों पर पहुंच रहे हैं. घाटों पर भक्त रोहिणी नक्षत्र में स्नान-दान करेंगे.
फिलहाल सुबह से ही लोगों का गंगा घाटों पर पहुंचने का सिलसिला जारी है. जानकारों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान के साथ ही दीप दान का विशेष महत्व होता है, इसलिए गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने के बाद बहते पानी में दीप दान करना या फिर देवालय में पहुंचकर दीप जलाने मात्र से ही सारे कष्टों का निवारण होता है.
यही वजह है कि वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस दिन असंख्य दीपकों के साथ काशी गंगा घाट ऐसे प्रतीत होते हैं, जैसे मानो स्वर्ग धरती पर उतर आया हो. कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली, तुलसी प्राकट्योत्सव और गुरुनानक देव का प्रकाश 551वां प्रकाशोत्सव भी मनाया जाएगा.
वहीं पटना में रोहिणी नक्षत्र में कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के लिए पटना समेत पूरे बिहार में गंगा व अन्य नदियों के घाटों पर श्रद्धालु जुटे हैं. आज भरण और रोहिणी नक्षत्र में स्नान और दान का महत्व है. इसके साथ ही आज देव दीपावली, तुलसी प्राकट्योत्सव और गुरुनानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व भी मनाया जा रहा है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान को महत्वपूर्ण माना गया है. कहा जाता है कि रोहिणी नक्षत्र रहने के कारण पूर्णिमा का स्नान अधिक शुभ होता है. कार्तिक मास को परम पावन कहा गया है. इस माह में किए गए पुण्य कर्मों का अनन्त गुना फल मिलने की मान्यता है.
आज तुलसी पूजा का है खास महत्व
आज भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन तुलसी का बैकुंठ धाम में आगमन हुआ था. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा का खास महत्व है. इसी दिन तुलसी का पृथ्वी पर आगमन भी हुआ था. इस दिन श्रीहरि की पूजा में तुलसी अर्पित करना लाभदायक होता है.
ऐसी मान्यता है कि इस दिन घरों में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाने और भगवान विष्णु की पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं. कार्तिक मास आरोग्य प्रदान करने वाला, रोगविनाशक और सद्बुद्धि प्रदान करने वाला है. यह मां लक्ष्मी की साधना के लिए सर्वोत्तम है.